PSLV-C54 ने सफलतापूर्वक नौ उपग्रहों को विभिन्न कक्षाओं में स्थापित किया
- अपने सबसे लंबे अभियानों में से एक में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष एजेंसी के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C54) की मदद से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (EOS-06) सहित नौ उपग्रहों को सफलतापूर्वक विभिन्न कक्षाओं में स्थापित किया।
- सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC), SHAR के पहले लॉन्च पैड (FLP) से 26 नवंबर को सुबह56 बजे यान ने उड़ान भरी।
- इनमें आठ नैनो उपग्रह जिसमे भूटान के लिए इसरो नैनो सैटेलाइट-2 (आईएनएस-2बी), आनंद, एस्ट्रोकास्ट (चार उपग्रह) और दो थायबोल्ट उपग्रह और विशेष रूप से, EOS-6 ओशनसैट श्रृंखला की तीसरी पीढ़ी का उपग्रह शामिल हैं।
- यह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) की 56वीं उड़ान और पीएसएलवी–एक्सएल संस्करण की 24वीं उड़ान है।
- EOS-06 समुद्र विज्ञान, जलवायु और मौसम संबंधी अनुप्रयोगों में उपयोग करने के लिए समुद्र के रंग डेटा, समुद्र की सतह के तापमान और पवन वेक्टर डेटा का निरीक्षण करने की परिकल्पना की गई है।
- इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि “हमारे लिए, भारत–भूटान उपग्रह भारतीय और भूटानी वैज्ञानिकों के सहयोग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।“
- भारत और भूटान के बीच एक सहयोगी मिशन, INS-2B उपग्रह में दो पेलोड हैं, जिनके नाम हैं NanoMx, SAC द्वारा विकसित एक मल्टीस्पेक्ट्रल ऑप्टिकल इमेजिंग पेलोड, और APRS-डिजिपीटर, जिसे DITT-भूटान और URSC द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।