4 June Current Affairs
मौद्रिक नीति
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने घोषणा की है कि नीतिगत रेपो दर 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगी और सीमांत स्थायी सुविधा व बैंक दर 4.25 प्रतिशत ही रहेगी।
रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगी। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति का यह विचार था कि विकास दर में तेजी लाने और अर्थव्यवस्था में फिर से उभार लेने के लिए सभी पक्षों के नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। गवर्नर ने ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधन में आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति के वक्तव्य को जारी करते हुए कहा कि “इसे ध्यान में रखते हुए नीतिगत दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है और वृद्धि को फिर से बहाल करने और इसमें स्थायित्व लाने के लिए जब तक आवश्यक हो, तब तक मुद्रास्फीति को निर्धारित सीमा तक बने रहने को सुनिश्चित करते हुए ऐसे सहयोगात्मक दृष्टिकोण को जारी रखने का निर्णय लिया गया है।”2021-22 में अर्थव्यवस्था के 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान।
गवर्नर ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2021-22 में 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। इसका आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि पहली लहर के विपरीत, दूसरी लहर का प्रभाव आर्थिक गतिविधियों पर अपेक्षाकृत नियंत्रित रहने का अनुमान था क्योंकि आवागमन पर प्रतिबंध स्थानीय स्तर तक सीमित किया गया था।
अप्रैल और मई 2021 में शहरी क्षेत्र से आने वाली मांग हालांकि धीमी हो गई, तथापि आने वाले महीनों में टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है और इससे आर्थिक गतिविधियों को सामान्य स्तर तक लाने में मदद मिलेगी। वैश्विक व्यापार में फिर से उभार आने से भारत के निर्यात क्षेत्र को मजबूती मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सामान्य मानसून के पूर्वानुमान के चलते ग्रामीण क्षेत्र से होने वाली मांग के मजबूत रहने की उम्मीद है।
गवर्नर ने कहा कि 2021-22 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अतिरिक्त उपाय
आरबीआईगवर्नर ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से अतिरिक्त उपायों की एक श्रृंखला की भी घोषणा की।परस्पर संपर्क वाले क्षेत्रों के विंडो: रेपोरेट पर तीन साल तक की अवधि के लिए 31 मार्च, 2022 तक 15,000 करोड़ लिए ऑन-टैपलिक्विडिटी रुपये की एक अलग लिक्विडिटीविंडो खोली जा रही है ,इस योजना के तहत होटल, रेस्तरां, ट्रैवल एजेंटों, टूरऑपरेटरों, विमानन सहायक सेवाओं और निजी बस ऑपरेटरों, किराए पर कार सेवा प्रदाताओं, कार्यक्रम आयोजकों, स्पाक्लीनिक, ब्यूटीपार्लर और सैलून सहित अन्य सेवाओं को बैंक नए सिरे से ऋण सहायता दे सकते हैं।
एक वर्ष तक की अवधि के लिए रेपो दर पर नए मॉडल और संरचनाओं के माध्यम से ऑन-लेंडिंग/पुनर्वित्त के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई-सिडबी) को 16,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी सुविधा। यह सुविधा सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की ऋण आवश्यकताओं को और अधिक सहायता एवं समर्थन देने के लिए है, जिसमें ऋण की कमी वाले और आकांक्षी जिले भी शामिल हैं।
स्ट्रेसरिजॉल्यूशनफ्रेमवर्क2.0 के तहत ऋण लेने वालों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि की गई, यह सुविधा सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) और लघु व्यवसायों और अपने कारोबार के लिए निजी रूप में ऋण के लिए कुल अधिकतम ऋण सीमा को 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये किया गया।
