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Current Affair 8 June 2021

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8 June Current Affairs

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-3) को दीपावली तक बढ़ाने के फैसले के बारे में जानकारी दी। इसका मतलब है कि 80 करोड़ लोगों को नवंबर, 2021 तक हर महीने निश्चित मात्रा में मुफ्त खाद्यान्न मिलता रहेगा।

भारत सरकार ने सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को पीएमजीकेएवाई के तहत खाद्यान्न का मुफ्त वितरण समयबद्ध तरीके से करने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मौजूदा कोविड महामारी के बीच लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति की जा रही है और इस प्रकार लाभार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। भारत सरकार ने कोरोना वायरस के चलते पैदा आर्थिक हालातों से गरीबों के सामने आई मुश्किलों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का ऐलान किया था। योजना के तहत, एनएफएसए के दायरे में आने वाले लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति महीना 5 किलोग्राम की दर से खाद्यान्न दिया जा रहा है।

SOURCE-PIB

 

दिव्यांग बच्चों के लिए ई-कंटेंट

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दिव्यांग बच्चों के लिए ई-कंटेंट का विकास करने के संबंध में आज दिशा निर्देश जारी किए जाने को मंजूरी दे दी।

प्रधानमंत्री ई-विद्या नाम की एक व्यापक पहल 17 मई, 2020 को शुरू की गई थी जिसका उद्देश्य डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन एयर शिक्षा के संबंध में किए जा रहे सभी प्रयासों को एकीकृत करना था। इस पहल का लक्ष्य अन्य बातों के अलावा दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रकार का ई-कंटेंट विकसित करना था। इस परिकल्पना को पूरा करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जो इन विशेष बच्चों के लिए ई-कंटेंट का विकास करने के लिए दिशा निर्देशों की सिफारिश करे।

इस तरह, पहली बार सीडब्ल्यूडी यानी विशिष्ट ज़रूरतों वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) के लिए दिशा निर्देश बनाने का प्रयास किया गया ताकि समावेशी शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। इस समिति ने “गाइडलाइंस फॉर दि डेवलपमेंट ऑफ ई-कंटेंट फॉर चिल्ड्रेन विद डिसएबिलिटीज़” शीर्षक अपनी रिपोर्ट जमा की जिसमें 11 खंड और दो परिशिष्ट थे। शिक्षा मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को शेयर किया, प्रस्तुत किया, इस पर विचार किया और फिर स्वीकार किया।

इस रिपोर्ट में ई-कंटेंट दिशानिर्देशों के बारे में मुख्य बातें:-

सीडब्ल्यूडी बच्चों के लिए ई-कंटेंट का विकास चार सिद्धांतों : समझने योग्य, लागू किए जाने योग्य, समझ में आने योग्य तथा सुदृढ़ता के आधार पर किया जाए।

सभी पाठ, पहाड़े, आकृतियां, दृश्य (विजुअल्स), श्रव्य (ऑडिओ) आदि समेत सभी तरह का ई-कंटेंट अभिगम्यता (पहुंच बनाने वाले) स्तर, राष्ट्रीय स्तर (जीआईजीडब्ल्यू 2.0) और अंतर्राष्ट्रीय स्तर (डब्ल्यूसीएजी 2.1, ई-पब, डेज़ी आदि) के होने चाहिए।

जिस वितरण प्लेटफार्म पर इसे अपलोड किया जाएगा (दीक्षा आदि) तथा पठन पाठन प्लेटफार्म उपकरण, जिसपर कंटेंट तक पहुंच बनेगी और संवाद होगा (ई-पाठशाला) को तकनीकी मानकों के अनुरूप बनाना होगा।

सीडब्ल्यूडी बच्चों की विशिष्ट ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उचित शैक्षणिक आवास बनाने की भी सिफारिश की गई।

