Current Affairs – 9 August, 2021
पहले इंटरनेट गवर्नेंस फोरम
नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) तथा इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईजीएफ) 2021 की समन्वय समिति के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार जैन ने इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन, नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आज इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईआईजीएफ) – 2021 के शुभारंभ की घोषणा की। इस तीन दिवसीय आईआईजीएफ – 2021 की शुरूआत 20 अक्टूबर, 2021 को होगी। इस वर्ष की बैठक का विषय डिजिटल इंडिया के लिए समावेशी इंटरनेट है।
आज की गई घोषणा के साथ ही संयुक्त राष्ट्र आधारित इंटरनेट गवर्नेंस फोरम नामक फोरम के भारतीय अध्याय की शुरूआत हो गई है। यह इंटरनेट से संबंधित सार्वजनिक नीति के मुद्दों के बारे में चर्चा करने के लिए विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने के लिए इंटरनेट गवर्नेंस नीति विचार-विमर्श मंच है। संपर्क के इस तरीके का इंटरनेट गवर्नेंस के बहु-हितधारक मॉडल के रूप में उल्लेख किया जाता है। यह इंटरनेट की सफलता की एक मुख्य विशेषता रही है। संयुक्त राष्ट्र के तहत इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईजीएफ) और इंटरनेट कॉर्पोरेशन फॉर असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स (आईसीएएनएन) ने विविध हितधारक अवधारणा को अच्छी तरह से अपनाया है।
इस घोषणा के बारे में टिप्पणी करते हुए इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम – 2021 (आईजीएफ) की समन्वय समिति के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार जैन ने कहा कि भारत, विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ब्रॉडबैंड सदस्यता वाला देश होने के साथ-साथ प्रति उपयोगकर्ता प्रतिमाह सबसे अधिक डेटा की खपत करने वाला देश है। इसलिए, भारतीयों की आकांक्षाएं अंतर्राष्ट्रीय नीति के निर्माण और हितधारकों के विचार-विमर्श में परिलक्षित होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ब्रॉडबैंड का विकास भारतीय समुदाय की जीवन शैली और आवश्यकताओं के अनुरूप है, इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईआईजीएफ) देश के लिए एक सुधारात्मक पहल है। आईजीएफ 2021 वैश्विक आईजीएफ की सच्ची भावना के अनुसार बहु-हितधारक अवधारणा को अपनाकर इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। समन्वय समिति में सिविल सोसायटी, सरकार, उद्योग, औद्योगिक संघ, ट्रस्ट और अन्य हितधारकों का उपयुक्त प्रतिनिधित्व है।
विविध प्री-आईआईजीएफ कार्यक्रमों की शुरूआत अगस्त 2021 से होगी। अनेक कॉलेजों और विश्वविद्याओं में एक अग्रदूत के रूप में आईआईजीएफ उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ऐसा अक्टूबर में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम में युवाओं और छात्रों को शामिल करने तथा अगली पीढ़ी को नीति निर्माण का हिस्सा बनाने हेतु भागीदारी करने के लिए किया जा रहा है।
SOURCE-PIB
भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए ब्रुनेई पहुंचे
भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अनुपालन में भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी तैनाती के हिस्से के रूप में आज मुआरा, ब्रुनेई पहुंचे। मुआरा, ब्रुनेई में अपने प्रवास के दौरान दोनों जहाजों के चालक दल रॉयल ब्रुनेई नौसेना के साथ विभिन्न द्विपक्षीय पेशेवर बातचीत में हिस्सा लेंगे।
इस युद्धाभ्यास से दोनों देशों की नौसेनाओं को अंतर-संचालन में बढ़ोत्तरी करने, श्रेष्ठ प्रकियाओं से लाभ उठाने और समुद्री सुरक्षा परिचालन के लिए साझा समझ विकसित करने का अवसर उपलब्ध होगा। बंदरगाहों पर होने वाली बातचीत और समुद्रीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं द्वारा साझा किए गए घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत बनाना है। यह अभ्यास भारत-ब्रुनेई रक्षा संबंधों को अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक और कदम साबित होगा। यह द्विपक्षीय अभ्यास 12 अगस्त 2021 को समुद्र में रॉयल ब्रुनेई नौसेना के साथ एक ‘पैसेज’ अभ्यास के साथ समाप्त होगा।
कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में सभी बातचीत और अभ्यास ‘नॉन-कांटेक्ट’ गतिविधियों के रूप में ही आयोजित किए जाएंगे, इसलिए इस अभ्यास में भाग ले रही दोनों नौसेनाओं के कर्मियों के बीच निश्चित दूरी बनाए रखने का अनुपालन किया जायेगा।
