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Current Affair 26 October 2021

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Current Affairs – 26 October, 2021

ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स

केन्‍द्रीय वाणिज्य, उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने डीपीआईआईटी की पहल ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) में हुई प्रगति की समीक्षा की।

चर्चा में क्यों?

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ (ONDC) परियोजना के लिये एक सलाहकार समिति नियुक्त करने के आदेश जारी किये हैं, जिसका उद्देश्य “डिज़िटल एकाधिकार” को रोकना है।

  • यह ई-कॉमर्स प्रक्रियाओं को ओपन सोर्स बनाने की दिशा में एक कदम है, इस प्रकार एक ऐसा मंच तैयार किया जा रहा है जिसका उपयोग सभी ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं द्वारा किया जा सकता है।
  • इससे पहले, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण के लिये ई-कॉमर्स नियमों का मसौदा जारी किया था, जिसमें ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस जैसे- अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट छोटे व्यवसायों द्वारा शिकायत (कि ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस बाज़ार के प्रभुत्व का दुरुपयोग करते हैं तथा एक अनुचित लाभ हासिल करने के लिये गहरी छूट देते हैं।) किये जाने के बाद कैसे काम करते हैं, में बदलाव लाने की कोशिश करते हैं।

परिचय:

  • ONDC का उद्देश्य किसी विशिष्ट प्लेटफॉर्म पर स्वतंत्र, खुले विनिर्देशों और ओपन नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए ओपन-सोर्स पद्धति पर विकसित ओपन नेटवर्क को बढ़ावा देना है।
  • ओपन-सोर्स तकनीक पर आधारित नेटवर्क के माध्यम से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को एकीकृत करने की परियोजना को भारतीय गुणवत्ता परिषद (Quality Council of India) को सौंपा गया है।
  • ONDC जिसका कार्यान्वयन एकीकृत भुगतान प्रणाली (UPI) की तर्ज पर होने की उम्मीद है, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा किये गए विभिन्न परिचालन पहलुओं को समान स्तर पर ला सकता है।
    • विभिन्न परिचालन पहलुओं में विक्रेताओं की ऑनबोर्डिंग, विक्रेता की खोज, मूल्य की खोज और उत्पाद सूचीकरण आदि शामिल हैं।
  • ONDC पर खरीदार और विक्रेता इस तथ्य के बावजूद लेन-देन कर सकते हैं कि वे एक विशिष्ट ई-कॉमर्स पोर्टल से जुड़े हुए हैं।

ओपन-सोर्स का अर्थ

  • एक सॉफ्टवेयर या एक प्रक्रिया के ओपन-सोर्स होने का अर्थ है कि उसके कोड या उस प्रक्रिया के चरणों को दूसरों के उपयोग, पुनर्वितरण और संशोधन के लिये स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जाता है।
    • उदाहरण के लिये ‘एप्पल’ कंपनी के ‘iPhones’ (iOS) का ऑपरेटिंग सिस्टम ‘क्लोज़्ड सोर्स’ है, जिसका अर्थ है कि इसे कानूनी रूप से संशोधित या परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
    • वहीं दूसरी ओर गूगल का एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम ‘ओपन-सोर्स’ है और इसलिये सैमसंग, श्याओमी, वनप्लस जैसे स्मार्टफोन निर्माताओं द्वारा इसे कुछ विशिष्ट संशोधनों के साथ प्रयोग किया जाता है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमें ‘फ्रॉम टोकन टू टोटल’ (सतही से संपूर्ण स्तर तक) दृष्टिकोण के तहत व्यापक स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि दीहै। हम ‘संतृप्ति दृष्टिकोण’ के साथ प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों के साथ काम कर रहे हैं, जो कि सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए मूल रूप से जुड़े हुए हैं।” श्रीमांडविया ने यह बात उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रधानमंत्री द्वारा कल शुरू किए गए पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन पर एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं।

64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, 2021-22 के बजट में घोषित पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन, सबसे बड़ी अखिल भारतीय स्वास्थ्य अवसंरचना योजना है जिसका उद्देश्य उभरते सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान देने के लिए भारत की क्षमता को एक बहुत ही आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करना है। यह भारत के स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में एक आदर्श बदलाव लाएगा तथा इसे और अधिक मजबूत बनाएगा।

