Current Affairs – 29 October, 2021
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला
दक्षिण एशिया क्षेत्र में सबसे प्रतीक्षित व्यावसायिक आयोजनों में से एक, भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 14 नवंबर से 27 नवंबर, 2021 तक फिर से नई दिल्ली के प्रगति मैदान में ही आयोजित होने जा रहा है। वार्षिक रूप से आयोजित होने वाले इस मेले में रिकॉर्ड संख्या में लोगों की उपस्थिति होती है। कोविड-9 महामारी के कारण पिछले वर्ष इसका आयोजन नहीं किया गया था।
भारतीय तथा विदेशी व्यवसायिक समुदायों के बीच इस मेले को लेकर बहुत दिलचस्पी होती है जो अपने व्यवसाय लक्ष्यों को फिर से प्राप्त करने तथा सही प्रकार के खरीदारों के बीच अपने ब्रांड को स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं। भागीदारों की भारी दिलचस्पी को देखते हुए आयोजक भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) ने मेले में बुकिंग स्पेस के लिए नए आवेदकों की सहायता के लिए एक समर्पित ‘हेल्प डेस्क’ उपलब्ध कराने के माध्यम से व्यापक व्यवस्था की है।
प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) के नए प्रदर्शनी केंद्र के समावेशन के कारण, आईआईटीएफ 2021 का क्षेत्र बढ़ाकर लगभग 73,000 वर्ग मीटर कर दिया गया है, जो पिछले संस्करण की तुलना में तीन गुना अधिक है। नए प्रदर्शनी परिसर का औपचारिक रूप से उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 अक्टूबर, 2021 को किया गया था। मेले की थीम ‘आत्मनिर्भर भारत-न्यू इंडिया’ का विजन है।
बिहार ‘साझीदार राज्य’ है, जबकि उत्तर प्रदेश और झारखंड मेले में ‘फोकस राज्य’ हैं। बड़ी संख्या में उत्पादों तथा सेवाओं के डिस्प्ले के साथ भारत तथा विदेशों से 2000 से अधिक प्रदर्शकों के मेले में भाग लेने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम का आयोजन कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल के साथ सुरक्षित वातावरण में किया जाएगा।
आईआईटीएफ का आयोजन वर्तमान 7 से 12ए कक्ष के अतिरिक्त नवनिर्मित्त कक्ष 2, 3, 4 एवं 5 में किया जाएगा। 23 राज्य, केंद्र शासित प्रदेश तथा 34केंद्रीय मंत्रालय, कमोडिटी बोर्ड, पीएसयू, पीएसबी तथा सरकारी विभाग इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, जिसमें एमएसएमई, अल्पसंख्यक मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय (सारस), कॉफी बोर्ड, क्वायर बोर्ड, भारतीय रिजर्व बैंक, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, आयकर विभाग, भारत निर्वाचन आयोग आदि शामिल हैं। निजी क्षेत्र की कई कंपनियां भी अपने उत्पादों को प्रदर्शित करेंगी और उनमें से कुछ नए उत्पाद लांच भी करेंगीं।
अभी तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, चीन, घाना, किर्गीस्तान, ट्यूनिशिया, तुर्की, श्रीलंका, यूएई आदि ने मेले में अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है।
आईआईटीएफ के पहले पांच दिन अर्थात 14 नवंबर से 18 नवंबर तक विशिष्ट रूप से व्यवसाय दिवसों के लिए आरक्षित हैं और यह 19 नवंबर से 27 नवंबर तक आम जनता के लिए खुलेगा। मेले का समय प्रति दिन सुबह 9-30 से सायं 7-30 तक है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1 PRE
आठ कोर उद्योगों का सूचकांक
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय (डीपीआईआईटी) ने सितंबर, 2021 के लिए आठ कोर उद्योगों (आईसीआई) का सूचकांक जारी किया है। आईसीआई चयनित आठ प्रमुख उद्योगों – कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली में संयुक्त और व्यक्तिगत उत्पादन का आकलन करता है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल वस्तुओं के कुल भारांक (वेटेज) का 40.27 प्रतिशत हिस्सा आठ कोर उद्योगों में ही निहित होता है।
