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Current Affair 3 December 2021

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Current Affairs – 3 December, 2021

डॉ राजेंद्र प्रसाद

राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविंद ने आज (3 दिसंबर, 2021) राष्ट्रपति भवन में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति तथा राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने डॉ राजेंद्र प्रसाद के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

डॉ राजेन्द्र प्रसाद (3 दिसम्बर 1884 – 28 फरवरी 1963) भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने भारत के पहले मंत्रिमंडल में 1946 एवं 1947 में कृषि और खाद्यमंत्री का दायित्व भी निभाया था। सम्मान से उन्हें प्रायः ‘राजेन्द्र बाबू’ कहकर पुकारा जाता है।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनका पदार्पण वक़ील के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करते ही हो गया था। चम्पारण में गान्धीजी ने एक तथ्य अन्वेषण समूह भेजे जाते समय उनसे अपने स्वयं सेवकों के साथ आने का अनुरोध किया था। राजेन्द्र बाबू महात्मा गाँधी की निष्ठा, समर्पण एवं साहस से बहुत प्रभावित हुए और 1928 में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय के सीनेटर का पदत्याग कर दिया। गाँधीजी ने जब विदेशी संस्थाओं के बहिष्कार की अपील की थी तो उन्होंने अपने पुत्र मृत्युंजय प्रसाद, जो एक अत्यंत मेधावी छात्र थे, उन्हें कोलकाता विश्वविद्यालय से हटाकर बिहार विद्यापीठ में दाखिल करवाया था। उन्होंने ‘सर्चलाईट’ और ‘देश’ जैसी पत्रिकाओं में इस विषय पर बहुत से लेख लिखे थे और इन अखबारों के लिए अक्सर वे धन जुटाने का काम भी करते थे। 1914 में बिहार और बंगाल मे आई बाढ़ में उन्होंने काफी बढ़चढ़ कर सेवा-कार्य किया था। बिहार के 1934 के भूकंप के समय राजेन्द्र बाबू कारावास में थे। जेल से दो वर्ष में छूटने के पश्चात वे भूकम्प पीड़ितों के लिए धन जुटाने में तन-मन से जुट गये और उन्होंने वायसराय के जुटाये धन से कहीं अधिक अपने व्यक्तिगत प्रयासों से जमा किया। सिंध और क्वेटा के भूकम्प के समय भी उन्होंने कई राहत-शिविरों का इंतजाम अपने हाथों मे लिया था।

1934 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में अध्यक्ष चुने गये। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने पर कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार उन्होंने एक बार पुन: 1939 में सँभाला था। भारत के स्वतन्त्र होने के बाद संविधान लागू होने पर उन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति का पदभार सँभाला। राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने कभी भी अपने संवैधानिक अधिकारों में प्रधानमंत्री या कांग्रेस को दखलअंदाजी का मौका नहीं दिया और हमेशा स्वतन्त्र रूप से कार्य करते रहे। हिन्दू अधिनियम पारित करते समय उन्होंने काफी कड़ा रुख अपनाया था। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने कई ऐसे दृष्टान्त छोड़े जो बाद में उनके परवर्तियों के लिए उदाहरण बन गए।

भारतीय संविधान के लागू होने से एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को उनकी बहन भगवती देवी का निधन हो गया, लेकिन वे भारतीय गणराज्य के स्थापना की रस्म के बाद ही दाह संस्कार में भाग लेने गये। 12 वर्षों तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के पश्चात उन्होंने 1962 में अपने अवकाश की घोषणा की। अवकाश ले लेने के बाद ही उन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया।

राजेन्द्र बाबू ने अपनी आत्मकथा (१९४६) के अतिरिक्त कई पुस्तकें भी लिखी जिनमें बापू के कदमों में बाबू (१९५४), इण्डिया डिवाइडेड (१९४६), सत्याग्रह ऐट चम्पारण (१९२२), गान्धीजी की देन, भारतीय संस्कृति व खादी का अर्थशास्त्र इत्यादि उल्लेखनीय हैं।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.1

 

पुनीत सागर अभियान

राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) समुद्र तटोंको प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थों से मुक्त करने और इन्हें साफ रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चला रहा है। 01 दिसंबर, 2021 से महीने भर चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य स्थानीय आबादी और भावी पीढ़ी के बीच ‘स्वच्छ समुद्र तट के महत्व’ के संदेश का प्रचार-प्रसार करना है।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य तटीय क्षेत्रों में समुद्र के किनारे प्लास्टिक कचरे को साफ करना, जागरूकता पैदा करना और लक्षित आबादी को समुद्र तटों के साथ प्लास्टिक प्रदूषण के संरक्षण और प्रभाव के उपायों के बारे में शिक्षित करना तथा स्थानीय आबादी को प्रदूषण की रोकथाम के प्रति संवेदनशील बनाना और एकजुट करना है।