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन की कुछ प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर विभिन्न प्रकार के 134 परीक्षण मुफ्त में किए जाएंगे, जिससे न केवल लागत बचेगी बल्कि गरीब लोगों के लिए अनावश्यक असुविधा भी कम होगी। दूसरे, एशिया में पहली बार, व्यापक चिकित्सा सुविधाओं वाले कंटेनर-आधारित दो अस्पताल हर समय तैयार रखे जाएंगे, जिन्हें देश में किसी भी आपदा या विपदा के समय स्थिति से निपटने के लिए रेल या हवाई मार्ग के जरिए तेजी से इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूत परिणाम देकर भारत को सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी प्रकोपों के प्रबंधन के मामले में दुनिया के सबसे उन्नत देशों में से एक बनाना है। स्वास्थ्य के लिए एक राष्ट्रीय मंच की स्थापना, राष्ट्रीय एड्स अनुसंधान संस्थान के सैटेलाइट सेंटर के रूप में रोग उन्मूलन विज्ञान एवं स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए एक प्रभाग की स्थापना, क्षेत्रीय एनआईवी की स्थापना, मौजूदा राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों को मजबूत करना, एनसीडीसी और मौजूदा प्रयोगशाला अवसंरचना, प्रयोगशालाओं के उन्नयन और आईसीएमआर एवंएनसीडीसी के तहत अतिरिक्त बीएसएल-3 प्रतिष्ठानों का निर्माण, इस तरह के घटक नए संक्रमणों का पता लगाने और निदान करने की दिशा में देश की क्षमता को और मजबूत करेंगे।

नियोजित हस्तक्षेप से पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित कार्यबल की उपलब्धता भी होगी जो नव रोगाणुओं और जैविक खतरों पर निदान एवं अनुसंधान में योगदान कर सकते हैं जिससे विदेशी भागीदारों और प्रयोगशालाओं पर निर्भरता कम होगी।

योजना के तहत प्रस्तावित 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का विकास, ऐसे जिलों को अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान के बिना संक्रामक रोगों के लिए व्यापक उपचार प्रदान करने में काफी हद तक आत्मनिर्भर बना देगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में गहन चिकित्‍सा देखभाल क्षमताओं को भी बढ़ाएगा।

प्वाइंट ऑफ इंट्रीको मजबूत करने जैसी पहल नई संक्रामक बीमारियों और रोगाणुओं को देश में आने से रोक देगी। स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र और कंटेनर आधारित मोबाइल अस्पताल ऐसे समय में प्रभावी आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए क्षमता का निर्माण करेंगे।

राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, जिला एवं प्रखंड स्तरीय प्रयोगशालाओं की स्थापना से बीमारी के प्रकोप का पता लगाने, रोकथाम के लिए आत्मनिर्भरता में मदद मिलेगी। इन प्रयोगशालाओं को निगरानी संबंधी कार्यों के लिए एक नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। यह नेटवर्क एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी आधारित एक मजबूत रिपोर्टिंग तंत्र द्वारा समर्थित होगा।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

 

मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019

मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 को मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019, दिनांक 09.08.2019 द्वारा संशोधित किया गया है। इस धारा में दूसरा प्रावधान यह है कि केन्‍द्र सरकार नियमों द्वारा मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाये जा रहे चार साल से कम उम्र के बच्‍चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्‍ध करा सकती है।

मंत्रालय ने जीएसआर 758(ई) दिनांक 21 अक्टूबर, 2021 के तहत मसौदा नियम बनाए हैं, जिसमें निम्‍नलिखित सिफारिशें की गई हैं –

  1. चार साल से कम आयु के बच्चों को मोटरसाइकिल चालक के साथ अटैच करने के लिए सुरक्षा उपकरण का उपयोग किया जाएगा।
  2. चालक यह सुनिश्चित करेगा कि उसके पीछे बैठे 09 महीने से 4 वर्ष तक की आयु के बच्चे अपना क्रैश हेलमेट पहने हो जो उसके सिर पर फिट बैठता हो या उन्‍होंने ऐसा मोटरसाइकिल हेलमेट पहना हो जो भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत निर्धारित विनिर्देशों [एएसटीएम 1447]/ [यूरोपीय (सीईएन) बीएस ईएन 1080/ बीएस ईएन 1078] का अनुपालन करता हो।
  3. चार साल तक की आयु के बच्चे को पिलियन के रूप में ले जाने वाली मोटरसाइकिल की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।

