Current Affairs – 29 November, 2021
संसद के शीतकालीन सत्रके शुरुआत पर प्रधानमंत्री द्वारा
मिडिया को दिए गये वक्तव्य
संसद का यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हिन्दुस्तान में चारों दिशाओं में से इस आज़ादी के अमृत महोत्सव के नीमित रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित के लिए, राष्ट्र हित के लिए, सामान्य नागरिक अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं, कदम उठा रहे हैं, और आजादी के दिवानों ने जो सपने देखे थे उन सपनों को पूरा करने के लिए सामान्य नागरिक भी इस देश का अपना कोई न कोई दायित्व निभाने का प्रयास कर रहा है। यह खबरें अपने आप में भारत के उज्जवल भविष्य के लिए शुभ संकेत है।
कल हमने देखा है। पिछले दिनों संविधान दिवस भी, नए संकल्प के साथ संविधान के spirit को चरित्रार्थ करने के लिए हर किसी के दायित्व के संबंध में पूरे देश ने एक संकल्प किया है इन सबके परिपेक्ष में हम चाहेगें, देश भी चाहेगा, देश का हर सामान्य नागरिक चाहेगा कि भारत का यह संसद का यह सत्र और आगे आने वाला भी सत्र आजादी के दीवानों की जो भावनाएं थी, जो spirit था, आजादी के अमृत महोत्सव का जो spirit है, उस spirit के अनुकूल संसद भी देश हित में चर्चा करें, देश की प्रगृति के लिये रास्ते खोजे, देश की प्रगृति के लिए नये उपाय खोजें और इसके लिए यह सत्र बहुत ही विचारों की समृद्धि वाला, दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले सकारात्मक निर्णय करने वाला बने। मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा contribution किया उस तराजू पर तौला जाएं, ना कि किसने कितना जोर लगाकर के संसद के सत्र को रोक दिया यह मानदंड़ नहीं हो सकता। मानदंड यह होगा कि संसद में कितने घंटे काम हुआ, कितना सकारात्मक काम हुआ। हम चाहते हैं, सरकार हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है, खुली चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है और आजादी के अमृत महोत्सव में हम यह भी चाहेंगे कि संसद में सवाल भी हो, संसद में शांति भी हो।
हम चाहते हैं, संसद में सरकार के खिलाफ, सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज़ प्रखर होनी चाहिए, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, चेयर की गरिमा इन सबके विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए। पिछले सत्र के बाद करोना की एक विकट परिस्थिति में भी देश ने 100 करोड़ से अधिक डोज़ेज, करोना वैक्सीन और अब हम 150 करोड़ की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नए वैरिएंट की खबरें भी हमें और भी सतर्क करती हैं, और सजग करती है। मैं संसद के सभी साथियों को भी सतर्क रहने की प्रार्थना करता हूँ। आप सभी साथियों को भी सतर्क रहने के लिए प्रार्थना करता हूँ। क्योंकि आप सबका उत्तम स्वास्थ्य, देशवासियों का उत्तम स्वास्थ्य ऐसी संकट की घड़ी में हमारी प्राथमिकता है।
देश की 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को इस करोनाकाल के संकट में और अधिक तकलीफ न हो इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से अनाज मुफ्त में देने की योजना चल रही है। अब इसे मार्च 2022 तक समय आगे कर दिया गया है। करीब दो लाख साठ हजार करोड़ रुपये की लागत से, अस्सी करोड़ से अधिक देशवासियों को गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे इसकी चिंता की गई है। मैं आशा करता हूँ कि इस सत्र में देश हित के निर्णय हम तेजी से करें, मिलजुल करके करें। सामान्य मानव की आशा- अपेक्षाओं को पूर्ण करने वाले करें। ऐसी मेरी अपेक्षा है।… बहुत- बहुत धन्यवाद।
संसद के सत्र और बैठकें
लोक सभा प्रत्येक आम चुनाव के बाद चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने पर गठित होती है। लोक सभा की पहली बैठक शपथ विधि के साथ शुरू होती है। इसके नव निर्वाचित सदस्य ‘भारत के संविधान के प्रति श्रद्धा और निष्ठा रखने के लिए’, ‘भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखने के लिए’ और ‘संसद सदस्य के कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करने के लिए’ शपथ लेते हैं।
राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रण
राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को बैठक के लिए आमंत्रित करता है। प्रत्येक अधिवेशन की अंतिम तिथि के बाद राष्ट्रपति को छह मास के भीतर आगामी अधिवेशन के लिए सदनों को बैठक के लिए आमंत्रित करना होता है। यद्यपि सदनों को बैठक के लिए आमंत्रित करने की शक्ति राष्ट्रपति में निहित है तथापि व्यवहार में इस आशय के प्रस्ताव की पहल सरकार द्वारा की जाती है।
संसद के सत्र
