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Current Affair 30 July 2021

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Current Affairs – 30 July, 2021

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक

श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है और आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी किया जाता है। जून, 2021 के लिए सूचकांक इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जारी किया जा रहा है।

जून, 2021 का अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 1.1 अंक बढ़कर 121.7 (एक सौ इक्कीस दशमलव सात) अंकों के स्तर पर संकलित हुआ। सूचकांक में पिछले माह की तुलना में 0.91 प्रतिशत की वृद्धि रही जबकि एक वर्ष पूर्व इन्हीं दो महीनों के बीच 0.61 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

सूचकांक में दर्ज वृद्धि में अधिकतम योगदान खाद्य एवं पेय समूह का रहा जिसने कुल बदलाव को 0.72 बिन्दु प्रतिशतता से प्रभावित किया। मदों में, चावल, ताजी मछली, पोल्ट्री/चिकन, मुर्गी का अंडा, खाने का तेल, सेब, केला, बेंगन, गाजर, फूलगोभी, फ्रेंच बीन, प्याज, आलू, टमाटर, चाय-पत्ती, बिजली घरेलू, मिट्टी का तेल, बार्बर/वियूटिसियन, डॉक्टर/सर्जन प्रभार, गाड़ी का पेट्रोल, इत्यादि सूचकांक को बढ़ाने में सहायक रहे। इसके विपरित मुख्यतः अरहर दाल, ताजा नारियल पल्प सहित, आम, अनार, तरबूज, नींबू, ईमली, आदि ने सूचकांक में दर्ज वृद्धि को नियंत्रित करने का प्रयास किया।

केंद्र-स्तर पर शिलॉंग के सूचकांक में अधिकतम 6.2 अंक की वृद्धि रही जिसके पश्चात पुदुचेरी और भोपाल में क्रमश: 3.5 और 3.1 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। अन्य 13 केंद्रों में 2 से 2.7 अंक, 30 केंद्रों में 1 से 1.9 अंक के बीच तथा 32 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच वृद्धि रही। इसके विपरीत, इंदौर में अधिकतम 1.1 अंक की कमी रही । अन्य 7 केंद्रों में 0.1 से 0.7 अंक की कमी पाई गई। शेष 2 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे।

जून, 2021 के लिए मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 5.24 प्रतिशत तथा गत वर्ष के इसी माह के 5.06 प्रतिशत की तुलना में 5.57 प्रतिशत रहा। खाद्य-स्फीति दर पिछले माह के 5.26 प्रतिशत एवं एक वर्ष पूर्व इसी माह के 5.49 प्रतिशत की तुलना में 5.61 प्रतिशत रहा

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (अंग्रेज़ी: consumer price index या CPI) घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गये सामानों एवं सेवाओं (goods and services) के औसत मूल्य को मापने वाला एक सूचकांक है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना वस्तुओं एवं सेवाओं के एक मानक समूह के औसत मूल्य की गणना करके की जाती है। वस्तुओं एवं सेवाओं का यह मानक समूह एक औसत शहरी उपभोक्ता द्वारा खरीदे जाने वाली वस्तुओ का समूह होता है। जनवरी २०१५ मेंआधार वर्ष में हुए सुधार के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का नवीनतम आधार वर्ष २०१२ को माना जाने लगा है। भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आँकड़े केन्द्र सरकार के सांख्यकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक आधार पर प्रतिमाह जारी किए जाते हैं। इस सूचकांक हेतु वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य संबंधी आँकड़े राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन NSSO द्वारा चुनिंदा शहरों से संग्रहित किए जाते हैं , जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आँकड़ों का संग्रहण डाक विभाग द्वारा किया जाता है

SOURCE-PIB

 

इंद्र नेवी – 21

भारत और रूस की नौसेनाओं के बीच 12वां ‘इंद्र नेवी’ अभ्यास बाल्टिक सागर में 28 और 29 जुलाई, 2021 को आयोजित किया गया। यह सैन्याभ्यास हर दो वर्ष बाद भारत और रूस की नौसेनाओं के बीच किया जाता है। ‘इंद्र नेवी’ अभ्यास की शुरूआत 2003 में की गई थी, जो दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच मौजूद दीर्घकालीन रणनीतिक सम्बंधों का परिचायक है। उल्लेखनीय है कि रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी नौसेना का 325वां नौसेना दिवस मनाया जा रहा था, जिसमें शामिल होने के लिये आईएनएस तबर जब वहां पहुंचा, तो यह सैन्याभ्यास किया गया।