बैंकों के ऋण जोखिम प्रबंधन ढांचे के भीतर प्रतिभूतियों के तहत प्राधिकृत डीलर बैंकों को सरकार में लेन-देन के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से मार्जिन रखने की अनुमति दी गई। यह विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के सामने आने वाली परिचालन बाधाओं को कम करेगा और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देगा।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अब जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी कर सकते हैं
इसके अलावा, सीडी के सभी जारीकर्ताओं को कुछ शर्तों के अधीन परिपक्वता से पहले अपनी सीडी वापस खरीदने की अनुमति होगी। इससे लिक्विडिटी प्रबंधन में अधिक लचीलेपन की सुविधा होगी।
नेशनल ऑटोमेटेडक्लियरिंग हाउस (एनएसीएच) अब सप्ताह के सभी दिनों (वर्तमान में केवल बैंक के कार्य दिवसों पर उपलब्ध) पर उपलब्ध होगा, और यह 1 अगस्त, 2021 से प्रभावी होगा। बड़ी संख्या में लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का एक लोकप्रिय और प्रमुख तरीका होने के नाते एनएसीएच का यह कदम ग्राहकों की सुविधा को और बढ़ाएगा।
गवर्नर ने मौद्रिक नीति समिति द्वारा की गई निम्नलिखित टिप्पणियों का भी उल्लेख किया :
सामान्य मानसून के पूर्वानुमान के कारण ग्रामीण मांग मजबूत रहने की उम्मीद है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमण का बढ़ना एक नकारात्मक प्रभाव डालने वाला जोखिम है।
अप्रैल में मुदास्फीति के 4.3 प्रतिशत पर रहने से कुछ राहत और नीति को अपनाने में सहायता मिली है।
वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बढ़ने का अनुमान है:
2021-22 में 9.5प्रतिशत
पहली तिमाही (क्यू1) में 18.5 प्रतिशत
दूसरी तिमाही (क्यू2) में 7.9 प्रतिशत
तीसरी तिमाही (क्यू3) में 7.2 प्रतिशत
चौथी तिमाही (क्यू4) में 6.6 प्रतिशत
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति इस प्रकार रहने का अनुमान है:
2021-22 में 5.1 प्रतिशत
पहली तिमाही (क्यू1) में 5.2 प्रतिशत
दूसरी तिमाही (क्यू2) में 5.4 प्रतिशत
तीसरी तिमाही (क्यू3) में 4.7 प्रतिशत
चौथी तिमाही (क्यू4) में 5.3 प्रतिशत
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नियमित रूप से खुले बाजार का संचालन किया है और चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी प्रतिभूति अधिग्रहण कार्यक्रम (जी-एसएपी) 1.0 के तहत 60,000 करोड़ रुपये के अलावा इस वर्ष 31 मई तक 36,545 करोड़ रुपये अधिक नकदी (रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी) जारी की है।
i) 17 जून 2021 को सरकार की 40,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों की खरीद के लिए जी-एसएपी0 के तहत एक और प्रचालन।
ii) 01 लाख 20 हजार करोड़ रुपये के बाजार का समर्थन करने के लिए जी-एसएपी0 का आयोजन वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में द्वितीयक बाजार खरीद कार्यों के लिए किया जाएगा।
मार्च, अप्रैल और मई 2021 में भारत का निर्यात बढ़ रहा है और महामारी से पहले की स्थिति से परे सतत सुधार के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं।
28 मई, 2021 तक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 598.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया थाI देश अब 600 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार तक पहुंचने ही वाला है।
