Register For UPSC IAS New Batch

डोनाल्ड ट्रंप की नाटो से अमेरिका के संभावित बाहर निकलने की चेतावनी:

For Latest Updates, Current Affairs & Knowledgeable Content.

डोनाल्ड ट्रंप की नाटो से अमेरिका के संभावित बाहर निकलने की चेतावनी:

चर्चा में क्यों है?

  • डोनाल्ड ट्रम्प ने 8 दिसंबर को यूक्रेन के साथ रूस के युद्ध में तत्काल युद्ध विराम का आह्वान किया तथा चेतावनी दी कि वह नाटो से अमेरिका को बाहर निकालने के लिए तैयार हैं।
  • ट्रम्प की यह टिप्पणी को ज़ेलेंस्की और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच हुई बैठक के बाद आई, जिसे ज़ेलेंस्की ने “रचनात्मक” बताया।

ट्रंप नाटो से अमेरिका को बाहर क्यों निकालना चाहते हैं?

  • 8 दिसंबर को प्रसारित एक साक्षात्कार में डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो सहयोगियों को अपनी चेतावनी को फिर से दोहराया कि उन्हें नहीं लगता कि उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान पश्चिमी सैन्य गठबंधन में अमेरिका की भागीदारी जारी रहेगी।
  • उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने लंबे समय से शिकायत की है कि नाटो में यूरोपीय और कनाडाई सरकारें अमेरिका द्वारा सैन्य खर्च पर मुफ्त में लाभ उठा रही हैं। हालांकि नाटो और इसकी सदस्यों का कहना है कि ब्लॉक के अधिकांश देश अब सैन्य खर्च के लिए स्वैच्छिक लक्ष्यों को प्राप्त कर रहे हैं, जो कि आंशिक रूप से ट्रंप के पहले कार्यकाल के दबाव के कारण है।
  • उल्लेखनीय है कि नाटो संचालन में अमेरिका अब तक का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जो रक्षा पर लगभग 860 बिलियन डॉलर (अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3.5 प्रतिशत) खर्च करता है जो 2023 में नाटो देशों के कुल व्यय का 68 प्रतिशत है। यह जर्मनी, जो दूसरे सबसे अधिक खर्च करने वाला देश है, से 10 गुना अधिक है।
  • जानकारों के अनुसार इस अमेरिकी व्यय का एक बड़ा हिस्सा यूरोप की रक्षा पर जाता है, हालांकि अमेरिकी रक्षा विभाग, पेंटागन सार्वजनिक रूप से यह बताने से इनकार करता है कि यह खर्च कितना है।

नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) क्या है?

  • नाटो (NATO) एक पश्चिमी सुरक्षा गठबंधन है जिसकी स्थापना 4 अप्रैल, 1949 को हुई थी, जिसके 12 संस्थापक सदस्य थे – बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।
  • इन देशों ने ‘वाशिंगटन संधि’ पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 से शक्ति मिलती है, “जो स्वतंत्र राज्यों के व्यक्तिगत या सामूहिक रक्षा के अंतर्निहित अधिकार की पुष्टि करता है”।
  • NATO गठबंधन के मूल में “सामूहिक सुरक्षा” की अवधारणा है – किसी भी सदस्य पर हमला उन सभी पर हमले के रूप में देखा जाता है और सामूहिक कार्रवाई की मांग करता है।
  • उल्लेखनीय है कि 1949 में तत्कालीन USSR और अमेरिका के बीच वैचारिक और आर्थिक श्रेष्ठता को लेकर शीत युद्ध की प्रतिद्वंद्विता के बीच इसे आवश्यक समझा गया था।

सामूहिक सुरक्षा पर वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 5 का मामला:

  • सामूहिक सुरक्षा पर वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 5 को “उस जोखिम का मुकाबला करने के लिए जोड़ा गया था कि सोवियत संघ पूर्वी यूरोप पर अपने नियंत्रण को यूरोपीय महाद्वीप के अन्य हिस्सों तक बढ़ाना चाहेगा”।
  • उल्लेखनीय है कि वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 5 के तहत नाटो के सभी सदस्यों को मिलकर सीधे सैन्य हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। कार्रवाई का पैमाना प्रत्येक सदस्य देश पर निर्भर करता है “जैसा वह आवश्यक समझे”।
  • अब तक इस अनुच्छेद को एकमात्र बार 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए हमले के बाद लागू किया गया था। जब नाटो सेनाओं को अफगानिस्तान भेजा गया और वहां वे लगभग 20 वर्षों तक तैनात रहीं।

नाटो को आज किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?

  • जब नाटो सदस्य 2019 में स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए, तो सदस्यों के बीच स्पष्ट तनाव था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तर्क दिया कि देशों को अपना सैन्य खर्च बढ़ाने की जरूरत है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में, रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद नाटो सदस्यों ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 2 प्रतिशत रक्षा पर खर्च करने का वादा किया था। हालांकि, केवल कुछ ही देश इस सीमा को पूरा कर पाए।
  • हालाँकि ऐसा लगता है कि यूक्रेन-रूस युद्ध ने नाटो को एकजुट होने के लिए एक नया फोकस क्षेत्र दिया है, लेकिन युद्ध के लिए धन देना फिर से सदस्यों के बीच असहमति का एक स्रोत बन गया है।
  • क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ-साफ कहा है कि अमेरिका उन देशों की रक्षा नहीं करेगा जो 2 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा नहीं करते हैं, जिससे आने वाले ट्रम्प प्रशासन के तहत नाटो गठबंधन के भविष्य के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।

 

 नोट : आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए Vajirao & Reddy Institute के साथ जुडें.

नोट : हम रविवार को छोड़कर दैनिक आधार पर करेंट अफेयर्स अपलोड करते हैं

Read Current Affairs in English

Request Callback

Fill out the form, and we will be in touch shortly.

Call Now Button