तकनीकी मानकों और दिशानिर्देशों का विवरण रिपोर्ट के खंड 4 में दिया गया है।

समिति ने यह सिफारिश भी की कि धीरे धीरे पाठ्य पुस्तकों को सुगम्य डिजिटल पाठ्यपुस्तकों (एडीटीज़)में बदल दिया जाए। इन एडीटीज़ का कंटेंट कई प्रकार के फॉर्मेट जैसे पाठ, श्रव्य, दृश्य, वीडियो और सांकेतिक भाषा आदि में दिया जाए जिसमें टर्न आन और टर्न ऑफ जैसी सुविधाएं भी हों । इसके अलावा एडीटी को सीडब्ल्यूडी को अपनी सामग्री/अभ्यास का कई तरीकों से जवाब देने के लिए लचीलापन प्रदान करना चाहिए। हाल के एनसीईआरटी के अनुभव सहित प्रोटोटाइप के विकास में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय अनुभव के साथ एडीटी विकसित करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश: बरखा: सभी के लिए एक रीडिंग सीरीज़ (प्रिंट और डिजिटल रूपों में), सभी के लिए एक्सेसिबल टेक्स्टबुक और यूनिसेफ की “एक्सेसिबल डिजिटल टेक्स्टबुक सीखने के लिए यूनिवर्सल डिज़ाइन का उपयोग करने (दिव्यांग तथा अन्य शिक्षार्थियों के लिए) के बारे में रिपोर्ट के खंड 5 में विवरण प्रस्तुत किया गया है।

एडीटी के अलावा, धारा 6 से 9 में समिति ने बौद्धिक और विकासात्मक अक्षमताओं, एकाधिक दिव्यांगताओं, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार, विशिष्ट शिक्षा की ज़रूरत वाले छात्रों, दिव्यांगता, अंधापन, कम दृष्टि, बहरापन और सुनने में कठिनाई और अन्य के लिए आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम 2016 में निर्दिष्ट 21 अक्षमताओं के अनुसार पूरक ई-सामग्री के विकास के लिए विशिष्ट दिशानिर्देशों की सिफारिश की है।

सामग्री निर्माताओं, सामग्री डिजाइनरों, डेवलपर्स, प्रकाशकों के साथ व्यापक रूप से साझा करने के लिए रिपोर्ट की धारा 10 में सिफारिशों का सारांश प्रस्तुत किया गया है।

अभिगम्यता दिशानिर्देशों के अनुपालन को सुदृढ़ करने के सुझावों के साथ कार्यान्वयन रोडमैप रिपोर्ट की धारा 11 में प्रस्तुत किया गया है।

रिपोर्ट के परिशिष्ट-1 में सांकेतिक भाषा वीडियो के निर्माण के लिए व्यापक दिशानिर्देश और तकनीकी मानक दिए गए हैं।

सामग्री विकास और शैक्षणिक आवास के लिए यूनिवर्सल डिजाइन फॉर लर्निंग (यूडीएल) दिशानिर्देश रिपोर्ट के परिशिष्ट 2 में दिए गए हैं।

ये दिशानिर्देश विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए डिजिटल शिक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री के निर्माण की पहल करेंगे। ये बच्चे स्वभाव से गतिशील हैं और उनमें अनुभव और बेहतर प्रौद्योगिकी के आधार पर सुधार किया जा सकता है।

SOURCE-PIB

 

सीएआर-टी सेल थेरेपी

कैंसर के उपचार में शिमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर टी-सेल (सीएआर-टी) थेरेपी रामबाण के रूप में सामने आई है। दुनिया भर में चलने वाले क्लीनिकल ट्रायल में आखिरी स्टेज वाले कैंसर मरीजों पर इसके सकारात्मक नतीजे निकले हैं, खासतौर से उन मरीजों पर जो गंभीर रूप से खून के कैंसर से पीड़ित हैं। कैंसर के मरीजों के लिये इस प्रौद्योगिकी में उपचार की क्षमता है, लेकिन इस समय यह भारत में उपलब्ध नहीं है। सीएआर-टी सेल थेरेपी के लिये हर मरीज को तीन से चार करोड़ रुपये का खर्चा आता है। इसलिये चुनौती यह है कि इस प्रौद्योगिकी को सस्ती दर पर विकसित करके हर मरीज के लिये उपलब्ध कराया जाये।

इस थेरेपी के महंगा होने का मुख्य कारण यह है कि इसके बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल है। सीएआर-टी सेल प्रौद्योगिकी को कैंसर और अन्य रोगों के लिये विकसित करने के उद्देश्य से जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बाइरैक) और बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) ने पहल की है तथा पिछले दो वर्षों में इस प्रस्ताव मांगने की विशेष प्रक्रिया शुरू की थी।