अपने समापन वक्तव्य में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर ने कहा कि विकास की सम्भावनाएं अभी भी बनी हुई हैं और बैंक द्वारा आज घोषित उपायों से उम्मीद की जा सकती है कि विकास की नई ऊंचाइयों तक फिर से पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि “विश्व की वैक्सीन राजधानी के रूप में भारत के उभरने और औषधि (फार्मा) उत्पादों के क्षेत्र में अग्रणी स्थिति अब कोविड-19 के बाद के परिदृश्य को बदल सकती है।
SOURCE-PIB
भारतीय रेल दुनिया में “सबसे बड़ी हरित रेल”
बनने की राह पर
भारतीय रेल (आईआर) दुनिया में सबसे बड़ी हरित रेलवे बनने के लिए मिशन के रूप में काम कर रही है और वर्ष 2030 से पहले “शून्य कार्बन उत्सर्जक” बनने की दिशा में बढ़ रही है। रेलवे नए भारत की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के क्रम में पर्यावरण अनुकूल, दक्ष, किफायती, समयनिष्ठ और यात्रियों के साथ-साथ माल की आधुनिक वाहक बनने की राह पर चल रही है। भारतीय रेल व्यापक विद्युतीकरण, जल और कागज संरक्षण, रेलवे की पटरियों पर जानवरों को घायल होने से बचाने से जुड़े कदमों से पर्यावरण के प्रति मददगार हो रही है।
2014 के बाद से रेल विद्युतीकरण लगभग 10 गुना बढ़ गया है, जो पर्यावरण अनुकूल है और इससे प्रदूषण बढ़ता है। विद्युतीकरण के आर्थिक लाभों को तेजी से प्राप्त करने के लिए, रेलवे ने ब्रॉडगेजरूटों के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लिए दिसंबर, 2023 तक विद्युतीकृत संतुलित ब्रॉडगेज (बीजी) रूट तैयार करने की योजना बनाई है। हेड-ऑन-जनरेशनसिस्टम, जैव शौचालय और एलईडी लाइट ट्रेन को यात्रा के ऐसे बेहतर साधन में बदलते हैं, जो यात्रियों के लिए आरामदेह के साथ ही पर्यावरण के प्रति संवेदनशील भी हो।
आईआर के डेडिकेटेडफ्रेटकॉरिडोर्स को दीर्घ कालिक कम कार्बन रोडमैप के साथ एक कम कार्बन हरित परिवहन नेटवर्क के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो उसे ज्यादा ऊर्जा दक्ष और कार्बन अनुकूल तकनीकों, प्रक्रियाओं व अभ्यासों को अपनाने में सक्षम बनाते हैं। आईआर दो समर्पित मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं– लुधियाना से दनकुनी (1,875 किमी) तक पूर्वी गलियारा (ईडीएफसी) और दादरी से जवाहरलालनेहरूपोर्ट ट्रस्ट (1,506किमी) तक पूर्वी गलियारा (डब्ल्यूडीएफसी) को कार्यान्वित कर रहा है। ईडीएफसी के सोननगर-दनकुनी (538किमी) भाग को सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मोड में लागू करने की योजना बनाई गई है।
हरित प्रमाणन में मुख्य रूप से ऊर्जा संरक्षण उपायों, नवीनीकृत ऊर्जा का उपयोग, ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, सामग्री संरक्षण, पुनर्चक्रीकरण आदि
जैसे पर्यावरण को सीधा प्रभावित करने वाले मानकों के आकलन को शामिल किया जाता है। 19 रेलवे स्टेशनों ने भी 3 प्लेटिनम, 6 गोल्ड और 6 सिल्वररेटिंग के साथ हरित प्रमाणन हासिल कर लिया है। रेलवे के 27 अन्य भवन, कार्यालय, परिसर और अन्य प्रतिष्ठानों को भी 15 प्लेटिनम, 9गोल्ड और 2सिल्वररेटिंग सहित हरित प्रमाणन मिल चुका है। इसके अलावा, पिछले दो साल में 600 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के कार्यावयन के लिए आईएसओ : 14001 के कार्यान्वयन के लिए प्रमाणित किया जा चुका है। कुल 718 स्टेशनों की आईएसओ : 14001 के लिए पहचान की गई है।
