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“इजरायल शांति चाहता है लेकिन अपने अस्तित्व को बचाने के लिए उसे लड़ना ही होगा”: बेंजामिन नेतन्याहू

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“इजरायल शांति चाहता है लेकिन अपने अस्तित्व को बचाने के लिए उसे लड़ना ही होगा”: बेंजामिन नेतन्याहू

मामला क्या है?

  • इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि इजरायल शांति के लिए “इच्छुक” है, लेकिन उसे “अपने विनाश के इच्छुक क्रूर हत्यारों” से खुद का बचाव करने के लिए संघर्ष करते रहना होगा”। नेतन्याहू ने आगे कहा कि “हम जीत रहे हैं”।
  • उल्लेखनीय है कि इजरायली प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब इजरायल ने लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह पर हमले जारी रखे हैं। इस बीच इस बात की चिंता है कि यह संघर्ष एक ‘पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध’ में बदल सकता है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा महासभा में वक्तव्य क्यों दिया गया?

  • इजरायली प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि “इस साल मैं यहाँ आने का इरादा नहीं रखता था। मेरा देश युद्ध में अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। लेकिन, जब मैंने इस मंच पर कई वक्ताओं द्वारा मेरे देश पर लगाए गए झूठ और बदनामी को सुना, तो मैंने यहाँ आकर सच्चाई को उजागर करने का फैसला किया। मैंने अपने लोगों, अपने देश के लिए, सच्चाई के लिए बोलने के लिए यहाँ आने का फैसला किया और सच्चाई यह है – इजराइल शांति चाहता है, इजराइल ने शांति के लिए प्रयास किये है, इजराइल ने शांति स्थापित भी की है और फिर से शांति स्थापित करेगा।”

इजरायल के लिए ‘अस्तित्व को बचाने का संकट’ है:

  • इजरायली प्रधानमंत्री कहा कि “हम क्रूर दुश्मनों का सामना कर रहे हैं जो हमारा विनाश चाहते हैं और हमें इन क्रूर हत्यारों से खुद का बचाव करना ही होगा। हमारे दुश्मन न केवल हमें नष्ट करना चाहते हैं। वे हमारी साझा सभ्यता को नष्ट करना चाहते हैं और हम सभी को अत्याचार और आतंक के अंधेरे युग में वापस ले जाना चाहते हैं”।
  • गाजा युद्ध के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि “7 अक्टूबर का अभिशाप तब शुरू हुआ जब हमास ने गाजा से इजरायल पर हमला किया। लेकिन, यह यहीं खत्म नहीं हुआ। इजरायल को जल्द ही खुद का बचाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 8 अक्टूबर को हिजबुल्ला ने लेबनान से हम पर हमला किया। तब से, उन्होंने हमारे कस्बों और शहरों, हमारे नागरिकों, हमारे बच्चों पर 8000 से अधिक रॉकेट दागे”।
  • “दो हफ्ते बाद, यमन में ईरान समर्थित हूतीयों ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलें दागीं। इस वर्ष अप्रैल माह में, पहली बार, ईरान ने अपने ही क्षेत्र से इजरायल पर सीधे हमला किया, जिसमें 300 ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं”।

ईरान, इजरायल सहित विश्व के अन्य देशों के लिए भी, अभिशाप है:

ईरान मध्य पूर्व सहित विश्व शांति के लिए खतरा:

  • इजरायली प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में चल रहे संघर्ष के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया और चेतावनी दी कि “ईरान में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां इजरायल की ‘लंबे हाथ’ न पहुंच सकें, और यह बात ‘पूरे मध्य पूर्व’ के लिए भी सत्य है”।
  • उन्होंने दो नक्शे दिखाए और विश्व को “वरदान के नक्शे” और “अभिशाप के नक्शे” में से एक को चुनने के लिए कहा।
  • “वरदान के नक्शे” को समझाते हुए उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि इजरायल और उसके अरब साझेदार हिंद महासागर और भूमध्य सागर के बीच एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला एक भूमि पुल (IMEC) बना रहे हैं”।
  • वहीं “अभिशाप के नक्शे” के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ” यह आतंक के उस चाप (प्रतिरोध की धुरी) का नक्शा है जिसे ईरान ने हिंद महासागर से भूमध्य सागर तक बनाया और थोपा है”।
  • इजरायली प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर इसे नहीं रोका गया तो ईरान मध्य पूर्व के हर देश और बाकी दुनिया के कई देशों को खतरे में डाल देगा।

दुनिया को ईरान का तुष्टीकरण करना बंद करना होगा:

  • ऐसे में दुनिया को ईरान का तुष्टीकरण करना बंद करने का आह्वान करते हुए नेतन्याहू ने कहा, “बहुत लंबे समय से दुनिया ईरान को खुश करती आ रही है, यह उसके आंतरिक दमन पर आंखें मूंद लेती है, उसके बाहरी आक्रमण पर आंखें मूंद लेती है। यह तुष्टिकरण समाप्त होना चाहिए और यह तुष्टिकरण अभी समाप्त होना चाहिए”।
  • उन्होंने दुनिया से ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने में “इजरायल के साथ शामिल होने” का समर्थन करने का आह्वान किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए उस पर “तुरंत” प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया।

ईरान को भी स्पष्ट चेतावनी:

  • इजरायली प्रधानमंत्री ईरान को भी स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि “मेरे पास ईरान के तानाशाहों के लिए भी एक संदेश है। अगर आप हम पर हमला करेंगे, तो हम आप पर हमला करेंगे। ईरान में ऐसी कोई जगह नहीं है जहाँ इजराइल का लंबा हाथ न पहुंच सके। और यह पूरे मध्य पूर्व के लिए सच है”।

इजरायल-हमास युद्ध में अब तक क्या हुआ है?

  • उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2023 को सैकड़ों हमास आतंकवादी इजरायल की सीमा में घुस आए और 1200 से अधिक लोगों की हत्या कर दी और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया, जिनमें से 100 अभी भी उनके कैद में हैं।
  • इस भयानक आतंकी हमले के बाद इजरायल ने हमास को निशाना बनाकर गाजा में बड़े पैमाने पर जवाबी हमला किया। हालांकि, नागरिकों की बढ़ती मौत, खासकर महिलाओं और बच्चों ने संघर्ष को लेकर मानवीय चिंताओं को बढ़ा दिया है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस युद्ध में 35,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
  • इसके बाद यह संघर्ष मध्यपूर्व क्षेत्र में फैल गया है, यमन में हुती विद्रोही भी इजरायल और लाल सागर के अन्य देशों को निशाना बना रहे हैं। इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्ला पर हमले जारी रखे हैं, ताकि ईरान समर्थित इस समूह द्वारा उत्तरी इजरायल में बार-बार किए जाने वाले हमलों से इजरायल के लिए उत्पन्न ‘खतरों’ का मुकाबला किया जा सके।
  • जैसे-जैसे संघर्ष बढ़ता जा रहा है, सभी प्रमुख देशों ने युद्ध विराम और बंधक समझौते का आह्वान किया है, साथ ही क्षेत्र में स्थायी और सतत शांति प्राप्त करने के साधन के रूप में दो-राज्य समाधान पर भी जोर दिया है।
  • उल्लेखनीय है कि इजरायली सेना ने बेरूत में हिजबुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय पर हवाई हमला किया, जहां एक बड़े विस्फोट ने इमारतों को तहस-नहस कर दिया। बेरूत के उपनगर दहियाह में यह हमला इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने के कुछ ही समय बाद हुआ, जिसमें उन्होंने कसम खाई थी कि हिजबुल्लाह के खिलाफ इजराइल का अभियान जारी रहेगा।

 

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