7 April Current Affairs
भारत-सेशेल्स
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 8 अप्रैल, 2021 को सेशेल्स में भारतीय परियोजनाओं की एक श्रृंखला का उद्घाटन करने के लिए सेशेल्स गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम वैवेल रामकलावन के साथ एक उच्चस्तरीय आभासी कार्यक्रम में भाग लेंगे।
इस उच्चस्तरीय आभासी कार्यक्रममें निम्नलिखित विशेष आकर्षण होंगे:
सेशेल्स में मजिस्ट्रेट न्यायालयके नए भवन का संयुक्त ई-उद्घाटन;
सेशेल्स कोस्टगार्ड को एक तीव्र गश्ती नौका (फास्ट पैट्रोल वेसल) को सौंपना;
1 मेगावाट की क्षमता वाले एक सौर ऊर्जा संयंत्र को सौंपना;
10 उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं (एचआईसीडीपी) का उद्घाटन।
राजधानी विक्टोरिया स्थित मजिस्ट्रेट न्यायालय का नया भवन, सेशेल्स में नागरिक आधारभूत संरचना से जुड़ी भारत की पहली बड़ी परियोजना है और इसका निर्माण अनुदान सहायता के माध्यम सेकिया गया है। यह मजिस्ट्रेट न्यायालय एक अत्याधुनिक भवन है, जो सेशेल्स की न्यायिक प्रणालीकी क्षमता को व्यापक रूप से बढ़ाएगा और सेशेल्स के लोगों को न्यायिक सेवाओं के बेहतर वितरण में सहायता प्रदान करेगा।
50–एम तीव्र गश्ती नौका (फास्ट पैट्रोल वेसल), जोकि एक आधुनिक एवं पूरी तरह से सुसज्जित नौसैनिक जहाज है। इस नौका को मेसर्स जीआरएसई, कोलकाता द्वारा भारत में निर्मित किया गया है और इसे सेशेल्स को उसकी समुद्री निगरानी क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से भारतीय अनुदान सहायता के तहत उपहार में दिया जा रहा है।
सेशेल्स के रोमेनविले द्वीप में स्थित 1 मेगावाट की क्षमता वाले जमीन पर लगे सौर ऊर्जा संयंत्र (ग्राउंड-माउंटेड सोलर पावर प्लांट) का निर्माण अनुदान सहायता के तहत भारत सरकार द्वारा सेशेल्स में कार्यान्वित किए जा रहे ‘सोलर पीवी डेमोक्रिटाइजेशन प्रोजेक्ट’के एक हिस्से के रूप में किया गया है।
इस आभासी कार्यक्रम में स्थानीय निकायों, शैक्षिक एवं व्यावसायिक संस्थानों के सहयोग से भारतीय उच्चायोग द्वारा कार्यान्वित 10 उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं (एचआईसीडीपी) को भी सौंपा जाएगा।
प्रधानमंत्री की ’सागर’–‘सिक्यूरिटी एंड ग्रोथ फॉर आल इन द रीजन’ – की अवधारणा में सेशेल्स काएक केन्द्रीय स्थान है। इन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन सेशेल्स के ढांचागत, विकासात्मक और सुरक्षा संबंधी जरूरतों की पूर्ति करने में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत कीविशेष एवं आजमायी हुई भूमिका को दर्शाता है और भारत एवं सेशेल्स के लोगों के बीच गहरे और मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रमाण है।
SOURCE-PIB
श्री गुरु तेग बहादुर
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 8 अप्रैल, 2021 को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती (प्रकाश पर्व) मनाने के लिए उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह भी बैठक में भाग लेंगे। बैठक में इस विशेष अवसर को मानने के लिए साल भर के कैलेंडर पर चर्चा होगी।
उच्च स्तरीय समिति के बारे में —
केंद्र सरकार द्वारा 24 अक्टूबर, 2020 को एचएलसी का गठन किया गया था, ताकि वह आयोजनों की निगरानी के साथ-साथ श्री गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती की स्मृति से संबंधित नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को मंजूरी दे सके।