भारतीय नौसेना के शिवालिक और कदमत स्वदेशी रूप से नवीनतम डिजाइन और निर्मित, बहु उद्देश्यीय गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट और एंटी-सबमरीन कार्वेट जहाज हैं, जो पूर्वी नौसेना कमान के तहत विशाखापत्तनम स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा हैं। दोनों जहाज हथियारों और सेंसरों की एक बहु-उपयोगी श्रृंखला से लैस हैं। ये बहु-भूमिका निभाने वाले हेलीकॉप्टरों को ले जा सकते हैं तथा भारत की युद्धपोत-निर्माण क्षमताओं की परिपक्वता को दर्शाते हैं।
रॉयल ब्रुनेई नौसेना के साथ द्विपक्षीय अभ्यास पूरा होने पर ये दोनों जहाज जापानी मेरीटाइम सेल्फथ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ), रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) और यूनाइटेड स्टेट्स नौसेना (यूएसएन) के साथ मालाबार-21 अभ्यास में भाग लेने के लिए गुआम जाएंगे।
ब्रुनेई
ब्रुनेई (मलय नेगारा ब्रुनेई दारुस्सलाम) जम्बुद्वीप में स्थित एक देश है। ये इण्डोनेशिया के पास स्थित है। ये एक राजतन्त्र (सल्तनत) है। ब्रुनेई पूर्व में एक समृद्ध मुस्लिम सल्तनत थी, जिसका प्रभाव सम्पूर्ण बोर्नियो तथा फिलीपिन्स के कुछ भागों तक था। 1888 में यह ब्रिटिश संरक्षण में आ गया। 1941 में जापानियों ने यहाँ अधिकार कर लिया। 1945 में ब्रिटेन ने इसे मुक्त करवाकर पुन: अपने संरक्षण में ले लिया। 1971 में ब्रुनेई को आन्तरिक स्वशासन का अधिकार मिला। 1984 में इसे पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त हुई। ब्रुनेई में ब्रुनेई रिंगगिट का व्यापार करने के लिए उपयोग करते है। हालांकि, सिंगापुर डॉलर का उपयोग यहां किया जा सकता है क्योंकि दोनों मुद्राएं एक ही मूल्य की हैं।
आधिकारिक तौर पर, ब्रुनेई में कोई स्थान नहीं है जिसमें “शहर” की स्थिति है।
SOURCE-PIB
स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर BRO ने समारोह शुरू किया
सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation – BRO) ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अपने समारोह की शुरुआत की है।
मुख्य बिंदु
- इस महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए, BRO राष्ट्रव्यापी कल्याण और देशभक्ति गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
- इस कार्यक्रम में 75 चिकित्सा शिविर, 75 स्थानों पर वृक्षारोपण अभियान और 75 स्कूल संवाद भी शामिल हैं ताकि बच्चों को बातचीत और व्याख्यान के माध्यम से प्रेरित किया जा सके।
- मुख्य कार्यक्रम 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) पर भारत के 75 सबसे ऊंचे दर्रे पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा।
BRO द्वारा प्रदान किया गया पुरस्कार
BRO ने हाल ही में 7 अगस्त, 2021 को उत्तराखंड के पीपलकोटी और पिथौरागढ़ और सिक्किम के चांदमारी में वीरता पुरस्कार विजेताओं और युद्ध नायकों को सम्मानित किया। इस समारोह का आयोजन पिथौरागढ़ में BRO के प्रोजेक्ट हीरक द्वारा किया गया था।
आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrut Mahotsav)
यह भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। जन-भागीदारी की भावना से महोत्सव को जन-उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ 15 अगस्त, 2020 से 75 सप्ताह पहले शुरू किया गया था। यह आयोजन 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation – BRO)
सीमा सड़क संगठन भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क मार्ग के निर्माण एवं व्यवस्थापन का कार्य करता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में पहाड़ी इलाके होने से भूमिस्खलन तथा चट्टानों के गिरते-टूटते रहने से सड़कें टूटती रहती हैं। इनको सुचारु बनाये रखने के लिये संगठन को पूरे वर्ष कार्यरत रहना पड़ता है। इसकी स्थापना 1960 में हुई थी।
BRO भारत का एक सड़क निर्माण कार्यकारी बल है, जो भारतीय सशस्त्र बलों को सहायता प्रदान करता है। BRO भारतीय सशस्त्र बलों का एक हिस्सा है जो सीमावर्ती क्षेत्रों और भारत के मित्रवत पड़ोसियों में सड़क नेटवर्क का विकास और रखरखाव करता है। यह 19 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ भूटान, अफगानिस्तान, म्यांमार, ताजिकिस्तान और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों में बुनियादी ढांचे का संचालन करता है।
SOURCE-PIB
पहली पशु डीएनए प्रयोगशाला
दिल्ली की पहली “पशु डीएनए प्रयोगशाला” रोहिणी में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में स्थापित की गई थी।
मुख्य बिंदु
इससे पहले, जानवरों के नमूने परीक्षण के परिणाम के लिए जानवरों के डीएनए परीक्षण सुविधाओं के साथ दूसरे राज्यों में भेजे जाते थे। कई बार इस प्रक्रिया में जांच में देरी हो जाती है। पशु डीएनए लैब ने दो मशीनों की भी खरीद की है।
यह डीएनए लैब पुलिस की कैसे मदद करेगी?