भारतीय रेल ने अपने जोखिम आकलन और आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल में जलवायु परिवर्तन की विशेषताओं को शामिल किया है। एक संगठन के रूप में रेलवे जोखिम के प्रबंधन और अपनी संपदाओं, रूटों व निवेशों के बारे में सही सवाल पूछने के लिए तैयार है। आईआर की कई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन साझा समझ के लिए हितधारकों के साथ संवाद कर रहे हैं, जो दीर्घकालिक स्वास्थ्य और संगठनों के स्थायित्व के लिए जरूरी है।
SOURCE-PIB
“प्रकृति के संग : पर्यावरण पर फिल्मोत्सव”
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 दुनिया भर में ”पारितंत्र/प्रकृति संरक्षण” की थीम के साथ मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य हर महाद्वीप और हर महासागर में प्रकृति/पारितंत्र के पतन को रोकना और इस प्रक्रिया को उत्क्रमित करना है। इसलिए “पुनरकल्पना, पुनरुत्थान और संरक्षण”, यह पर्यावरण दिवस मनाने का नारा हैं। इस थीम में योगदान देते हुए फिल्म प्रभाग, 5 और 6 जून, 2021 को “प्रकृति के संग : पर्यावरण पर फिल्मोत्सव” की ई-स्क्रीनिंग के साथ विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है।
“प्रकृति के संग” की 2-दिवसीय विशेष स्क्रीनिंग में छह फिल्में शामिल होंगी जो पर्यावरण का पुनरुज्जीवन करने और प्रकृति के सह-अस्तित्व को फिर से परिभाषित करने का मजबूत संदेश देती हैं, जिसमें मानव और प्रकृति के अविभाज्य संबंध का पुनरुत्थान करने के लिए विभिन्न तरीकों का सुझाव दिया गया है। यह ई-स्क्रीनिंग फिल्म प्रभाग की वेबसाइट और यू-ट्यूब चैनल पर की जाएगी।फिल्म प्रभाग ने कई वर्षों से पर्यावरण के पुनरूत्थान तथा संरक्षण के लिए प्रभावी संदेश के साथ जागरूकता पैदा करने वाली वृत्तचित्रों का निर्माण करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
SOURCE-PIB
ब्लू-फिनमहासीर
टाटा पावर के अनुसार, ब्लू-फिनमहासीर (Blue-finned Mahseer) को “कम से कम चिंता” (least concern) का स्टेटस दिया गया है, जिसे पहले International Union for Conservation of Nature (IUCN) की लुप्तप्रायप्रजातियों की रेस्टलिस्ट में शामिल किया गया था।
मुख्य बिंदु
टाटा समूह लोनावाला में 50 साल से ब्लू-फिन्ड और गोल्डनमहाशीर/महासीर के संरक्षण में शामिल है। गोल्डनमहाशीर के अब भी विलुप्त होने का खतरा है।
लोनावाला के वालवनहैचरी (Walvan Hatchery) में लगभग पांच लाख महासीर पाले जाते हैं, जहां टाटा समूह ने उनके संरक्षण के लिए एक कृत्रिम झील बनाई है।
महासीर/महाशीर (Mahseer)
ये मछलियां उत्तर में वियतनाम और दक्षिण में चीन, लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिणी एशिया, भारतीय प्रायद्वीप, पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान में पाई जाती हैं। वे व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। इन मछलियों का बाजार मूल्य काफी अधिक होता है और जलीय कृषि के लिए संभावित उम्मीदवार प्रजातियां हैं।
चिंताएं
महासीर की कई बड़ी प्रजातियों को गंभीर गिरावट का सामना करना पड़ा है, जिन्हें अब प्रदूषण, अत्यधिक मछली पकड़ने और आवास के नुकसान के कारण खतरे में माना जाता है। सीमित संख्या में प्रजातियों के कृत्रिम रूप से नस्ल के स्टॉक के अनियंत्रित रिलीज के प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं।
विशेषताएँ
वे नदियों और झीलों दोनों में निवास करती हैं। वे सर्वाहारी होती हैं। वे शैवाल, क्रस्टेशियंस, मेंढक, कीड़े और अन्य मछली को खाती हैं। वे उन फलों को भी खाती हैं जो पेड़ से गिरते हैं।
SOURCE-GK TODAY
Senior Care Ageing Growth Engine (SAGE) Project
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंदगहलोत4 जून, 2021 को सीनियरकेयरएजिंगग्रोथ इंजन (SAGE – Senior care Ageing Growth Engine) प्रोजेक्ट को लांच करेंगे।
SAGE Project क्या है?