गुरू तेग बहादुर (1 अप्रैल 1621 – 11 नवंबर, 1675) सिखों के नवें गुरु थे जिन्होने प्रथम गुरु नानक द्वारा बताए गये मार्ग का अनुसरण करते रहे। उनके द्वारा रचित 115 पद्य गुरु ग्रंथ साहिब में सम्मिलित हैं। उन्होने काश्मीरी पंडितों तथा अन्य हिंदुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाने का विरोध किया। इस्लाम स्वीकार न करने के कारण 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने उन्हे इस्लाम कबूल करने को कहा कि पर गुरु साहब ने कहा सीस कटा सकते है केश नहीं। फिर उसने गुरुजी का सबके सामने उनका सिर कटवा दिया। गुरुद्वारा शीश गंज साहिब तथा गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब उन स्थानों का स्मरण दिलाते हैं जहाँ गुरुजी की हत्या की गयी तथा जहाँ उनका अंतिम संस्कार किया गया। विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है।
इस महावाक्य अनुसार गुरुजी का बलिदान न केवल धर्म पालन के लिए नहीं अपितु समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत की खातिर बलिदान था। धर्म उनके लिए सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन विधान का नाम था। इसलिए धर्म के सत्य शाश्वत मूल्यों के लिए उनका बलि चढ़ जाना वस्तुतः सांस्कृतिक विरासत और इच्छित जीवन विधान के पक्ष में एक परम साहसिक अभियान था।
आततायी शासक की धर्म विरोधी और वैचारिक स्वतंत्रता का दमन करने वाली नीतियों के विरुद्ध गुरु तेग़ बहादुरजी का बलिदान एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक घटना थी। यह गुरुजी के निर्भय आचरण, धार्मिक अडिगता और नैतिक उदारता का उच्चतम उदाहरण था। गुरुजी मानवीय धर्म एवं वैचारिक स्वतंत्रता के लिए अपनी महान शहादत देने वाले एक क्रांतिकारी युग पुरुष थे।
11 नवंबर, 1675 ई को दिल्ली के चांदनी चौक में काज़ी ने फ़तवा पढ़ा और जल्लाद जलालदीन ने तलवार करके गुरू साहिब का शीश धड़ से अलग कर दिया। किन्तु गुरु तेग़ बहादुर ने अपने मुंह से सी’ तक नहीं कहा।
SOURCE-PIB
पीएलआई योजना
आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न के अनुरूप एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6,238 करोड़ रुपये के बजट-आवंटन के साथ श्वेत वस्तुओं (एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट) के लिए उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को मंजूरी दे दी है।
पीएलआई योजना का प्रमुख उद्देश्य क्षेत्र आधारित अक्षमताओं को दूर करके, बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था का निर्माण और दक्षता को सुनिश्चित करते हुए भारत में विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसकी रूपरेखा भारत में उपकरणों व कल-पुर्जों के सम्पूर्ण इको-सिस्टम को ध्यान में रखते हुए तैयार की गयी है, ताकि भारत को वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जा सके। इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित करने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने और निर्यात में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।
पीएलआई योजना के तहत एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट के निर्माण से जुड़ी कंपनियों को अगले 5 वर्षों के दौरान भारत में निर्मित वस्तुओं की वृद्धिमान बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन दिया जायेगा। वांछित क्षेत्रों में वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कल-पुर्जों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों की पहचान की गयी है। योजना के लिए कंपनियों का चयन कल-पुर्जों के निर्माण या उपकरण के हिस्से का निर्माण (सब असेम्बलिंग) को प्रोत्साहन देने के आधार पर किया जायेगा, जिन उपकरणों का वर्त्तमान में भारत में पूरी क्षमता के साथ निर्माण नहीं किया जा रहा है। तैयार वस्तुओं को सिर्फ जोड़ने (असेम्बल) के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया जायेगा।