मोटर वाहन अधिनियम

मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) भारत की संसद द्वारा पारित का एक अधिनियम है जो सड़क परिवहन वाहनों के सभी पहलुओं को नियंत्रित करता है। अधिनियम में ड्राइवर/कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के पंजीकरण, परमिट के माध्यम से मोटर वाहनों पर नियंत्रण, राज्य परिवहन उपक्रमों से संबंधित विशेष प्रावधान, यातायात विनियमन, बीमा, देयता, अपराध और दंड, आदि के बारे में विधायी प्रावधान दिए गए हैं। अधिनियम के विधायी प्रावधानों का प्रयोग करने के लिए, भारत सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 बनाया

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.1 PRE

 

2050 तक नेट जीरो के लिए सैद्धांतिक समर्थन

ऑस्ट्रेलियाई कैबिनेट उन शर्तों पर विचार करने के लिए तैयार है, जिन्हें सरकार के कनिष्ठ गठबंधन सहयोगी ने 2050 तक शून्य शुद्ध कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के लिए प्रस्तुत किया है।

मुख्य बिंदु

  • लक्ष्य के लिए नेशनल्स पार्टी के सैद्धांतिक समर्थन पर 24 अक्टूबर, 2021 को एक बैठक में सहमति प्रकट की गयी।
  • यह समर्थन ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन की पृष्ठभूमि में ऑस्ट्रेलिया के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी योजना लेना चाहते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में उत्सर्जन

ऑस्ट्रेलिया में उत्सर्जन कम करना एक राजनीतिक रूप से भयावह मुद्दा है। ऑस्ट्रेलिया कोयले और तरल प्राकृतिक गैस के दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। यह कोयले से चलने वाली बिजली पर भारी निर्भरता के कारण प्रति व्यक्ति दुनिया के सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक में से एक है।

ग्लासगो शिखर सम्मेलन (Glasgow Summit)

ग्लासगो शिखर सम्मेलन को COP26 के नाम से भी जाना जाता है। यह शिखर सम्मेलन 31 अक्टूबर, 2021 से 12 नवंबर, 2021 तक आयोजित किया जायेगा। यह शिखर सम्मेलन पेरिस जलवायु समझौते के अनुसार देशों द्वारा 2 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान तक वार्मिंग को सीमित करने के लिए की गई प्रगति का आकलन करेगा। यह शिखर सम्मेलन पेरिस समझौते (CMA2) और पार्टियों के 26वें सम्मेलन (COP) के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के लिए पार्टियों की तीसरी बैठक है।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (United Nations Climate Change Conference)

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन वार्षिक रूप से संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के ढांचे के तहत आयोजित किया जाता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने में प्रगति का आकलन करने के साथ-साथ क्योटो प्रोटोकॉल पर बातचीत करने के लिए सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं।

SOURCE-THE HINDU

PAPER-G.S.3

 

नवाचार दिवस

भारत और स्वीडन ने 26 अक्टूबर को 8वां नवाचार दिवस (Innovation Day) मनाया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कई पहलुओं और हरित परिवर्तन लाने के संभावित समाधानों पर चर्चा की।

मुख्य बिंदु

  • जलवायु परिवर्तन के कई पहलुओं पर चर्चा के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम को 9 भागों में विभाजित किया गया था। दोनों पक्षों ने हरित परिवर्तन शुरू करने के संभावित समाधानों पर भी चर्चा की।
  • इस सत्र में, उन्होंने जलवायु के अनुकूल समाधान पेश करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान भी किया।

इस ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन ‘Accelerating India Sweden’s Green Transition’ थीम के तहत किया गया।

भारत स्वीडन नवाचार दिवस की मेजबानी स्वीडन में भारत के दूतावास, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और स्वीडन-भारत व्यापार परिषद के सहयोग से “इंडिया अनलिमिटेड” द्वारा की गई थी।

भारत-स्वीडन संबंध

भारत और स्वीडन के बीच द्विपक्षीय संबंध ऐतिहासिक हैं। स्वीडन उन देशों में शामिल है, जिन्होंने वर्ष 1947 में यूनाइटेड किंगडम से भारत की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। दोनों देशों ने 1949 में अपने औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए। भारत ने स्टॉकहोम में एक दूतावास की स्थापना की है। दूसरी ओर, स्वीडन ने नई दिल्ली में एक दूतावास की स्थापना की। स्वीडन ने कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में मानद वाणिज्य दूतावास भी स्थापित किए हैं।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.2

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