चार जून, 2021 को वह ऐतिहासिक दिन था, जिस दिन टाटा मेमोरियल अस्पताल, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई (आईआईटी-बी) के दल तथा भारत में कैंसर केयर ने पहली सीएआर-टी सेल थेरेपी (एक तरह की जीनथेरेपी) को अंजाम दिया। यह कारनामा मुम्बई के टाटा मेमोरियल सेंटर के एसीटीआरईसी के अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण इकाई ने कर दिखाया। सीएआर-टी सेल्स को आईआईटी-बी के जैव-विज्ञान एवं जैव-इंजीनियरिंग विभाग ने डिजाइन और उसका निर्माण किया था।

इसके जरिये उन्नत टी-सेल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिये पैकेजिंग प्लास्मिड का उपयोग किया जायेगा। इसके अलावा टी-सेल ट्रांस्डक्शन (जिसमें बाहरी डीएनए को सेल में डाला जाता है) और सीएआर-टी के निर्माण को विस्तार देने के लिये दो अन्य संगठनों का सहयोग कर रहा है। सीएआर-टी सेल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल गंभीर खून के कैंसर, मल्टीपल मायलोमा, ग्लायोब्लास्टोमा, हेपेटोसेलुलर कार्सीनोमा और टाईप-2 डायबटीज में किया जायेगा। इस परियोजना का डीबीटी के जरिये समर्थन किया जा रहा है।

डीबीटी के बारे में

बायोटेक्नोलॉजी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन है और भारत में जैव-प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी लाने का काम करता है। इसमें कृषि, स्वास्थ्य, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग में जैव-प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल और उसका विकास शामिल है।

बाइरैक के बारे में

जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की धारा 8, अनुसूची ‘ब’ के तहत लाभ न कमाने वाला संगठन है, जिसकी स्थापना बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने की है। यह भारत सरकार की एक इंटरफेस एजेंसी है, जिसके जरिये उभरते हुये जैव-प्रौद्योगिकी उद्यमों को शक्ति सम्पन्न किया जाता है, ताकि वे रणनीतिक अनुसंधान और नवाचार का काम कर सकें तथा देश के लिये जरूरी उत्पादों का विकास कर सकें।

SOURCE-PIB

 

सुरक्षित हम सुरक्षित तुम अभियान

नीति आयोग और पिरामल फाउंडेशन ने आज 112 आकांक्षी जिलों में सुरक्षित हम सुरक्षित तुम अभियान की शुरुआत की, जिससे जिला प्रशासन को कोविड-19 के ऐसे मरीजों को होम-केयर सहायता उपलब्ध कराने में सहयोग मिल सके, जो बिना लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले हैं।

यह अभियान एक विशिष्ट पहल, आकांक्षी जिला सहभागिता का हिस्सा बन रहा है, जिसमें स्थानीय नेता, नागरिक समाज और स्वयंसेवक आकांक्षी जिला कार्यक्रम के ध्यान केंद्रित करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में उभरती समस्याओं का समाधान करने के लिए जिला प्रशासन के साथ काम करते हैं।

इस अभियान की शुरुआत करते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, “सुरक्षित हम सुरक्षित तुम अभियान’ एक महत्वपूर्ण पहल है जो तत्काल जरूरतों को पूरा करती है और यह कोविड-19 के स्थायी प्रभाव को संबोधित करते हुए आकांक्षी जिलों में भारत के सबसे गरीब समुदायों को दीर्घकालिक सहायता प्रदान करेगी।”

इस अभियान के घर पर रह रहे लगभग 70 फीसदी कोविड मामलों के प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव कम करने और लोगों में डर फैलने को रोकने के लिए जिला की तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। यह अभियान इन जिलों को आपूर्ति किए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के सही इस्तेमाल के लिए नागरिकों की क्षमता का निर्माण भी करेगा।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के आधार पर एनजीओ प्रभावित लोगों को घरेलू देखभाल सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों को एक साथ लाएंगे। इन स्वयंसेवकों को देखभाल करने वालों को शिक्षित करके कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने, मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सहायता प्रदान करने और प्रशासन को मरीजों के बारे में समय-समय पर जानकारी प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रत्येक स्वयंसेवक को 20 प्रभावित परिवारों की सहायता करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

SOURCE-PIB

 