विभिन्न लक्षित क्षेत्रों के लिए पूर्व-पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियां योजना में भाग लेने के योग्य मानी जायेंगी। ब्राउन फील्ड और ग्रीन फील्ड निवेश करने वाली कंपनियां भी प्रोत्साहन योजना के योग्य मानी जायेंगी। प्रोत्साहन का दावा करने के लिए आधार वर्ष पर निर्मित वस्तुओं के सन्दर्भ में वृद्धिमान निवेश और वृद्धिमान बिक्री की शर्त को पूरा करना होगा।
भारत सरकार की किसी अन्य पीएलआई योजना का लाभ उठा रही कोई कंपनी समान उत्पाद के संदर्भ में योजना के तहत पात्र नहीं मानी जायेगी, लेकिन कंपनी, भारत सरकार या राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकती है। योजना को पूरे देश में लागू किया जायेगा और इसके लिए किसी स्थान, क्षेत्र या आबादी विशेष को ध्यान में नहीं रखा गया है। एमएसएमई कंपनियों समेत देश और विदेश की विभिन्न कंपनियों को इस योजना से लाभ मिलने की संभावना है।
उम्मीद है कि यह योजना, एसी और एलईडी लाइट उद्योग में उच्च विकास दर हासिल करने, भारत में सहायक कल-पुर्जों के सम्पूर्ण इको-सिस्टम को विकसित करने तथा भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर की कंपनियों को तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। इन कंपनियों को घरेलु बाज़ार में बिक्री के लिए अनिवार्य बीआईएस और बीईई मानकों तथा वैश्विक बाज़ारों में लागू मानकों को पूरा करना होगा। इस योजना से शोध, विकास व नवाचार में निवेश तथा प्रौद्योगिकी उन्नयन में सहायता मिलेगी।
SOURCE-PIB
नेशनल प्रोग्राम ऑन हाई एफिशेंसी सोलर पीवी मॉड्यूल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के उच्च कुशलता वाले सोलर पीवी (फोटो वॉल्टिक) मॉड्यूल में गीगा वॉट पैमाने की निर्माण क्षमता हासिल करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) ‘नेशनल प्रोग्राम ऑन हाई एफिशेंसी सोलर पीवी (फोटो वॉल्टिक) मॉड्यूल’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर 4,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
वर्तमान में सोलर क्षमता संवर्धन के लिए मोटे तौर पर आयातित सोलर पीवी सैल्स और मॉड्यूल्स निर्भरता है, क्योंकि घरेलू विनिर्माण उद्योग के पास परिचालन योग्य सोलर पीवी सैल्स और मॉड्यूल्स की सीमित क्षमता थी। नेशनल प्रोग्राम ऑन हाई एफिशेंसी सोलर पीवी (फोटो वॉल्टिक) मॉड्यूल से बिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम होगी। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का भी समर्थन करेगा।
सोलर पीवी विनिर्माताओं को एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के जरिए चुना जाएगा। सोलर पीवी विनिर्माण संयंत्र की शुरुआत के पांच साल के लिए पीएलआई प्रदान की जाएगी और यह उच्च कुशलता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल की बिक्री पर निर्भर करेगा। विनिर्माताओं को उच्च कुशलता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल्स के साथ-साथ घरेलू बाजार से सामग्री खरीदने के लिए लाभ दिया जाएगा। इस तरह पीएलआई की राशि मॉड्यूल एफिशेंसी बढ़ने के साथ-साथ बढ़ती जाएगी और इससे स्थानीय मूल्य संवर्धन भी बढ़ेगा।
इस योजना से होने वाले अनुमानित लाभ/नतीजे :-
समेकित सोलर पीवी विनिर्माण संयंत्रों की क्षमता में 10,000 मेगावॉट की वृद्धि होगी।
सोलर पीवी विनिर्माण परियोजनाओं में 17,200 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश होगा।