‘इंद्र नेवी’ अभ्यास कई वर्षों से होता रहा है और इस दौरान वह परिपक्व हो चुका है। अभ्यास के इतने वर्षों में उसके दायरे, परिचालन की जटिलताओं और भागीदारी के स्तर में बढ़ोतरी हो चुकी है। इस वर्ष के अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य है कि इतने वर्षों के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं ने परिचालन की जो आपसी समझ विकसित की है, उसे और बढ़ाया जाये तथा बहुस्तरीय समुद्री गतिविधियों में तेजी लाई जाये। इस अभ्यास में समुद्री गतिविधियों के सिलसिले में विस्तृत और विभिन्न गतिविधियों को भी शामिल किया गया।

भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस तबर ने किया, जबकि रूसी संघ की नौसेना की तरफ से कॉरवेट्स आरएफएस ज़ेलायनी दोल और आरएफएस ऑदिनत्सोवो ने हिस्सा लिया। ये दोनों जहाज बाल्टिक बेड़े के हैं।

अभ्यास दो दिन चला, जिसमें जहाज पर किये जाने वाले विभिन्न पहलू शामिल थे। इनमें हवा में मार करने, पुन: पूर्ति पहुंचाने का अभ्यास, हेलीकॉप्टर परिचालन, जहाज पर सवार होने का अभ्यास और जहाज के संचालन, तैयारी, तैनाती और मोर्चाबंदी का अभ्यास शामिल था।

महामारी की बाध्यताओं के बावजूद ‘इंद्र नेवी – 21’ अभ्यास किया गया, जिसकी बदौलत दोनों देशों की नौसेनाओं में आपसी विश्वास को मजूबती मिली तथा मिलकर गतिविधियों को संचालित करने और उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करने में मदद मिली। यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के आपसी सहयोग को सुदृढ़ करने का एक और मील का पत्थर है तथा इससे दोनों देशों के बीच दीर्घकालीन मैत्री संबंध और मजबूत हुये हैं।

SOURCE-PIB

 

‘AI For All’ पहल

इंटेल ने ‘AI For All’ पहल के लांच की घोषणा करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और शिक्षा मंत्रालय के साथ सहयोग किया है। यह पहल देश में सभी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) की बुनियादी समझ पैदा करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

मुख्य बिंदु

  • AI जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • AI के लिए नीति आयोग की राष्ट्रीय रणनीति समावेशी विकास के लिए AI का लाभ उठाने और विभिन्न सामाजिक जरूरतों के लिए AI समाधान विकसित करने पर केंद्रित है।
  • भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी देश के छात्रों को AI संचालित अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने पर जोर देती है।

AI For All

इंटेल का ‘AI For All’ 4 घंटे का सीखने का कार्यक्रम है। यह सभी के द्वारा एक्सेस किया जा सकता है और एक छात्र के लिए उतना ही लागू होता है जितना कि घर में रहने वाले माता-पिता या किसी भी क्षेत्र में एक पेशेवर और यहां तक कि देश के एक वरिष्ठ नागरिक के लिए भी। इंटेल के इस कार्यक्रम का उद्देश्य कार्यक्रम के पहले वर्ष में 1 मिलियन नागरिकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इसके उपयोग और कार्य से परिचित कराना है।

SOURCE-GK TODAY

 

भारत में 14 बाघ अभयारण्यों को वैश्विक संरक्षण मानकों
(Global Conservation Standards) की मान्यता प्राप्त है

भारत के 14 बाघ अभयारण्यों को वैश्विक संरक्षण मानकों (Global Conservation Standards) की मान्यता प्राप्त है।

यह 14 टाइगर रिजर्व हैं:

  • असम में ओरंग, मानस और काजीरंगा
  • मध्य प्रदेश में कान्हा, पन्ना और सतपुड़ा
  • महाराष्ट्र में पेंच
  • बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
  • उत्तर प्रदेश में दुधवा
  • पश्चिम बंगाल में सुंदरबन
  • केरल में परम्बिकुलम
  • कर्नाटक का बांदीपुर टाइगर रिजर्व
  • तमिलनाडु में अन्नामलाई और मुदुमलाई टाइगर रिजर्व।

Global Conservation Assured | Tiger Standards (CA|TS) Accreditation

CA|TS एक संरक्षण उपकरण है जिसे विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाता है। यह उपकरण दुनिया के बाघों की आबादी के प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम मानकों और प्रथाओं को निर्धारित करता है और प्रगति के बेंचमार्किंग के लिए उनके आकलन को प्रोत्साहित करता है। इसे 7 टाइगर रेंज देशों में लगभग 125 साइटों पर लागू किया जा रहा है। भारत में सबसे अधिक 94 स्थल हैं, जिनमें से 20 बाघ अभयारण्यों का आकलन इस वर्ष पूरा किया गया। वर्तमान में, देश में 51 बाघ अभयारण्य हैं जो 18 राज्यों में फैले हुए हैं।