आठ कोर इंडस्ट्रीज का संयुक्त सूचकांक सितंबर, 2021 में 126.7 पर रहा जिसमें सितंबर, 2020 की तुलना में 4.4 फीसदी (अंतिम) की वृद्धि दर्ज की गई। कोयला, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली उद्योग ने सितंबर 2021 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बढ़ोत्तरी दर्ज की है। जून, 2021 में आठ कोर उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर को इसके अंतिम स्तर 8.9% से संशोधित कर 9.4% कर दिया गया है। अप्रैल-सितंबर 2021-22 के दौरान आईसीआई की वृद्धि दर गत वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में 16.6% (अंतिम) थी।
आठ कोर उद्योगों के सूचकांक का सार नीचे दिया गया है:
कोयला
सितंबर, 2021 में कोयला उत्पादन (भारांक : 10.33%) सितंबर, 2020 के मुकाबले 8.1 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 11.7 प्रतिशत बढ़ गया।
कच्चा तेल
सितंबर, 2021 के दौरान कच्चे तेल का उत्पादन (भारांक : 8.98%) सितंबर, 2020 की तुलना में 1.7 प्रतिशत गिर गया। वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान इसका संचयी सूचकांक बीते वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.9 प्रतिशत कम रहा।
प्राकृतिक गैस
सितंबर, 2021 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन (भारांक : 6.88%) सितंबर, 2020 के मुकाबले 27.5 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22.1 प्रतिशत बढ़ गया।
पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद
पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन (भारांक : 28.04%) सितंबर, 2021 में सितंबर, 2020 के मुकाबले 6.0 प्रतिशत बढ़ गया। वहीं, वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 11.2 प्रतिशत बढ़ गया।
उर्वरक
सितंबर, 2021 के दौरान उर्वरक उत्पादन (भारांक : 2.63%) सितंबर, 2020 के मुकाबले 0.02 प्रतिशत अधिक हो गया। उधर, वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान इसका संचयी सूचकांक बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.3 प्रतिशत कम रहा।
इस्पात
सितंबर, 2021 में इस्पात उत्पादन (भारांक : 17.92%) सितंबर, 2020 के मुकाबले 3.0 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 35.0 प्रतिशत अधिक रहा।
सीमेंट
सितंबर, 2021 के दौरान सीमेंट उत्पादन (भारांक : 5.37%) सितंबर, 2020 के मुकाबले 10.8 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान इसका संचयी सूचकांक बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 37.7 प्रतिशत अधिक रहा।
बिजली
सितंबर, 2021 के दौरान बिजली उत्पादन (भारांक : 19.85%) सितंबर, 2020 के मुकाबले 0.3 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर, 2020-21 अवधि के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 12.7 प्रतिशत अधिक रहा।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
तुशील-पी 1135.6 फ्रिगेट
उसके शुभारंभ समारोह में मास्को स्थित भारतीय राजदूत श्री डी. बाला वेंकटेश वर्मा, रूसी संघ के वरिष्ठ गणमान्य और भारतीय नौसेना के अधिकारी उपस्थित थे। समारोह के दौरान, श्रीमती दात्ला विद्या वर्मा ने पोत का नाम ‘तुशील’ रखा। संस्कृत में ‘तुशील’ का अर्थ ‘रक्षात्मक कवच’ होता है।
भारत और रूसी संघ की सरकारों के बीच समझौते के आधार पर परियोजना 1135.6 के तहत दो पोत रूस और दो पोत भारत में बनाये जायेंगे। भारत में इन पोतों का निर्माण मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में किया जायेगा। दो पोतों के निर्माण की संविदा पर रूस और भारत के बीच 18 अक्टूबर को हस्ताक्षर किये गये थे।
