Current Affairs – 26 September, 2021
चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’
भारतीय नौसेना ने रविवार को कहा कि वह चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ से उत्पन्न स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और उसके पोतों और विमानों को बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैयार रखा गया है। भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि ‘गुलाब’ तूफान के रविवार की मध्यरात्रि ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्नम तट के बीच से गुजरने की संभावना है।
मौसम विज्ञान के नए अवलोकनों के अनुसार, क्लाउड बैंड ने तटीय क्षेत्रों को छू लिया है और इस प्रकार लैंडफॉल की प्रक्रिया उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और उससे सटे दक्षिण तटीय ओडिशा में शुरू हो गई है। इसका असर दिखाई दे रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार तूफान के पहले 75 से 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और तटीय इलाकों में भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने इसके मद्देनजर पहले ही रेड अलर्ट जारी किया था। शाम पांच बजे के आसपास गुलाब ओडिशा के गोपालपुर से 125 किलोमीटर और आंध्र के कलिंगपट्टनम से 160 किलोमीटर दूर था। यह आधी रात तक कलिंगपट्टनम और गोपालपुर के बीच तट को पार करेगा।
ईस्ट कोस्ट रेलवे ने 34 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इसके अलावा 13 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है और 17 ट्रेनों का मार्ग बदला गया है। रेलवे की ओर से पुलों और सिग्नल ऑपरेशन पर नजर रखी जा रही है।
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया कि ‘चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ का शाम करीब छह बजे शुरू हुआ लैंडफॉल का सिलसिला अब भी जारी है। आसमान में जो गहरे बादल घिर आए हैं उसके 1-1.5 घंटे में समुद्र की तरफ बढ़ने की उम्मीद है। इस दौरान ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।’
पाकिस्तान ने दिया है नाम
इस बार के चक्रवात का नाम ‘गुलाब’ पड़ोसी देश पाकिस्तान ने दिया है। ‘गुलाब’ शब्द एक बारहमासी फूल वाले पौधे को संदर्भित करता है। आईएमडी के ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार उष्णकटिबंधीय चक्रवात गुलाब का नाम ‘गुल-आब’ रखा गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात बेसिन के नामों की एक लिस्ट रखता है जो नियमित आधार पर बदलता है। इससे पहले देश में चक्रवात ताउते और यास आया था।
चक्रवात
चक्रवात (साइक्लोन) घूमती हुई वायुराशि का नाम है।
उत्पत्ति के क्षेत्र के आधार पर चक्रवात के दो भेद हैं :
- उष्ण कटिबंधीय चक्रवात या वलकियक चक्रवात (Tropical cyclone), तथा
- बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात या शीतोष्णकटिबंधीय चक्रवात या उष्णवलयपार चक्रवात (Extratropical cyclone या Temperate cyclones)
उष्णवलयिक चक्रवात – ये वायुसंगठन या तूफान हैं, जो उष्ण कटिबंध में तीव्र और अन्य स्थानों पर साधारण होते हैं। इनसे प्रचुर वर्षा होती है। इनका व्यास 50 से लेकर 1,000 मील तक का तथा अपेक्षाकृत निम्न वायुदाब वाला क्षेत्र होता है। ये 20 से लेकर 30 मील प्रति घण्टा तक के वेग से चलते हैं। इनमें वायुघूर्णन 90 से लेकर 130 मील प्रति घण्टे तक का होता है। ये वेस्ट इंडीज में प्रभंजन (hurricane) तथा चीनसागर एवं फिलिपिन में बवंडर (typhoon) और अमेरिका में टोर्नेडो तथा ऑस्ट्रेलिया में विल्ली विलिज कहे जाते हैं।
उष्णवलयपार चक्रवात – यह मध्य एवं उच्च अक्षांशों का निम्न वायुदाब वाला तूफान है। इसका वेग 20 से लेकर 30 मील प्रति घण्टे के वेग से सर्पिल रूप से चलती है। प्राय: इससे हिमपात एवं वर्षा होती है।
दोनों प्रकार के चक्रवात उत्तरी गोलार्ध में वामावर्त (counter-clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त (clockwise) रूप में संचारित होते हैं। उष्णवलयपार चक्रवात में साधरणतया वायु-विचनल-रेखा होती है, जो विषुवत की ओर निम्नवायुकेन्द्र में सैकड़ों मील तक बढ़ी रहती है तथा गरम एवं नम वायु को ठण्डी और शुष्क वायु से पृथक् करती है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1
प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान
एक ऐतिहासिक पहल के तहत, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 27 सितंबर, 2021 को प्रात: 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान (पीएम-डीएचएम) का शुभारंभ करेंगे। इसके पश्चात, प्रधानमंत्री इस अवसर पर अपना संबोधन भी देंगे।
प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2020 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी। वर्तमान में, पीएम-डीएचएम छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है।
पीएम-डीएचएम का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ एनएचए की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) की तीसरी वर्षगांठ के साथ ही किया जा रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (पीएम-डीएचएम) के बारे में