महीने भर चलने वाली इस गतिविधि में 127 तटीय क्षेत्र एनसीसी इकाइयों के कुल 3.40 लाख कैडेट भाग लेंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई, आईआईटी चेन्नई, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) कोझीकोड और एनआईटी पुडुचेरी में एनसीसी इकाइयों को भी संबंधित राज्य निदेशालयों के माध्यम से नागरिक प्रशासन को प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण/निपटान के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकियों का सुझाव देने हेतु शामिल किया जाएगा।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.1PRE

 

श्रेष्ठ योजना

भारत सरकार अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए श्रेष्ठ योजना (SRESTHA Scheme) शुरू करने जा रही है। यह योजना छात्रों को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान करेगी।

मुख्य विशेषताऐं

  • यह योजना सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।
  • यह अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों को लक्षित करती है। यह 9 से 12 तक के छात्रों के ड्रॉप आउट को नियंत्रित करने में भी मदद करेगा।
  • यह योजना उच्च गुणवत्ता वाली आवासीय स्कूली शिक्षा प्रदान करेगी।
  • इस योजना को लागू करने के लिए, नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों (aspirational districts) में प्रतिष्ठित गैर-सार्वजनिक आवासीय सुविधाओं को मान्यता दी है।
  • भारत सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 300 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
  • इस योजना से अगले पांच वर्षों में 24,800 से अधिक छात्रों को मदद मिलने की उम्मीद है।

महापरिनिर्वाण दिवस पर शुरू होगी योजना

भारतीय संविधान के जनक डॉ. बी.आर. अंबेडकर की पुण्यतिथि को देश में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह 6 दिसंबर को पड़ता है। इस दिन श्रेष्ठ योजना को लांच किया जायेगा।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.1

 

बैलन डी’ऑर

अर्जेंटीना के फुटबॉलर लियोनेल मेसी ने फुटबॉल का प्रतिष्ठित सम्मान बैलन डी ऑर रिकॉर्ड 7वीं बार जीता। महिला वर्ग में यह पुरस्कार अलेक्सिया पुतेलास ने यह पुरस्कार जीता। बायर्न म्युनिक के रोबर्ट लेवनडोस्की ने ‘स्ट्राइकर ऑफ़ द ईयर’ का पुरस्कार जीता। जबकि इटली के गोलकीपर जियानलुईजी डॉनरुम्मा ने सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का पुरस्कार जीता।

लियोनेल मेसी (Lionel Messi)

मेसी अर्जेंटीना के प्रोफेशनल फुटबॉलर हैं। वे अपने प्रोफेशनल करियर में केवल बार्सेलोना से ही जुड़े रहे। उन्होंने अपने युवा करियर की शुरुआत 1994 में नेवेल्स ओल्ड बॉयज फुटबॉल क्लब के साथ की थी, वे 2000 तक इस क्लब के साथ जुड़े रहे। बाद में वे 2001 से 2003 के बीच बार्सेलोना की युवा टीम के साथ जुड़े। इसके बाद वे बार्सेलोना फुटबॉल क्लब के साथ ही जुड़े रहे।

मेसी ने अब तक 7 बार प्रतिष्ठित बैलन डी’ऑर पुरस्कार जीता है और 6 बार उन्होंने यूरोपियन गोल्डन शू पुरस्कार भी जीता है। उन्होंने अपने करियर में 34 ट्रॉफी जीती हैं। उन्होंने 10 ला लीगा खिताब, 4 UEFA चैंपियंस लीग खिताब और 6 कोपास देल रे खिताब भी जीते हैं।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1 PRE

 

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस

हर साल, संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर में फैले कई अन्य संगठनों द्वारा 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस निम्नलिखित थीम के साथ मनाया जा रहा है :

थीम : “Leadership and participation of persons with disabilities toward an inclusive, accessible and sustainable post-COVID-19 world”

पृष्ठभूमि

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पहली बार 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित किया गया था। इसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण और अधिकारों को बढ़ावा देना है।

आवश्यकता

  • दुनिया में 1 अरब से अधिक दिव्यांग व्यक्ति हैं। इनमें से 80% विकासशील देशों में रहते हैं।
  • दुनिया में दिव्यांग व्यक्तियों में से 46% 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।
  • दिव्यांग व्यक्ति COVID-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

संयुक्त राष्ट्र के कदम

2006 में, दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर कन्वेंशन को अपनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र के अन्य प्रमुख ढांचे जिनमें एक प्रमुख भाग के रूप में दिव्यांग शामिल हैं, वे इस प्रकार हैं:

  • सतत विकास लक्ष्य के लिए 2030 एजेंडा
  • नया शहरी एजेंडा
  • वित्त विकास पर अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा
  • मानवीय कार्रवाई के साथ दिव्यांग व्यक्तियों को शामिल करने पर चार्टर
  • आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क।

सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals)