विश्वसनीय स्टार्ट-अप द्वारा प्रदान की जाने वाली बुजुर्ग देखभाल उत्पादों और सेवाओं के “वन-स्टॉपएक्सेस” का चयन करने, समर्थन और निर्माण के लिए SAGE Project शुरू किया जायेगा।
बुजुर्गों के लिए स्टार्ट-अप पर अधिकार प्राप्त विशेषज्ञ समिति (empowered expert committee) की रिपोर्ट की सिफारिशों के बाद यह परियोजना तैयार की गई है।
एक बार परियोजना शुरू हो जाने के बाद, स्टार्ट-अप समर्पित पोर्टल के माध्यम से इसका हिस्सा बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस डेडिकेटेडपोर्टल को भी योजना के साथ लॉन्च किया जाएगा।
स्टार्ट-अप का चयन कैसे होगा?
स्टार्ट-अप का चयन उनके नवोन्मेषी उत्पादों और सेवाओं के आधार पर किया जाएगा, जो वे आवास, स्वास्थ्य और देखभाल केंद्रों जैसे क्षेत्रों में प्रदान कर सकते हैं। उनका चयन कानूनी मार्गदर्शन के अलावा वित्त, खाद्य और धन प्रबंधन से जुड़ी तकनीकी पहुंच के आधार पर भी किया जाएगा।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इन चिन्हितकिये गये और सत्यापित स्टार्ट-अप के माध्यम से बुजुर्गों को उत्पादों तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए काम करेगा।
योजना की आवश्यकता
बुजुर्गों की बढ़ती हिस्सेदारी को देखते हुए इस योजना की आवश्यकता महसूस की गयी। एक सर्वेक्षण के अनुसार, कुल जनसंख्या के संबंध में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 2001 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 2026 तक लगभग 12.5 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
SOURCE-PIB
ईगलएक्ट
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (House of Representatives) ने रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड पर प्रति देश की सीमा को खत्म करने के लिए कानून को फिर से पेश किया है। इस कानून को “ईगलएक्ट” कहा जाता है और इसे भारतीय आईटी पेशेवरों को लाभ पहुंचाने के लिए पेश किया गया था जो दशकों से ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार कर रहे हैं।
ईगलएक्ट, 2021 क्या है?
EAGLE Act को “Equal Access to Green cards for Legal Employment Act” भी कहा जाता है। यह रोजगार-आधारित अप्रवासी वीजा पर प्रति देश 7% की सीमा को समाप्त करने का प्रस्ताव करता है। यह परिवार-प्रायोजित वीजा पर प्रति देश 7% की सीमा को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी प्रयास करता है।
यह भारतीयों की कैसे मदद करेगा?
मौजूदा सीमा के कारण, असाधारण योग्यता वाले भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश से एक व्यक्ति, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकता है और रोजगार पैदा कर सकता है, छोटे देश से कम योग्यता वाले व्यक्ति के पीछे इंतजार कर रहा है। इस प्रकार, यह नया कानून भारतीय पेशेवरों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करेगा।
अमेरिका में भारतीय प्रवासी
भारत से अमेरिका में आप्रवासन19वीं शताब्दी की शुरुआत में शुरू हुआ जब भारतीय अप्रवासी पश्चिमी तट के साथ समुदायों में बसने लगे। वे मूल रूप से कम संख्या में पहुंचे लेकिन 20वीं शताब्दी के मध्य में नए अवसरों के खुलने के बाद जनसंख्या में वृद्धि हुई। 2019 तक, 2.7 मिलियन से अधिक भारतीय अप्रवासी अमेरिका में रहते हैं। भारतीय अप्रवासी अमेरिका में विदेशी मूल की आबादी का 16% प्रतिशत हिस्सा हैं। इस प्रकार, वे मेक्सिको के बाद देश में दूसरा सबसे बड़ा अप्रवासी समूह हैं।