जन धन, आधार और मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों के रूप में तैयार बुनियादी ढांचे के आधार पर, पीएम-डीएचएम स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा जिससे बुनियादी ढांचा सेवाओं के साथ-साथ अंतर-प्रचालनीय और मानक-आधारित डिजिटल प्रणाली का विधिवत लाभ उठाया जा सकेगा। इस अभियान के अंतर्गत नागरिकों की सहमति से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री-डीएचएम के प्रमुख घटकों में प्रत्येक नागरिक के लिए एक स्वास्थ्य आईडी शामिल है जो उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी कार्य करेगी, जिससे व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है। इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (एचपीआर) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (एचएफआर), आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक संग्रह के रूप में कार्य करेंगी। यह चिकित्सकों/अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा।
अभियान के एक हिस्से के रूप में तैयार किया गया पीएम-डीएचएम सैंडबॉक्स, प्रौद्योगिकी और उत्पाद जांच के लिए एक ढांचे के रूप में कार्य करेगा और ऐसे निजी संगठनों को भी सहायता प्रदान करेगा, जो राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य परितंत्र का हिस्सा बनते हुए स्वास्थ्य सूचना प्रदाता या स्वास्थ्य सूचना उपयोगकर्ता अथवा पीएम-डीएचएम के तैयार ब्लॉक्स के साथ कुशलता से स्वयं को जोड़ने की मंशा रखते हैं।
भुगतानों के मामले में क्रांतिकारी बदलाव के रूप में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस द्वारा निभाई गई भूमिका के समान ही यह अभियान डिजिटल स्वास्थ्य परितंत्र के भीतर भी अंतर-प्रचालन क्रियाशीलता लाएगा और इसके माध्यम से नागरिक सिर्फ एक क्लिक के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच सकेंगे।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
सैन्य इंजीनियर सेवा दिवस
मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज (एमईएस) एक प्रमुख निर्माण एजेंसी है और भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के स्तंभों में से एक है जो सशस्त्र बलों और रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के संबद्ध संगठनों को रियर लाइन इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करती है। यह लगभग 30000 करोड़ रुपये के कुल वार्षिक कार्यभार के साथ भारत में सबसे बड़ी निर्माण और रखरखाव एजेंसियों में से एक है।
एमईएस सीमावर्ती क्षेत्रों सहित देश भर में आवासीय और कार्यालय भवनों, अस्पतालों, सड़कों, रनवे और समुद्री संरचनाओं जैसी विविध निर्माण गतिविधियों को अंजाम देती है। पारंपरिक भवनों के अलावा, एमईएस परिष्कृत और जटिल प्रयोगशालाओं, कारखानों, कार्यशालाओं, हैंगर, गोला-बारूद भंडारण सुविधाओं, डॉकयार्ड, जेटी / घाटों और अन्य जटिल / विशेष संरचनाओं के निर्माण में भी शामिल है।
इस साल दुनिया ने निर्माण उद्योग को प्रभावित करने वाले कोविड-19 महामारी के अभूतपूर्व संकट को देखा और एमईएस भी इससे अछूता नहीं रहा। हालांकि एमईएस द्वारा किए गए प्रशंसनीय प्रयासों ने सभी सैन्य स्टेशनों में “निर्बाध आवश्यक सेवाएं” सुनिश्चित कीं। एमईएस ने निर्धारित समय सीमा में देश भर में मौजूदा परिसंपत्तियों को कोविड देखभाल सुविधाएं बनाने और संशोधित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एमईएस द्वारा पुणे में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने वाले एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन जनवरी 2021 में किया गया है।
समकालीन निर्माण प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए एमईएस ने नवीनतम निर्माण तकनीकों को शामिल करते हुए बड़े मूल्य की परियोजनाओं के लिए निविदा की इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण (ईपीसी) पद्धति को अपनाया है। सरकार की नीतियों के अनुरूप, विज़न और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के इरादे से महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं, नीतियों और नियामक दस्तावेजों को भी हाल ही में अद्यतन किया गया है।
एमईएस समग्र राजकोषीय विवेक सुनिश्चित करने और बिजली दरों को कम करने में भी सबसे आगे रहा है। सौर ऊर्जा परियोजनाओं, लेड आधारित पद्धतियों के इस्तेमाल और गृह ग्रीन बिल्डिंग मानदंडों को अपनाकर, एमईएस ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण-प्रणाली संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। एमईएस ने विभिन्न कार्यों को स्वचालित करने के लिए एक प्रमुख अभियान भी चलाया गया है जो न केवल लगने वाले समय को कम करेगा, बल्कि छिपी हुआ उत्पादकता को सामने लाकर काम के माहौल को भी बदल देगा तथा पारदर्शिता और क्षमता में बढ़ोतरी भी करेगा।
99वें सैन्य इंजीनियर सेवा स्थापना दिवस के अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह इंजीनियर-इन-चीफ ने सभी सैन्य इंजीनियर सेवा कर्मियों को बधाई दी और उनसे इस महान संगठन के लिए खुद को समर्पित करने तथा सशस्त्र सेनाओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करके राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