क्रिसिल

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) ने वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के विकास के अनुमान को 11% से घटाकर 9.5% कर दिया है।

मुख्य बिंदु

इससे स्पष्ट होता है कि दूसरी कोविड-19 लहर ने निजी खपत और निवेश को प्रभावित किया है। इसने स्वतंत्रता के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे गंभीर संकुचन में डाल दिया है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

क्रिसिल के अनुसार दूसरी कोविड-19 लहर ने राज्यों को लॉकडाउन करने के लिए मजबूर किया, जिससे 2021 में उपभोक्ता और व्यावसायिक विश्वास फिर से प्रभावित हुआ है।

इस रिपोर्ट में तीसरी लहर और टीकाकरण के बारे में बताया गया है और इस पर प्रकाश डाला गया है; राज्य पूरी तरह से अनलॉक करने से हिचकिचाएंगे। यह बदले में अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।

इसके अनुसार, कोविड-19 प्रतिबंध जारी रहेगा और अगस्त 2021 तक किसी न किसी रूप में गतिशीलता प्रभावित होगी।

इस रिपोर्ट ने आर्थिक सुधार में टीकाकरण के महत्व पर प्रकाश डाला है।

विकास पर अन्य रिपोर्ट्स

चिकित्सा वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया; भारत तीसरी कोविड-19 लहर की चपेट में आ सकता है, जिसमें विकास के लिए महत्वपूर्ण नकारात्मक जोखिम है। इसने सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर लगभग 8% रहने का अनुमान लगाया है। इसी तरह, भारतीय रिजर्व बैंक ने 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को 10.5% से घटाकर 9.5% कर दिया है।

 

विश्व रोजगार और सामाजिक आउटलुक 2021

World Employment and Social Outlook 2021 के अनुसार, 2019 में 187 मिलियन की तुलना में 2022 में वैश्विक बेरोजगारी बढ़कर 205 मिलियन होने की उम्मीद है।

मुख्य निष्कर्ष

कोविड-19 ने असमानताओं को और बढ़ा दिया है क्योंकि महिलाएं श्रमिक श्रम शक्ति से बाहर हो रही हैं। लैंगिक समानता हासिल करने के लिए वर्षों की प्रगति अब जोखिम में है।

अनौपचारिक और कम कुशल श्रमिकों के पास घर से काम करने का कोई विकल्प नहीं है। उन्हें अपनी नौकरी बनाए रखने के लिए भारी स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है।

108 मिलियन श्रमिक और उनके परिवार के सदस्य अब गरीबी में जी रहे हैं।

व्यापार बाधित आपूर्ति श्रृंखलाओं, प्रेषण सिकुड़ने और पर्यटन में ठहराव के कारण महामारी ने अफ्रीकी देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है।

कोविड-19 ने अफ्रीका में गरीबी कम करने में हुई प्रगति को उलट दिया है।

विश्व रोजगार और सामाजिक आउटलुक (World Employment & Social Outlook)

यह रिपोर्ट दुनिया भर में श्रम बाजार पर संकट के प्रभाव का विश्लेषण करती है।

यह रिकवरी के लिए अनुमान और श्रमिकों व उद्यमों के विभिन्न समूहों पर संकट के असमान प्रभाव का विवरण प्रदान करती है।

इसने व्यापक-आधारित मानव-केंद्रित रिकवरी का आह्वान किया है।

बेरोजगारी क्यों बढ़ेगी?

इस रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 ने दुनिया भर के श्रम बाजारों में अभूतपूर्व व्यवधान पैदा किया है। इसने युवा पीढ़ी के जीवन को प्रभावित किया है जिससे उनकी शिक्षा में बाधा उत्पन्न हुई है। जिन क्षेत्रों में डिजिटल बुनियादी ढांचा कम विकसित है, वे अत्यधिक प्रभावित हुए हैं। अब उनके लिए श्रम बाजार में प्रवेश करना और नौकरियों पर टिके रहना मुश्किल हो गया है। ऐसे में बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है।

SOURCE-GK TODAY

 

ALH MK-III

7 जून, 2021 को भारतीय नौसेना ने तीन स्वदेशी Advanced Light Helicopters ALH MK-III शामिल किए। इन हेलीकॉप्टरों का उपयोग समुद्री टोही और तटीय सुरक्षा के लिए किया जाएगा।