इन जलपोतों का निर्माण भारतीय नौसेना की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, ताकि वायु, सतह और उप-सतह जैसे सभी तीन आयामों में समुद्री जंग के सभी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। ये जलपोत भारत और रूस के उन्नत हथियारों और संवेदी उपकरणों से लैस होंगे, जो अपनी समुद्री सीमा के भीतर और खुले सागर में अकेले तथा पूरी नौसेना के साथ सक्रिय रूप से हिस्सा लेने में सक्षम होंगे। इनमें “स्टेल्थ टेक्नोलॉजी” लगी होगी, जिसके कारण वे निचले स्तर पर काम करने वाले रेडार से बच जायेंगे तथा गहरे पानी के भीतर किसी प्रकार का शोर भी नहीं करेंगे। जहाजों को भारत से प्राप्त प्रमुख उपकरणों से लैस किया जा रहा है, जैसे सहत से सतह पर मार करने वाले मिसाइल, सोनार प्रणाली, सतह की निगरानी करने वाले रेडार, संचार-तंत्र और पनडुब्बी रोधी प्रणाली। इनके अलावा रूस के बने सतह से सतह पर वार करने वाले मिसाइल और तोपें-बंदूकें भी लगाई जा रही हैं।
यानतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद के महानिदेशक श्री इल्या समारिन ने बताया कि शिपयार्ड के सामने जटिल पोत निर्माण परियोजना को पूरा करने का चुनौतीपूर्ण कार्य था। वर्तमान महामारी के हालात की चुनौतियां होने के बावजूद जलपोतों का निर्माण जारी रखा गया और उसके लिये नये तरह के समाधान निकाले गये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का लगातार समर्थन मिलता रहा। उन्होंने भारत सरकार को इसके लिये धन्यवाद दिया और यह प्रतिबद्धता दोहराते हुये कहा कि संविदा में उल्लिखित समय-सीमा के भीतर जलपोतों को सौंप दिया जायेगा। मास्को स्थित भारत के राजदूत श्री डी. बाला वेंकटेश वर्मा ने भारत और रूस के बीच सैन्य तकनीकी सहयोग की लंबी परंपरा का उल्लेख किया। उन्होंने यानतर शिपयार्ड का शुक्रिया अदा किया कि कोविड-19 की चुनौतियों का मुकाबला करते हुये शिपयार्ड ने तय समय-सीमा के भीतर जलपोत सौंप दिया है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
शहरी गतिशीलता सम्मेलन 2021
आवास और शहरी कार्य और पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज नई दिल्ली में शहरी गतिशीलता भारत (यूएमआई) सम्मेलन 2021 के 14वें संस्करण का उद्घाटन किया। एक दिवसीय सम्मेलन ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष के सम्मेलन का मुख्य विषय “सभी के लिए गतिशीलता” है जो समान पहुंच प्रदान करने और समावेशी शहरी परिवहन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से विकलांगों, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की विभिन्न आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देने के साथ सस्ती, स्वच्छ, सुरक्षित, सूचनात्मक, कुशल और सुलभ परिवहन प्रणाली प्रदान करना है।
श्री पुरी ने कहा कि 2020 में शहरी आबादी कुल वैश्विक आबादी का 56 प्रतिशत थी, जो 1950 में 30 प्रतिशत थी, और 2030 तक इसके 60 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। इसमें से लगभग 90 प्रतिशत एशिया और अफ्रीका में अनुमानित है। यह त्वरित शहरीकरण लोगों और वस्तुओं के बढ़ते परिवहन की आवश्यकता के पीछे प्रेरक शक्ति है जो दुनिया की 30 प्रतिशत से अधिक ऊर्जा खपत के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने दोहराया कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के 2030 एजेंडा को प्राप्त करने के लिए सतत गतिशीलता और सार्वभौमिक पहुंच महत्वपूर्ण है।
मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार का प्रमुख ध्यान दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान पर केंद्रित रहा है और यह अब एक अरब का आंकड़ा पार कर चुका है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण में निरंतर कमी के लिए प्रयासों को केंद्रित किए जाने चाहिए और यही कारण है कि 14वां यूएमआई कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया जा रहा है।
मंत्री महोदय ने कहा कि 2006 की राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति “वाहनों के बजाय लोगों को ले जाने” पर प्रकाश डालती है, जिसके बाद शहरी परिवहन से संबंधित अधिकांश दृष्टिगत दस्तावेज और नीति विवरण तैयार किए जाते हैं। एसडीजी के निर्माण में भारत की प्रमुख भूमिका, इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में उसकी प्रमुखता पर बल देती है। समावेशी विकास के लिए “सब का साथ, सबका विकास” नीतिगत पहल के राष्ट्रीय विकास लक्ष्य-एसडीजी के साथ अच्छी तरह से मेल खाते हैं, और भारत विश्व स्तर पर एसडीजी की सफलता का निर्धारण करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