सामग्री संतुलन के लिए पांच साल के लिए 17,500 करोड़ रुपये की मांग बढ़ेगी।
करीब 30,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 1,20,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
हर वर्ष करीब 17,500 करोड़ रुपये का आयात नहीं करना पड़ेगा।
उच्च कुशलता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल को हासिल करने के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्य में गति आएगी।
SOURCE-PIB
International Monetary Fund ने World Economic Outlook जारी किया
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने हाल ही में विश्व आर्थिक आउटलुक (World Economic Outlook) जारी किया, इस का शीर्षक “Managing Divergent Recoveries” जारी किया।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
इस रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 5% रखा गया है। यह जनवरी 2021 में 11.5% के पिछले अनुमान की तुलना में 1% अधिक है। यह उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के कुलीन समूह के बीच सबसे अधिक है।
साथ ही, वर्ष 2023 के लिए भारत का विकास अनुमान 8% से बढ़कर 6.9% हो गया है। इससे पहले IMF ने भारत की विकास दर 6.8% रहने की भविष्यवाणी की थी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था 2021 में 6% की दर से बढ़ेगी है और इसके 2022 में 4% तक बढ़ने की उम्मीद है। 2020 में, वैश्विक अर्थव्यवस्था 3.3% संकुचित हुई है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन 2020 में प्री-कोविड जीडीपी में लौट आया है। हालांकि, कई अन्य के 2023 तक इस स्तर तक लौटने की उम्मीद नहीं है।
COVID-19 के कारण होटल और रेस्तरां क्षेत्र को भारी उत्पादन और रोजगार का नुकसान हुआ है।
इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी अमेरिका, भारत और चीन में अच्छी रिकवरी की उम्मीद है।
यूके और अमेरिका वैक्सीन के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।दूसरी ओर, एशिया वैक्सीन रोल-आउट पर पिछड़ रहा है।
पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं को भारी नुकसान पहुंचा है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund – IMF)
आईएमएफ की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद युद्धग्रस्त देशों के पुनर्निर्माण में सहायता के लिए की गई थी। यह 1945 में बनाया गया था। यह 189 देशों द्वारा नियंत्रित है। भारत 1945 में IMF में शामिल हो गया था। विश्व आर्थिक आउटलुक के अलावा, IMF वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट भी जारी करता है।
SOURCE-G.K.TODAY
Xenobots
वैज्ञानिकों ने नए जीवित रोबोट बनाने के लिए मेंढकों की स्टेम कोशिकाओं का उपयोग किया है। इन रोबोटों को ज़ेनोबॉट्स (Xenobots) नाम दिया गया है।
Xenobots
Xenobots खुद को ठीक करने में सक्षम हैं।
वे यादें रिकॉर्ड कर सकते हैं।
Xenobots मेंढक कोशिकाओं से बने होते हैं।उनका नाम ज़ेनोपस लाविस मेंढक (Xenopus laevis frog) के नाम पर रखा गया है जिन्होंने रोबोट बनाने के लिए कोशिकाओं की आपूर्ति की। ज़ेनोपस लाविस एक अफ्रीकी मेंढक है।
इन रोबोटों का उपयोग बीमारियों का पता लगाने और शरीर के विशिष्ट क्षेत्रों में दवाओं को पहुंचाने के लिए किया जायेगा।
Xenobots 1 मिली मीटर से कम लंबे होते हैं।
इनमें 500-1000 जीवित कोशिकाएँ शामिल हैं।
वे सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए एक साथ जुड़ने में सक्षम हैं।
वे अपनी कोशिकीय ऊर्जा का अधिकतम दस दिनों तक दोहन करके छोटी वस्तुओं को स्थानांतरित कर सकते हैं।
Xenobots की स्मृति कैसे बनाई गई थी?