निष्कर्ष

बाघों का संरक्षण पूरे पारिस्थितिकी तंत्र और सभी प्रजातियों के जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के रखरखाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, बाघों की आबादी के संरक्षण और विकास के साथ-साथ रखरखाव के बीच संतुलन बहुत आवश्यक है। इसलिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जाना चाहिए ताकि बाघों का संरक्षण किया जा सके और उनकी आबादी बढ़ाई जा सके।

SOURCE-GK TODAY

 

राजा मिर्च

राजा मिर्च, जिसे नागा राजा मिर्च (Naga King Chilli) के नाम से भी जाना जाता है, को नागालैंड से लंदन में निर्यात किया गया है। यह पहली बार है जब नागालैंड राज्य से राजा मिर्च का निर्यात किया जा रहा है,।

मुख्य बिंदु

  • वर्ष 2008 में राजा मिर्चा को भौगोलिक संकेत (Geographical Indication) प्रमाणन प्राप्त हुआ था।
  • स्कोविल हीट यूनिट्स (Scoville Heat Units) के आधार पर राजा मिर्च दुनिया की शीर्ष पांच सबसे तेज़ मिर्चों में से एक है।
  • इसका एक अलग स्वाद और सुगंध है।
  • नागालैंड राज्य कृषि विपणन बोर्ड और कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने नागालैंड के पेरेन जिले से निर्यात के लिए मिलकर कार्य किया।

स्कोविल हीट यूनिट्स (Scoville Heat Units)

स्कोविल हीट यूनिट वह माप है जो एक काली मिर्च या एक गर्म सॉस की गर्मी को मापने के लिए किया जाता है। यह आम तौर पर चीनी से भरे पानी में कैप्साइसिन (capsaicin) को घोलने की आवश्यकता की संख्या की जाँच करके किया जाता है। गर्म सॉस या काली मिर्च में स्कोविल हीट यूनिट (SHU) की संख्या काली मिर्च या गर्म सॉस में मौजूद कैप्साइसिन की मात्रा को इंगित करती है। काली मिर्च जितनी अधिक गर्म होती है रेटिंग उतनी ही अधिक होती है।

नागालैण्ड

नागालैण्ड (नागालैंड) भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। इसकी राजधानी कोहिमा है, जबकि दीमापुर राज्य का सबसे बड़ा नगर है। नागालैण्ड की सीमा पश्चिम में असम से, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से, पूर्व मे बर्मा से और दक्षिण मे मणिपुर से मिलती है। भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, इसका क्षेत्रफल 16,579 वर्ग किलोमीटर है, और जनसंख्या 19,80,602 है, जो इसे भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक बनाती है।

नागालैण्ड राज्य में कुल 16 जनजातियाँ निवास करती हैं। प्रत्येक जनजाति अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों, भाषा और पोशाक के कारण दूसरी से भिन्न है। हालाँकि, भाषा और धर्म दो सेतु हैं, जो इन जनजातियों को आपस में जोड़ते हैं। अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा है। यह शिक्षा की भाषा भी है, और अधिकाँश निवासियों द्वारा बोली जाती है। नागालैंड भारत के उन तीन राज्यों में से एक है, जहाँ ईसाई धर्म के अनुयायी जनसंख्या में बहुमत में हैं।

राज्य ने 1950 के दशक में विद्रोह और साथ ही अंतर-जातीय संघर्ष देखा है। हिंसा और असुरक्षा ने नागालैंड के आर्थिक विकास को सीमित कर दिया था, क्योंकि इसे कानून, व्यवस्था और सुरक्षा के लिए अपने दुर्लभ संसाधनों को प्रतिबद्ध करना था। हालाँकि पिछले डेढ़ दशक में, राज्य में हिंसा काफी कम हुई है, जिससे राज्य की वार्षिक आर्थिक विकास दर 10% के करीब पहुंची है, और यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे तेजी से विकसित होने वाला राज्य बन पाया है।

नागालैण्ड की स्थापना 1 दिसम्बर 1963 को भारत के 16वें राज्य के रूप मे हुई थी। असम घाटी के किनारे बसे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर राज्य का अधिकतर हिस्सा पहाड़ी है। राज्य के कुल क्षेत्रफल का केवल 9% हिस्सा समतल जमीन पर है। नागालैण्ड में सबसे उँची चोटी माउंट सरामति है जिसकी समुंद्र तल से उँचाई 3840 मी है। यह पहाड़ी और इसकी शृंखलाएँ नागालैंड और बर्मा के बीच प्राकृतिक अवरोध का निर्माण करती हैं।] यह राज्य वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता का घर है।