श्री पुरी ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने परिवहन और यातायात के वास्तविक समय के विश्लेषण को सक्षम किया है, और सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों ने अब नए गतिशीलता व्यापार मॉडल जैसे ऑन-डिमांड और मल्टीमॉडल ट्रिप-प्लानिंग अनुप्रयोगों के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि “मूविंग पीपल” का अनुवाद “समाज के सभी वर्गों के लोगों को स्थानांतरित करना” है, जबकि सड़क पर निजी वाहनों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
मेट्रो रेल नीति पर, मंत्री महोदय ने कहा कि “सभी के लिए गतिशीलता” प्राप्त करने के लिए, निर्बाध रूप से एकीकृत शहरी परिवहन और सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रालय ने मेट्रो रेल नीति, 2017 जारी की थी। यह नीति बड़े पैमाने पर पारगमन माध्यम को शामिल करने पर बल देती है, जिसने न केवल समाज के कमजोर वर्गों के लिए वास्तव में विश्वसनीय और सुलभ पारगमन माध्यम प्रदान किया है, बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए एक अधिक सघन और चलने योग्य विकास पैटर्न सुनिश्चित करना भी अनिवार्य है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1
‘हेल्थ इंश्योरेंस फॉर इंडियाज मिसिंग मिडल’
नीति आयोग ने ‘हेल्थ इंश्योरेंस फॉर इंडियाज मिसिंग मिडल’ पर आज एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की, जो भारत की आबादी के बीच स्वास्थ्य बीमा कवरेज में अंतराल को सामने लाई है और जिसमें स्थिति का समाधान निकालने की पेशकश की गई है।
रिपोर्ट नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और अपर सचिव डॉ. राकेश सरवाल की उपस्थिति में जारी की गई।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉलने रिपोर्ट की प्रस्तावना में, सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “स्वास्थ्य बीमा की पैठ बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों को दूर करने की आवश्यकता होगी।” उन्होंने आगे उल्लेख किया, “सरकार और निजी क्षेत्र को इस प्रयास में एक साथ आने की आवश्यकता है। सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों को रोजगार देने वाली मध्यम आकार की कम्पनियों (मिसिंग मिडल) तक पहुंचने और आकर्षक उत्पादों की पेशकश करने के लिए निजी क्षेत्रों की सरलता और दक्षता की आवश्यकता है। उपभोक्ता जागरूकता और विश्वास बढ़ाने, मानकीकृत उत्पाद और उपभोक्ता संरक्षण के लिए नियमों को संशोधित करने तथा परिचालन दक्षता में सुधार के लिए एक संभावित मंच की पेशकश करने में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है।”
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, “यह रिपोर्ट स्वास्थ्य के लिए वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के व्यापक लक्ष्य पर संवाद में फिर से जान डालने का एक प्रयास है। यह वर्तमान परिदृश्य, मौजूदा कमियों को रेखांकित करती है और स्वास्थ्य बीमा कवरेज को बढ़ाने के लिए व्यापक सिफारिशों तथा मार्गों को स्पष्ट करती है।”
सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में एक प्रमुख योजना आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और राज्य सरकार की विस्तार योजनाएँ – आबादी के निचले 50% लोगों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए व्यापक कवर प्रदान करती हैं। लगभग 20% आबादी को सामाजिक स्वास्थ्य बीमा के जरिये कवरेज प्राप्त है और निजी स्वैच्छिक स्वास्थ्य बीमा मुख्य रूप से उच्च आय वाले समूहों के लिए बनाया गया है। शेष 30% आबादी, स्वास्थ्य बीमा से वंचित है, जिसे “मिसिंग मिडल” कहा जाता है। मिसिंग मिडल में आंकड़ों को पांच समान भागों में विभाजित करने वाले पांच मूल्यों में से एक क्विनटाइल शामिल हैं और शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में फैले हुए हैं।