ज़ेनोबोट्स की स्मृति रखने की क्षमता को EosFP नामक एक प्रोटीन द्वारा प्रेरित किया गया था।यह प्रोटीन सामान्य रूप से हरा होता है। हालाँकि, यह 390 एनएम तरंग दैर्ध्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर लाल रंग का उत्सर्जन करता है।
मेसेंजर आरएनए कोडिंग के साथ मेंढक भ्रूण की कोशिकाओं ने Xenobots को रिकॉर्ड करने में सक्षम किया जब नीली रोशनी (लगभग 390 एनएम की तरंग दैर्ध्य) के संपर्क में आया।
RBI की मौद्रिक नीति (RBI Monetary Policy)
7 अप्रैल, 2021 को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के परिणाम की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
रेपो रेट को 4% पर अपरिवर्तित रखा गया है।
रिवर्स रेपो दर को 35% पर रखा गया है।
वित्त वर्ष 2022 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि के 5% रहने का अनुमान है।
2022 के CPI के 1% होने का अनुमान है।
MSF दर को 25% पर अपरिवर्तित रखा गया है।
बैंक दर को 25% पर अपरिवर्तित रखा गया है।
आरबीआई G-Sec Acquisition Programme के तहत 1 लाख करोड़ रुपये की G-Sec खरीदेगी।
आरबीआई ने केंद्र के ‘Ways and Means Advances’ में 46% की बढ़ोतरी की है। वर्तमान सीमा 32,225 करोड़ रुपये है। इसे बढ़ाकर अब 47,010 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
पेमेंट बैंकों के लिए पे बैलेंस की अधिकतम सीमा को दोगुना कर 2 लाख रुपये कर दिया गया है।
2021-22 में नाबार्ड, सिडबी और एनएचबी के लिए 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता सुविधा घोषित की गयी है।
अनाज की कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है।
रेपो दर (Repo Rate)
रेपो दर वह दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक देश के वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है।
रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate)
रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक देश में वाणिज्यिक बैंकों से पैसा उधार लेता है।
CPI
CPI का अर्थ Consumer Price Index (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) है। यह वह उपाय है जो घरों द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों के भारित औसत की जांच करता है।
MSF दर
MSF का अर्थ Marginal Standing Facility (सीमांत स्थायी सुविधा) है। यह वह दर है जिस पर RBI सरकारी प्रतिभूतियों के खिलाफ अनुसूचित बैंकों को धनराशि देता है।
SOURCE-RBI
RXIL क्या
RXIL का अर्थ Receivables Exchange of India है। हाल ही में RXIL 1000 करोड़ रुपये के मासिक थ्रूपुट को पार करने वाला पहला TReDS प्लेटफॉर्म बन गया है। इस प्लेटफॉर्म में लेनदेन की मात्रा अप्रैल 2020 में 69 करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2021 में 1,105 करोड़ रुपये हो गई है। यह देश में आर्थिक सुधार को दर्शाता है। इसके अलावा, यह दिखाता है कि COVID-19 के दौरान बुरी तरह से प्रभावित हुए MSME क्षेत्र को पुनर्जीवित किया जा रहा है।
RXIL
RXIL का गठन 2016 में किया गया था।
यह भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
इसे TReDS संचालित करता है।
यह भारत का पहला TreDS एक्सचेंज लॉन्च करने के लिए RBI से अनुमोदन प्राप्त करने वाली पहली इकाई थी।
RXIL वित्तीय मंच का एक एकीकृत प्रदाता है जो MSMEs के विकास और विकास का समर्थन करता है।
TReDS क्या है?
TReDS एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ॉर्म है जो कई फाइनेंसरों के माध्यम से MSMEs को वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करता है।
TReDS में मुख्य तीन प्रतिभागी एमएसएमई (विक्रेता), फाइनेंसर और कॉर्पोरेट इकाइयां (खरीदार) हैं।
RBI के अनुसार, केवल MSMEs TReDS में विक्रेता के रूप में भाग ले सकते हैं।
2015 में, RBI ने TReDS की स्थापना और संचालन के लिए SIDBI और NSICL को मंजूरी दी थी।
यह MSMEs को उनकी कार्यशील पूंजी को अनलॉक करने में मदद कर सकता है।
यह उच्च दक्षता और पूंजी प्रबंधन सुनिश्चित करता है।
TReDS कैसे काम करता है?