सामान्यतः प्रतिवर्ष संसद के तीन सत्र या अधिवेशन होते हैं। यथा बजट अधिवेशन (फरवरी-मई), मानसून अधिवेशन (जुलाई-अगस्त) और शीतकालीन अधिवेशन (नवंबर-दिसंबर)। किंतु, राज्यसभा के मामले में, बजट के अधिवेशन को दो अधिवेशनों में विभाजित कर दिया जाता है। इन दो अधिवेशनों के बीच तीन से चार सप्ताह का अवकाश होता है। इस प्रकार राज्यसभा के एक वर्ष में चार अधिवेशन होते हैं।
राष्ट्रपति का अभिभाषण
नव निर्वाचित सदस्यों की शपथ के बाद अध्यक्ष का चुनाव होता है। इसके बाद, राष्ट्रपति संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में एक साथ संसद के दोनों सदनों के समक्ष अभिभाषण करता है। राष्ट्रपति का अभिभाषण बहुत महत्वपूर्ण अवसर होता है। अभिभाषण में ऐसी नीतियों एवं कार्यक्रमों का विवरण होता है जिन्हें आगामी वर्ष में कार्यरूप देने का विचार हो। साथ ही, पहले वर्ष की उसकी गतिविधियों और सफलताओं की समीक्षा भी दी जाती है। वह अभिभाषण चूंकि सरकार की नीति का विवरण होता है अंत: सरकार द्वारा तैयार किया जाता है। अभिभाषण पर चर्चा बहुत व्यापक रूप से होती है। धन्यवाद प्रस्ताव के संशोधनों के द्वारा उन मामलों पर भी चर्चा हो सकती है जिनका अभिभाषण में विशेष रूप से उल्लेख न हो।
अध्यक्ष/उपाध्यक्ष का चुनाव
लोक सभा सदन के दो सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुनती है। कुछ ऐसी परंपरा बनी है कि उपाध्यक्ष विपक्ष के सदस्यों में से चुना जाता है। प्रायः यह कोशिश रहती है कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा राज्यसभा में सभापति और उपसभापति का यह काम है कि वे अपने सदन की कार्यवाही को व्यवस्थित ढंग से नियमों के अनुसार चलाएं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
प्रसून जोशी
“एक आसमान कम होता है, और आसमान मंगवा दो…..” प्रसिद्ध गीतकार और रचनात्मक लेखक श्री प्रसून जोशी ने गोवा में 52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के समापन समारोह में‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर‘ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने, यह बात कही।
श्री प्रसून जोशी को यह पुरस्कार सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर द्वारा सिनेमा, लोकप्रिय संस्कृति और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कलात्मक कार्यों में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।
आईएफएफआई के बारे में
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की स्थापना 1952 में की गई थी। यह एशिया का अत्यंत महत्त्वपूर्ण फिल्म महोत्सव है। इसका आयोजन वार्षिक रूप से होता है। मौजूदा समय में यह आयोजन गोवा में किया जाता है। महोत्सव का उद्देश्य दुनिया भर के सिनेमा को एक साझा मंच उपलब्ध कराना है, ताकि फिल्म कला की उत्कृष्टता सामने आये, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में वहां के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को प्रकट करने वाली फिल्मों को समझने-जानने का मौका मिले तथा दुनिया के लोगों के बीच मैत्री और सहयोग को प्रोत्साहन मिले। महोत्सव का आयोजन फिल्म महोत्सव निदेशालय (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन) और गोवा राज्य सरकार मिलकर करते हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1 PRE
निजी बैंकों के लिए RBI के नए मानदंड
26 नवंबर, 2021 को, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निजी बैंकों के लिए नए मानदंड जारी किए।
मुख्य बिंदु
- नए नियमों के तहत RBI ने बैंकों में प्रमोटरों की हिस्सेदारी की सीमा 15% से बढ़ाकर 26% करने के सुझाव को स्वीकार कर लिया है।
- हालांकि, यह अभी भी जांच कर रहा है कि क्या औद्योगिक घरानों को एक आंतरिक कार्य समूह की सिफारिशों के अनुसार बैंक चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
- कुल मिलाकर, RBI ने IWG की 33 में से 21 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।
आंतरिक कार्य समूह (Internal Working Group – IWG)
IWG का नेतृत्व RBI के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक प्रसन्न कुमार मोहंती कर रहे हैं। यह समूह 12 जून, 2021 को स्थापित किया गया था। इसने 20 नवंबर को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन के बाद बड़े कॉर्पोरेट या औद्योगिक घरानों को बैंकिंग में अनुमति दी जानी चाहिए। RBI ने इस सुझाव को नहीं माना।
सिफारिशों पर RBI का आह्वान
- केंद्रीय बैंक ने कहा कि, किसी व्यक्ति या गैर-वित्तीय संस्थान के लिए गैर-प्रवर्तक शेयरधारिता की सीमा 10% होनी चाहिए, जबकि IWG ने इसे सभी प्रकार के गैर-प्रवर्तक शेयरधारकों के लिए 15 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया था।
- हालांकि, RBI ने वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU), सुपर नैशनल संस्थानों या सरकार को निजी बैंकों में 15% हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी।