निम्नलिखित लक्ष्यों में दिव्यांग लोगों को एजेंडे में एक प्रमुख भाग के रूप में शामिल किया गया है :

  • लक्ष्य 4 : शिक्षा की समावेशी और समान गुणवत्ता
  • लक्ष्य 8 : समावेशी, सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना। यह सभी पुरुषों, महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों को उत्पादक रोजगार प्रदान करके प्राप्त किया जायेगा।
  • लक्ष्य 10 : असमानता को कम करना
  • लक्ष्य 11 : मानव बस्तियों, शहरों को सुरक्षित, समावेशी और सतत बनाना।
  • लक्ष्य 17 : सतत विकास के लिए वैश्विक साझेदारी को मजबूत और पुनर्जीवित करना।

संयुक्त राष्ट्र विकलांगता समावेशन रणनीति (United Nations Disability Inclusion Strategy)

इसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर कन्वेंशन, एसडीजी, मानवता के लिए एजेंडा और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन का समर्थन करना है। इसे जून 2019 में लॉन्च किया गया था।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.2

 

निजामुद्दीन बस्ती परियोजना

यूनेस्को ने हाल ही में निजामुद्दीन बस्ती परियोजना (Nizamuddin Basti Project) के लिए दो विरासत पुरस्कार प्रदान किए हैं। इस परियोजना को इसके संरक्षण प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया था। इसे सतत पुरस्कार (Sustainable Award) और उत्कृष्टता पुरस्कार (Award of Excellence) के लिए विशेष मान्यता से सम्मानित किया गया।

Nizamuddin Basti Project क्या है?

  • इस परियोजना ने 14वीं सदी के सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया के आसपास स्थित 20 से अधिक ऐतिहासिक स्मारकों का जीर्णोद्धार किया।
  • निजामुद्दीन क्षेत्र में हुमायूं का मकबरा और बताशेवाला का मकबरा और 16वीं सदी के कवि रहीम का मकबरा है। इन क्षेत्रों को अलग कर दिया गया और क्षतिग्रस्त कर दिया गया। उन्हें निजामुद्दीन बस्ती परियोजना द्वारा भी नवीनीकृत किया गया था।
  • यह परियोजना 2007 में आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, दिल्ली शहरी विरासत फाउंडेशन और दिल्ली नगर निगम द्वारा शुरू की गई थी।

Nizamuddin Basti Project का उद्देश्य

  • निजामुद्दीन बस्ती परियोजना एक शहरी नवीकरण परियोजना है। इसने निजामुद्दीन बस्ती और इसके आसपास की 70 एकड़ की सात-सदी पुरानी बस्ती के अलग-अलग क्षेत्रों को सफलतापूर्वक एकीकृत किया।
  • इसने इन क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास, संरक्षण और पर्यावरण विकास के उद्देश्यों को एकीकृत किया।
  • इसने तीन प्रमुख स्थलों अर्थात् सुंदर नर्सरी, निजामुद्दीन बस्ती और हुमायूँ मकबरे को एकीकृत किया।

हुमायूँ का मकबरा

हुमायूँ के मकबरे को उसकी पहली पत्नी बेगा बेगम ने बनवाया था। इसे 1993 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। मकबरे को “चार बाग” नामक तीस एकड़ के बगीचे के केंद्र में रखा गया है। अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने 1857 में हुमायूं के मकबरे में कैद कर लिया था।

युनेस्को

यूनेस्को (UNESCO) ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization)’ का लघुरूप है।

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन 16 नवम्बर 1945 को हुआ था। इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बने|

यूनेस्को के 193 सदस्य देश हैं और 11 सहयोगी सदस्य देश और दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं। इसके कुछ सदस्य स्वतंत्र देश भी नहीं हैं। इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है। इसके ज्यादार क्षेत्रीय कार्यालय क्लस्टर के रूप में है, जिसके अंतर्गत तीन-चार देश आते हैं, इसके अलावा इसके राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। यूनेस्को के 27 क्लस्टर कार्यालय और 21 राष्ट्रीय कार्यालय हैं।

यूनेस्को मुख्यतः शिक्षा, प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक एवं मानव विज्ञान, संस्कृति एवं सूचना व संचार के जरिये अपनी गतिविधियां संचालित करता है। वह साक्षरता बढ़ानेवाले कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है और वैश्विक धरोहर की इमारतों और पार्कों के संरक्षण में भी सहयोग करता है। यूनेस्को की विरासत सूची में हमारे देश के कई ऐतिहासिक इमारत और पार्क शामिल हैं। दुनिया भर के 332 अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठनों के साथ यूनेस्को के संबंध हैं। फिलहाल यूनेस्को के महानिदेशक आंद्रे एंजोले हैं। भारत 1946 से यूनेस्को का सदस्य देश है।

SOURCE-THE HINDU

PAPER-G.S.1 PRE

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