PLI योजना
केंद्र सरकार ने 23 सितंबर, 2021 को ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के बारे में अधिसूचित किया।
मुख्य बिंदु
- इससे पहले सरकार ने 15 सितंबर, 2021 को ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए PLI योजना को मंजूरी दी थी।
- ऑटो क्षेत्र के लिए PLI योजना पूरे भारत में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्माण के लिए उद्योग की लागत अक्षमताओं को दूर करने का प्रयास करती है।
- यह प्रोत्साहन संरचना उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों के लिए स्वदेशी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए नए निवेश करने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करेगी।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में निवेश
एक अनुमान के मुताबिक ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स इंडस्ट्री पांच साल की अवधि में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी। इससे लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये का वृद्धिशील उत्पादन होगा और 7.5 लाख नौकरियों के अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा होंगे। नतीजतन, वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
ऑटो क्षेत्र के लिए PLI योजना
ऑटो सेक्टर के लिए PLI योजना मौजूदा ऑटोमोटिव कंपनियों और नई गैर-ऑटोमोटिव निवेशक कंपनियों के लिए खुली है। इसके दो घटक हैं, कंपोनेंट चैंपियन इंसेंटिव स्कीम और चैंपियन ओईएम इंसेंटिव स्कीम। यह योजना वित्तीय वर्ष 2022-2023 से शुरू होकर पांच साल की अवधि के लिए लागू की जाएगी।
- चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना: यह योजना एक ‘बिक्री मूल्य से जुड़ी’ योजना है। यह सभी सेगमेंट के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों पर लागू होगी।
- कंपोनेंट चैंपियन इंसेंटिव स्कीम : यह स्कीम ‘सेल्स वैल्यू लिंक्ड’ स्कीम है। यह सभी वाहनों के पूर्व-अनुमोदित एडवांस्ड ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी घटकों पर लागू होता है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.3
चीन ने सभी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) लेनदेन को अवैध घोषित किया
सेंट्रल बैंक ऑफ चाइना ने 23 सितंबर, 2021 को सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को अवैध घोषित कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- बिटकॉइन सहित क्रिप्टोकरेंसी के वैश्विक मूल्यों में 2020-2021 के दौरान बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव आया है।
- पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) के अनुसार, वर्चुअल मुद्रा से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियाँ अवैध वित्तीय गतिविधियाँ हैं।
- कानून के अनुसार अपराधियों की “आपराधिक दायित्व के लिए जांच” की जाएगी।
- चीनी नोटिस ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सभी संबंधित वित्तीय गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जैसे कि वर्चुअल करेंसी डेरिवेटिव से जुड़े लेनदेन, टोकन बेचना, क्रिप्टो ट्रेडिंग इत्यादि।
प्रतिबंध क्यों लगाया गया?
पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के अनुसार, बिटकॉइन और अन्य वर्चुअल मुद्राओं का व्यापार व्यापक हो गया है और आर्थिक व वित्तीय व्यवस्था को बाधित कर रहा है। इसने मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी, अवैध धन उगाहने, पिरामिड योजनाओं और अन्य अवैध और आपराधिक गतिविधियों को भी जन्म दिया है। ये व्यवधान लोगों की संपत्ति की सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल रहे थे। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, चीन ने सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को अवैध घोषित कर दिया है।
चीन के लिए प्रतिबंध का महत्व
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध ने चीन के लिए अपनी डिजिटल मुद्रा पेश करने के द्वार खोल दिए हैं। चीन की अपनी डिजिटल मुद्रा पहले से ही पाइपलाइन में है। यह चीन की केंद्र सरकार को लेनदेन की निगरानी करने की अनुमति देगा।
पृष्ठभूमि
2019 से चीन में क्रिप्टो निर्माण और व्यापार पहले से ही अवैध है।
क्रिप्टोकरेंसी
यह एक डिजिटल परिसंपत्ति है जो विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करती है जहां कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में अलग-अलग सिक्के के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बही में संग्रहीत किया जाता है। ये रिकॉर्ड एक मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके संग्रहीत किए जाते हैं ताकि लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जा सके।
पहली क्रिप्टोकरेंसी
बिटकॉइन (Bitcoin) 2009 में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी की गयी पहली क्रिप्टोकरेंसी है। यह पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी (decentralized cryptocurrency) है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.3