- RBI के पहले के नियमों के अनुसार, गैर-प्रवर्तक शेयरधारिता अच्छी तरह से विविध, विनियमित और सूचीबद्ध वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रमों, सुपर नैशनल संस्थानों या सरकार के लिए 40% तक बढ़ सकती है।
- RBI ने प्रमोटरों द्वारा शेयरों को गिरवी रखने के लिए “रिपोर्टिंग तंत्र” के सुझावों को स्वीकार कर लिया।
- इसने IWG की सिफारिश को स्वीकार कर लिया कि बैंकों के पास कम से कम 1,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी होनी चाहिए।
स्थापना
- भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई।
- रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थापित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया। केंद्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहां गवर्नर बैठते हैं और जहां नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं।
- यद्यपि प्रारंभ में यह निजी स्वामित्व वाला था, 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।
प्रस्तावना
- भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रस्तावना में बैंक के मूल कार्य इस प्रकार वर्णित किए गए हैं:
- “भारत में मौद्रिक स्थिरता प्राप्त करने की दृष्टि से बैंक नोटों के निर्गम को विनियमित करना तथा प्रारक्षित निधि को बनाएं रखना और सामान्य रूप से देश के हित में मुद्रा और ऋण प्रणाली संचालित करना, अत्यधिक जटिल अर्थव्यवस्था की चुनौती से निपटने के लिए आधुनिक मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क रखना, वृद्धि के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना।”
केंद्रीय बोर्ड
- रिज़र्व बैंक का कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। भारत सरकार भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड को नियुक्त करती है।
- नियुक्ति/नामन चार वर्ष के लिए होता है
- गठन
- सरकारी निदेशक
- पूर्ण-कालिक : गवर्नर और अधिकतम चार उप गवर्नर
- गैर- सरकारी निदेशक
- सरकार द्वारा नामित : विभिन्न क्षेत्रों से दस निदेशक और दो सरकारी अधिकारी
- अन्य : चार निदेशक – चार स्थानीय बोर्डों से प्रत्येक से एक
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.3
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
19 नवम्बर, 2021 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 289 मिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 640.874 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है।
विदेशी मुद्रा भंडार
इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं। ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों, सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है। इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।
19 नवम्बर, 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) : $575.712 बिलियन
गोल्ड रिजर्व : $40.391 बिलियन
आईएमएफ के साथ एसडीआर : $19.110 बिलियन
आईएमएफ के साथ रिजर्व की स्थिति : $5.188 बिलियन
SOURCE-DANIK JAGRAN
PAPER-G.S.3
‘स्ट्रीट’ परियोजना
केरल पर्यटन राज्य के अंदरूनी और भीतरी इलाकों में पर्यटन को गहराई तक ले जाने के लिए सात जिलों में चुनिंदा स्थानों पर “स्ट्रीट प्रोजेक्ट” शुरू करने जा रहा है। STREET का अर्थ है – “Sustainable, Tangible, Responsible, Experiential, Ethnic, Tourism hubs”।
स्ट्रीट प्रोजेक्ट (STREET Project)
- यह परियोजना आगंतुकों को इन स्थानों की विविधता का अनुभव करने में मदद करेगी।
- पहले चरण में, इस परियोजना को निम्नलिखित स्थानों पर लागू किया जाएगा:
- कोझिकोड में कदलुंडी
- पलक्कड़ में त्रिथला और पट्टीथारा
- कन्नूरी में पिनाराई और अंचारक्कंडी
- कोट्टायम में मरावन्थुरुथु और मंचिरा
- कासरगोडी में वलियापरम्बा
- इडुक्की और में केंथलूर
- वायनाड में चेकाडी।
परियोजना का विषय
इस परियोजना के तहत ग्रीन स्ट्रीट, विलेज लाइफ एक्सपीरियंस स्ट्रीट, कल्चरल स्ट्रीट, एक्सपेरिमेंटल टूरिज्म स्ट्रीट, वाटर स्ट्रीट, एग्री-टूरिज्म स्ट्रीट और आर्ट स्ट्रीट जैसे विषयों की योजना बनाई गई है। ये गलियाँ चुनिंदा स्थानों की विशिष्टताओं के अनुरूप होंगी और अनुभवात्मक पर्यटन पर भी ध्यान केंद्रित करेंगी।
परियोजना का उद्देश्य
STREET परियोजना का उद्देश्य यात्रियों के सामने केरल राज्य की विशिष्ट पहचान प्रस्तुत करना है। यह पर्यटन क्षेत्र में विकास की एक बड़ी संभावना भी प्रदान करती है। यह परियोजना केरल राज्य में पर्यटन विकास और लोगों के सामान्य जीवन के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी जैविक संबंधों को बढ़ावा देगी।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1 PRE