Ecosystem Restoration रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने 2021-2030 के लिए ‘UN Decade on Ecosystem Restoration’ रिपोर्ट लांच की और राष्ट्रों से 1 अरब हेक्टेयर भूमि को बहाल करने की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आह्वान किया।
मुख्य निष्कर्ष
इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया जलवायु परिवर्तन, प्रकृति के नुकसान और प्रदूषण के तीन गुना खतरे का सामना कर रही है।इसलिए, दुनिया को अगले दशक में कम से कम एक अरब निम्नीकृत (degraded) हेक्टेयर भूमि (चीन के आकार के बराबर) को बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करना चाहिए।
इस रिपोर्ट के अनुसार देशों को महासागरों के लिए भी इसी तरह की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की आवश्यकता है।
इस प्रकार, बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र के पतन और जैव विविधता के नुकसान को रोकने के लिए अकेले संरक्षण प्रयास अपर्याप्त हैं।
वैश्विक स्थलीय बहाली लागत (Global Terrestrial Restoration Costs)
इस रिपोर्ट का अनुमान है कि समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने की लागत को छोड़कर, वैश्विक स्थलीय बहाली की लागत 2030 तक प्रति वर्ष 200बिलियन अमरीकी डालर होगी। इस बहाली (restoration) में निवेश किया गया प्रत्येक 1डालर आर्थिक लाभ में 30डालर तक का लाभ दे सकता है।
किन पारिस्थितिक तंत्रों को तत्काल बहाली की आवश्यकता है?
वन, खेत, जंगल, घास के मैदान, सवाना, शहरी क्षेत्र, पहाड़, पीटलैंड, मीठे पानी और महासागरों जैसे पारिस्थितिक तंत्र को तत्काल बहाली की आवश्यकता है।
पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक (UN Decade on Ecosystem Restoration)
पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक 2021-2030 ने दुनिया भर में पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण और पुनरुद्धार का आह्वान किया है। इसका उद्देश्य पारिस्थितिक तंत्र के क्षरण को रोकना और वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उन्हें पुनर्स्थापित करना है।
SOURCE-GK TODAY
Fengyun-4B
चीन ने नई पीढ़ी के मौसम संबंधी उपग्रह को कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस उपग्रह का नाम है फेंग्युन-4बी (Fengyun-4B) है, इस उपग्रह का उपयोग मौसम विश्लेषण, पर्यावरण और आपदा निगरानी के क्षेत्रों के लिए किया जाएगा।
फेंग्युन-4B (Fengyun-4B)
इस सैटेलाइट को लॉन्ग मार्च-3 बीरॉकेट से सिचुआन प्रांत के जिचांगसैटेलाइटलॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया था। यह चीन की नई पीढ़ी के मौसम विज्ञान (meteorological) उपग्रहों में से पहला है जिसका उपयोग मौसम विश्लेषण और पूर्वानुमान, पर्यावरण और आपदा निगरानी के लिए किया जाएगा।
नए उपग्रह का महत्व
Fengyun-4B उपग्रह छोटे और मध्यम स्तर की आपदा घटनाओं के अवलोकन और प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करेगा और कृषि, मौसम विज्ञान, समुद्री, विमानन और पर्यावरण संरक्षण सहित क्षेत्रों में सूचना सुरक्षा सेवाएं प्रदान करेगा। यह, बाढ़, सूखा और रेतीले तूफान जैसे कई आपदा तत्वों की गतिशील निगरानी और ट्रैकिंग भी करेगा। यह चीन में आंधी और तूफान जैसे आपदा के मौसम की भविष्यवाणी की सटीकता में भी सुधार करेगा। इसमें एक रैपिडइमेजर भी शामिल है जो पृथ्वी की स्कैन इमेजिंग में तेजी ला सकता है।
यह किन क्षेत्रों को कवर करेगा?
इस उपग्रह के अवलोकन रेंज में एशिया, मध्य प्रशांत महासागर और हिंद महासागर क्षेत्र शामिल हैं।