मुख्य बिंदु

यह हेलीकॉप्टर सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए गए हैं। इन तीन हेलीकॉप्टरों को विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना स्टेशन (INS) डेगा, पूर्वी नौसेना कमान में शामिल किया गया।

ALH MK-III

यह भारत का एक स्वदेशी हेलीकॉप्टर है, इसका निर्माण सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया गया है। इस हेलीकॉप्टर में अत्याधुनिक सर्विलांस राडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल उकरण लगे हुए हैं, जिससे यह दिन-रात लम्बी दूरी तक खोज व बचाव कार्य करने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें एक भारी मशीन गन भी लगी हुई है।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)

HAL का मुख्यालय बैंगलोर में है, यह सरकारी स्वामित्व वाली एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है। इसकी स्थापना 23 दिसंबर, 1940 को हुई थी। यह दुनिया भर में सबसे पुराना और सबसे बड़ा एयरोस्पेस व रक्षा निर्माता है। इसने 1942 में रॉयल इंडियन एयरफ़ोर्स के लिए हार्लो PC-5, कर्टिस P-36 हॉक आदि के लाइसेंस प्राप्त उत्पादन के साथ विमान निर्माण शुरू किया था। भारत में HAL  के 11 समर्पित अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) केंद्र और 4 उत्पादन इकाइयों के तहत काम करने वाले 21 विनिर्माण विभाग हैं। इस कंपनी का प्रबंधन रक्षा मंत्रालय सरकार की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त निदेशक मंडल द्वारा किया जाता है।

 

विश्व महासागर दिवस

विश्व 8 जून, 2021 को ‘The Ocean : Life and Livelihoods’ की थीम के तहत विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day) मनाया जा रहा है।

विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day)

यह दिन प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर की सरकारों को लोगों को आर्थिक गतिविधियों और समुद्र पर मानवीय कार्यों के प्रभाव के बारे में सूचित करने का अवसर प्रदान करता है।

महत्व

महासागर लोगों के दैनिक जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह जीवमंडल (biosphere) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह हमें पानी प्रदान करता है जो हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। हालाँकि, महासागर वर्षों से मानव निर्मित विनाश का खामियाजा भुगत रहे हैं। समुद्र में औद्योगिक कचरा और अवांछित कचरा उसके प्राकृतिक संसाधनों से खराब और अस्थिर कर रहा है। इस प्रकार, महासागरों को बचाना महत्वपूर्ण हो जाता है और विश्व महासागर दिवस इसके लिए प्रतिबद्ध है।

विश्व महासागर दिवस पहली बार 1992 में रियोडीजनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन (Earth Summit) के दौरान सुझाया गया था। इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर, 2008 को इस दिन को नामित करने का प्रस्ताव पारित किया।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Marine Organization)

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन का गठन 1973 में तेल द्वारा जहाजों से होने वाले प्रदूषण के मुद्दों को संबोधित करने के लिए किया गया था।

SOURCE-GK TODAY

 

अब्दुल्ला शाहिद

हाल ही में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद (Abdulla Shahid) को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) के 76वें सत्र का अध्यक्ष चुना गया।

मुख्य बिंदु

193 सदस्यीय महासभा में कुल 191 वोट में से उन्हें 143 वोट मिले। अब वे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की अध्यक्षता करेंगे जो सितंबर में शुरू होगा। इसके लिए उनका मुकाबला अफगानिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री डॉ. ज़लमई रसूल से हुआ था।

संयुक्त राष्ट्र महासभा का अध्यक्ष हर साल एक गुप्त मतदान द्वारा चुना जाता है और इसके लिए महासभा के साधारण बहुमत के वोट की आवश्यकता होती है। नियमों के अनुसार, महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष को एशिया-प्रशांत राज्यों के समूह से चुना जाना था। अब्दुल्ला शाहिद तुर्की के वोल्कन बोज़किर (Volkan Bozkir) का स्थान लेंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly – UNGA)

यह संयुक्त राष्ट्र के 6 अंगों में से एक है, यह नीति निर्माण सम्बंधित कार्य करती है। इसका गठन 1945 में हुआ था। वर्तमान में इसके 193 सदस्य हैं। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ही संयुक्त राष्ट्र के बजट को मंज़ूरी देती है।

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