रिपोर्ट में मिसिंग मिडल के लिए कम लागत वाले व्यापक स्वास्थ्य बीमा उत्पाद तैयार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। यह मुख्य रूप से मिसिंग मिडल वर्ग के लिए स्वास्थ्य के कम वित्तीय सुरक्षा के नीतिगत मुद्दे को पहचानता है और इसके समाधान में संभावित मार्ग के रूप में स्वास्थ्य बीमा पर प्रकाश डालता है। ऐसा करने में, रिपोर्ट समाधान और विशिष्ट उत्पादों पर व्यापक चर्चा के लिए एक प्रारंभिक बिंदु प्रदान करती है, ताकि मिसिंग मिडल के लिए बीमा कवरेज में सुधार किया जा सके।
रिपोर्ट में व्यापक उद्योग और सरकारी हितधारक परामर्श का प्रस्ताव है और उपभोक्ता समूहों के साथ समस्या की बारीकियों तथा संभावित समाधानों में गहराई से चर्चा करने का प्रस्ताव है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
‘हर घर दस्तक’ अभियान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जिला-स्तरीय योजना के साथ आने और खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में “हर घर दस्तक” अभियान शुरू करने के लिए कहा है।
मुख्य बिंदु
- केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन क्षेत्रों में तेज़ी लाने के लिए कहा है जहां पहली और दूसरी खुराक टीकाकरण कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है।
- कोविड-19 टीकाकरण अभियान को बढ़ाने के उद्देश्य से ‘हर घर दस्तक’ अभियान शुरू किया जाएगा।
- इस अभियान के तहत वैक्सीन वैन की शुरुआत की जाएगी और दैनिक आधार पर समीक्षा की जाएगी।
वैक्सीन कवरेज
भारत में, वर्तमान में 27 अक्टूबर, 2021 तक 17 राज्यों से 10.38 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक मिलनी बाकी है। 1.6 करोड़ से अधिक लोग उत्तर प्रदेश से, 1.1 करोड़ मध्य प्रदेश से, 76 लाख महाराष्ट्र में, 86 लाख से अधिक हैं।
वैक्सीन कवरेज के लिए कट-ऑफ
केंद्र सरकार ने पहली खुराक के लिए 77% और दूसरी खुराक के लिए 33% की कट-ऑफ निर्धारित की है। ये आंकड़े क्रमशः पहले और दूसरे शॉट का राष्ट्रीय औसत भी हैं।
टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए अन्य कदम
केंद्र लोगों को जागरूक करने और उन्हें यह बताने के लिए विशेष पहल कर रहा है कि कोविड-19 बीमारी से बचाव कोविड-19 टीकाकरण है।
फोकस के तहत राज्य
कम टीकाकरण दर के कारण बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश फोकस में हैं। उदाहरण के लिए, बिहार में, पहली खुराक के लिए टीकाकरण कवरेज 39% है जबकि दूसरी खुराक के लिए 13% है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1 PRE
अमेरिका ने ‘X’ जेंडर मार्कर के साथ पासपोर्ट जारी किया
अमेरिका ने “X” जेंडर मार्कर के साथ पहला पासपोर्ट जारी किया, जो उन लोगों के अधिकारों को पहचानने में एक मील का पत्थर है, जिनकी पहचान पुरुष या महिला के रूप में नहीं की जाती है।
पृष्ठभूमि
यह कदम डाना ज़ज़ीम (Dana Zzyym) की लड़ाई के बाद उठाया गया था, जो फोर्ट कॉलिन्स के एक इंटरसेक्स कार्यकर्ता हैं। Zzyym 2015 से अमेरिकी विदेश विभाग के साथ एक पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए कानूनी रूप से जूझ रहा है।
Zzyym के साथ क्या समस्या है?
Zzyym अस्पष्ट शारीरिक यौन विशेषताओं के साथ पैदा हुआ था लेकिन उसका पालन पोषण एक लड़के के रूप में किया गया था। Zzyym ने कई सर्जरी करवाई जो Zzyym को पूरी तरह से पुरुष दिखाने में विफल रही। नौसेना में, Zzyym ने एक पुरुष के रूप में सेवा की, लेकिन बाद में कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्ययन और काम करते हुए इंटरसेक्स के रूप में पहचान की गई। अमेरिकी विदेश विभाग ने Zzyym के पासपोर्ट को अस्वीकार कर दिया, Zzyym को दो संगठन Intersex International बैठकों में भाग लेने से रोक दिया।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1PRE