दिल्ली पुलिस द्वारा पशु डीएनए प्रयोगशाला का उपयोग गोहत्या, जानवरों के अवैध व्यापार और ऐसे अन्य पशु-संबंधी मामलों के समय पर निपटान के लिए किया जाएगा। फोरेंसिक लैब जानवर के किसी भी हिस्से से साक्ष्य का विश्लेषण करती है, जैसे रक्त और ऊतक के नमूने, बाल, दांत, शव और हड्डियों की सामग्री। मांस उत्पादों, जमे हुए मांस पैकिंग, वध मामलों आदि की पशु प्रजातियों की जांच और पहचान के लिए भी इस प्रयोगशाला का उपयोग किया जाएगा।
डीएनए नमूनों का उपयोग कैसे किया जाता है?
विशेषज्ञ नमूने की पहचान के संबंध में जानकारी प्रदान करने के लिए डीएनए का विश्लेषण करते हैं। जानवरों के बीच संबंधों की पहचान और लक्षण वर्णन के लिए डीएनए परीक्षण का उपयोग किया जाएगा।
SOURCE-GK TODAY
Flame of Hope
टोक्यो ओलंपिक 2020 का समापन 8 अगस्त, 2021 को हुआ। जापानी राजधानी ने इतिहास के सबसे अनोखे खेलों में से एक का आयोजन सफलतापूर्वक किया और पेरिस को “Flame of Hope” सौंप दी।
“Flame of Hope” क्या है?
फ्लेम ऑफ होप विशेष ओलंपिक खेलों का प्रतीक है। इसका उपयोग उसी भावना से किया जाता है जैसे ओलंपिक खेलों में ओलंपिक लौ का उपयोग किया जाता है। एथेंस, ग्रीस में पारंपरिक समारोह के दौरान “Flame of Hope” जलाई जाती है। इसके बाद, इसे विशेष ओलंपिक एथलीटों के साथ-साथ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्यों द्वारा आयोजन शहर की ओर पैदल भेजा जाता है।
विशेष ओलंपिक (Special Olympics)
विशेष ओलंपिक दिव्यांग बच्चों और वयस्कों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खेल संगठन है। यह उन्हें 172 देशों में 5 मिलियन प्रतिभागियों और एकीकृत खेल भागीदारों को साल भर का प्रशिक्षण और गतिविधियाँ प्रदान करता है। स्थानीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं सहित दुनिया भर में हर दिन विशेष ओलंपिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। पैरालंपिक खेलों की तर्ज पर विशेष ओलंपिक संगठन को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यता प्राप्त है। हालाँकि, विशेष ओलंपिक खेल ओलंपिक खेलों के संयोजन में आयोजित नहीं किए जाते हैं।
SOURCE-THE HINDU
किसान सम्मान निधि
9 अगस्त, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) की अगली किश्त जारी करेंगे। इस किश्त में 9,75,000,000 से ज्यादा लाभार्थियों को 19,500 करोड़ रुपये जारी किये जायेंगे।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत, पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6000 रूपए प्रति वर्ष की आर्थिक मदद दी जाती है। 2000 रुपये की 3 किस्तों में प्रत्येक 4 माह में प्रदान किया जाता है। धनराशि को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत, अब तक 1.38 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सम्मान राशि किसान परिवारों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है।
कौन नहीं ले सकता स्कीम का लाभ
- अगर कोई किसान खेती करता है लेकिन वह खेत उसके नाम पर न होकर उसके पिता या दादा के नाम हो तो उसे 6000 रुपये सालाना का लाभ नहीं मिलेगा। वह जमीन किसान के नाम होनी चाहिए।
- किसी के पास एग्रीकल्चर लैंड है लेकिन उस पर नॉन एग्रीकल्चर एक्टिविटी होती हैं, तो भी लाभ नहीं मिलेगा।
- अगर कृषि योग्य भूमि पर खेती नहीं हो रही है तो भी लाभ नहीं मिलेगा।
- अगर कोई किसान किसी दूसरे किसान से जमीन लेकर किराए पर खेती करता है, तो भी उस किराए पर खेती करने वाले को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- सभी संस्थागत भूमि धारक इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे।
- अगर कोई किसान या उसके परिवार में कोई संवैधानिक पद पर है या था तो उस किसान परिवार को लाभ नहीं मिलेगा।
- राज्य/केंद्र सरकार के कर्मचारी या रिटायर्ड कर्मचारी, पीएसयू/पीएसई के रिटायर या सेवारत कर्मचारी, सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी, लोकल बॉडीज के कर्मचारी होने पर भी योजना का लाभ नहीं लिया जा सकता।
- पूर्व या सेवारत मंत्री/राज्यमंत्री, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद पात्र नहीं हैं।
- डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, आर्किटेक्ट्स और वकील जैसे प्रोफेशनल्स को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा, भले ही वे किसानी भी करते हों।
- 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
- अगर किसी किसान ने या उसके परिवार में से किसी ने अंतिम मूल्यांकन वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान किया है तो उस किसान परिवार को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है।