विक्रेता पहले एक चालान अपलोड करता है। यह चालान खरीदार से स्वीकृति की प्रतीक्षा करता है। खरीदार द्वारा चालान स्वीकार करने के बाद यह नीलामी के लिए जाता है। फाइनेंसर छूट दरों (discounting rates) एंटर करते हैं। ब्याज लागत वहन करने वाली पार्टी सर्वश्रेष्ठ बोली स्वीकार करेगी। बाद में फाइनेंसर खाते को डेबिट किया जाता है और विक्रेता खाते को क्रेडिट किया जाता है।
TReDS की वैधता
RBI ने भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत दिशानिर्देशों के आधार पर देश में TReDS के संचालन की अनुमति दी है।
SOURCE-G.K.TODAY
फोर्ब्स
फोर्ब्स (Forbes) ने हाल ही में दुनिया के सबसे धनी लोगों की अपनी सूची जारी की है।
फोर्ब्स की सूची में भारत के दस सबसे अमीर अरबपतियों की सूची
फोर्ब्स के अनुसार भारत में शीर्ष दस सबसे अमीर अरबपति हैं:
मुकेश अंबानी -नेट वर्थ: 5 बिलियन अमरीकी डॉलर
गौतम अदानी- नेट वर्थ: 5 बिलियन अमरीकी डालर
शिव नादर -नेट वर्थ: 5 बिलियन अमरीकी डॉलर
राधाकिशन दमानी- नेट वर्थ: 5 बिलियन अमरीकी डालर
उदय बॉक्स -नेट वर्थ: 9 बिलियन अमरीकी डालर
लक्ष्मी मित्तल -नेट वर्थ: 9 बिलियन अमरीकी डालर
कुमार बिड़ला -नेट वर्थ: 8 बिलियन अमरीकी डालर
साइरस पूनावाला -नेट वर्थ: 7 बिलियन अमरीकी डालर
दिलीप शांघवी -नेट वर्थ: 9 बिलियन अमरीकी डालर
सुनील मित्तल और परिवार – नेट वर्थ: 5 बिलियन अमरीकी डालर
भारत के दस सबसे अमीर अरबपतियों में से केवल दो ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश के कारण अपना स्थान अर्जित किया। वे सीरम इंस्टीट्यूट के साइरस पूनावाला और सन फार्मास्युटिकल के दिलीप शांघवी हैं।
फोर्ब्स की विश्व के सबसे अमीर वर्ल्ड अरबपतियों की सूची
जेफ बेजोस- नेट वर्थ: 177 बिलियन अमरीकी डालर
एलोन मस्क – नेट वर्थ: 151 बिलियन अमरीकी डालर
बर्नार्ड अरनॉल्ट -नेट वर्थ: 150 बिलियन अमरीकी डालर
बिल गेट्स -नेट वर्थ: 124 बिलियन अमरीकी डालर
मार्क जकरबर्ग -नेट वर्थ: 97 बिलियन अमरीकी डालर
फोर्ब्स
फोर्ब्स का मुख्यालय न्यू जर्सी में स्थित है। इसका एशिया में एक अंतरराष्ट्रीय संस्करण है और 27 देशों में लाइसेंस के तहत फोर्ब्स संस्करण भी तैयार किए गए हैं। 2014 में, फोर्ब्स को हांगकांग स्थित निवेश समूह इंटीग्रेटेड व्हेल मीडिया इन्वेस्टमेंट्स को बेच दिया गया था।
SOURCE-G.K.TODAY
विश्व स्वास्थ्य दिवस
हर साल, 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व को सुरक्षित और स्वस्थ रखने में उनकी भूमिका के लिए मिडवाइव्स और नर्सों के काम को सम्मानित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
मुख्य बिंदु
विश्व स्वास्थ्य दिवस को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कई अन्य संगठनों के साथ मनाया जाता है।
इतिहास
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने 1948 में पहली विश्व स्वास्थ्य सभा आयोजित की थी। डब्ल्यूएचओ की स्थापना को चिह्नित करने के लिए प्रति वर्ष यह दिवस मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ आधिकारिक तौर पर केवल आठ अभियानों को चिह्नित करता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस उनमें से एक है। अन्य अभियानों में विश्व मलेरिया दिवस, विश्व क्षय रोग दिवस, विश्व टीकाकरण सप्ताह, विश्व तंबाकू निषेध दिवस, विश्व एड्स दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस और विश्व रक्तदाता दिवस शामिल है।
शीतलक्षय नदी
बांग्लादेश के नारायणगंज में शीतलाक्ष्या नदी में एक मालवाहक जहाज से टकराकर लगभग 50 यात्रियों को ले जा रहा बांग्लादेश का एक नौका बेकाबू हो गया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए।
शीतलक्षय नदी (जिसे लखिया नदी भी कहा जाता है) ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी है।
अपने प्रारंभिक चरणों में यह दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है और फिर मध्य बांग्लादेश के नारायणगंज शहर के पूर्व में जब तक यह कलगाछिया के पास धल्लेश्वरी में विलय नहीं हो जाती।
इसके ऊपरी हिस्से के एक हिस्से को बानर नदी के नाम से जाना जाता है।