बढ़े हुए परिव्यय के साथ संशोधित ‘डेयरी विकास कार्यक्रम’ और ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ को मंजूरी:
परिचय:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6,190 करोड़ रुपये के कुल बढ़े हुए परिव्यय के साथ संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) और राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) को मंजूरी दे दी है।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि संशोधित NPDD दूध खरीद के लिए बुनियादी ढांचे का विकास, प्रसंस्करण क्षमता का विस्तार और बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करके डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देगा। राष्ट्रीय गोकुल मिशन कृत्रिम गर्भाधान और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के माध्यम से दूध उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- संशोधित NPDD और RGM को “श्वेत क्रांति 2.0” के दृष्टिकोण के अनुरूप बनाया गया है, जो डेयरी क्षेत्र की निरंतर वृद्धि और उत्पादकता सुनिश्चित करेगा।
संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD):
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग फरवरी 2014 से पूरे देश में “राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)” योजना को लागू कर रहा है। जुलाई 2021 में इस योजना को 2021-22 से 2025-26 तक कार्यान्वयन के लिए दो घटकों के साथ पुनर्गठित/पुनर्व्यवस्थित किया गया है
- सरकार द्वारा NPDD, के लिए अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के लिए इसका कुल बजट 2,790 करोड़ रुपये हो गया है।
- संशोधित योजना दूध खरीद, प्रसंस्करण क्षमता और गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने पर केंद्रित है, जिससे अंततः देश भर के डेयरी किसानों को लाभ होगा।
NPDD की मुख्य विशेषताएं:
- घटक A: डेयरी अवसंरचना में सुधार पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें दूध ठंडा करने वाले संयंत्र, उन्नत दूध परीक्षण प्रयोगशालाएं और नई ग्रामीण डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना शामिल है। पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्रों और केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- घटक B – “सहकारिता के माध्यम से डेयरी”: यह घटक नौ राज्यों: आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में डेयरी उत्पादन और विपणन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए जापान सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के साथ सहयोग जारी रखेगा।
संशोधित NPDD का उद्देश्य:
- संशोधित NPDD से 10,000 नई डेयरी सहकारी समितियां स्थापित होने और पूर्वोत्तर क्षेत्र में डेयरी प्रसंस्करण को मजबूत करने की उम्मीद है।
- इसके अतिरिक्त, यह समर्पित अनुदान सहायता के साथ दो दूध उत्पादक कंपनियों के गठन का समर्थन करेगा।
- इससे करीब 3.2 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। खास बात यह है कि इसमें 70% महिलाएं लाभान्वित होंगी, जो डेयरी क्षेत्र की मुख्य कार्यबल हैं।
संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM):
- दिसंबर 2014 से देशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) लागू किया जा रहा है। यह योजना दूध की बढ़ती मांग को पूरा करने और देश के ग्रामीण किसानों के लिए डेयरी व्यवसाय को अधिक लाभकारी बनाने के लिए गोजातीय पशुओं के दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।
- इस योजना को 2021 से 2026 तक राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना के तहत भी जारी रखा गया है, जिसका बजट 2400 करोड़ रुपये है। मंत्रिमंडल ने संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है, जिससे 15वें वित्त आयोग के चक्र के लिए इसका कुल व्यय 3,400 करोड़ रुपये हो गया है।
RGM की मुख्य विशेषताएं:
- कुल 15,000 बछियों की क्षमता वाले 30 बछिया पालन केंद्र स्थापित करने के लिए पूंजीगत लागत का 35% एकमुश्त सहायता।
- दूध संघों, बैंकों या वित्तीय संस्थानों के माध्यम से उच्च-आनुवांशिक-योग्यता वाले IVF बछिया खरीदने वाले किसानों के लिए 3% ब्याज अनुदान।
- नस्ल सुधार कार्यक्रमों, कृत्रिम गर्भाधान पहलों और केंद्रीय मवेशी प्रजनन फार्मों को मजबूत बनाने की निरंतरता।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन का प्रदर्शन:
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (NAIP) देश भर के 605 जिलों में किसानों के दरवाजे पर मुफ्त कृत्रिम गर्भाधान (AI) प्रदान करता है, जहां आधारभूत AI कवरेज 50% से कम था। आज तक, 8.39 करोड़ से अधिक पशुओं को कवर किया गया है, और 5.21 करोड़ किसानों को लाभ हुआ है।
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