नागालैंड मे 16 जनजातियाँ पाई जाती है, अंगामी, आओ, चख़ेसंग, चांग, दिमासा कचारी, खियमनिंगान, कोनयाक, लोथा, फोम, पोचुरी, रेंगमा, संगतम, सूमी, इंचुंगेर, कुकी और ज़ेलियांग।

SOURCE-DANIK JAGARAN

 

Innovations for Defence Excellence (iDEX)

रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले रक्षा उत्पादन विभाग ने ‘Innovations for Defence Excellence (iDEX)’ नामक एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। और इसके लिए 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक अगले 5 वर्षों के लिए 498.80 करोड़ बजटीय सहायता प्रदान की गई है।

मुख्य बिंदु

  • इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य रक्षा नवाचार संगठन (Defence Innovation Organisation) के माध्यम से लगभग 300 MSMEs, स्टार्ट-अप और व्यक्तिगत इनोवेटर्स के साथ-साथ लगभग 20 पार्टनर इन्क्यूबेटरों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

Support for Prototype and Research Kickstart (SPARK) के लिए सहायता अनुदान प्राप्त करने के लिए मानदंड

iDEX के तहत प्रोटोटाइप और रिसर्च किकस्टार्ट (SPARK) के लिए सहायता अनुदान प्राप्त करने के लिए, कुछ पात्रता मानदंडों का पालन करना होगा। यह वे स्टार्ट-अप हैं जिन्हें औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग (DIPP) द्वारा मान्यता दी गई है और परिभाषित किया गया है। कोई भी भारतीय कंपनी जिसे कंपनी अधिनियम, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के तहत शामिल किया गया है, जिसे MSME अधिनियम, 2006 में परिभाषित किया गया है, इसके लिए आवेदन कर सकती है। इसके आलवा व्यक्तिगत इनोवेटर्स (अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों) को भी आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

इनक्यूबेटर के लिए मानदंड

iDEX पार्टनर इन्क्यूबेटर के रूप में अनुदान प्राप्त करने के लिए, कुछ पात्रता मानदंडों का पालन करना होगा। आवेदक को भारत में निजी, सार्वजनिक या पीपीपी मोड में कानूनी इकाई के रूप में पंजीकृत होना चाहिए। उन्हें भारत सरकार के मंत्रालय से अनुदान या स्थापना समर्थन प्राप्त होना चाहिए था इनक्यूबेटर कम से कम 3 वर्षों के लिए संचालन में होना चाहिए और न्यूनतम 25 स्टार्ट-अप का समर्थन करने का अनुभव होना चाहिए।

SOURCE-THE HINDU

 

वैश्विक शिक्षा शिखर सम्मेलन

Global Partnership for Education (GPE) के लिए 5 बिलियन अमरीकी डालर जुटाने के उद्देश्य से केन्या और यूनाइटेड किंगडम, लंदन में एक वैश्विक शिक्षा शिखर सम्मेलन (Global Education Summit) की मेजबानी कर रहे हैं। GPE 90 क्षेत्रों और देशों में सार्वजनिक शिक्षा को फण्ड देता है।

मुख्य बिंदु

  • जिन देशों में सार्वजनिक शिक्षा के लिए धन की आवश्यकता होती है, वहां दुनिया के 80% ड्राप-आउट बच्चें हैं।
  • यह शिखर सम्मेलन इसलिए आयोजित किया जा रहा है क्योंकि सरकारें कोविड-19 महामारी के कारण भारी चुनौतियों का सामना कर रही हैं जिससे व्यवधान उत्पन्न हुआ है।
  • महामारी के कारण अधिकांश देशों में स्कूल अचानक बंद हो गए हैं।
  • इसने COVID-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सीखने में गंभीर अंतराल पैदा कर दिया है, क्योंकि निम्न व मध्यम आय वाले देशों में लोगों के पास स्मार्टफ़ोन तक सीमित पहुँच है।
  • बच्चों की शिक्षा की दिशा में व्यवधान ने, विभिन्न देशों की सरकारों को उन देशों की शिक्षा प्रणाली में इस लंबे समय से चली आ रही असमानता को दूर करने के लिए अधिक संसाधनों और ध्यान देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
  • इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, देशों के शिक्षा मंत्रालयों को वित्त पोषण की आवश्यकता है जो अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी और उनके संबंधित शिक्षा बजट को संभावित कटौती से बचाएगी।

SOURCE-GK TODAY

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