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ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका द्वारा हिंद महासागर में ‘B-2 स्पिरिट’ स्टील्थ बमवर्षकों की तैनाती:

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ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका द्वारा हिंद महासागर में ‘B-2 स्पिरिट’ स्टील्थ बमवर्षकों की तैनाती:

परिचय:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया द्वीप पर छह B-2 स्पिरिट स्टील्थ बमवर्षक तैनात किए हैं। इस कदम को मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच ईरान और उसके सहयोगियों के लिए एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि कई उपग्रह छवियों के अनुसार, यह इस क्षेत्र में इन विमानों की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है। छह बमवर्षक अमेरिका के कुल B-2 बेड़े का लगभग एक तिहाई हिस्सा बनाते हैं, जिसमें सिर्फ 20 विमान हैं।
  • प्रत्येक बमवर्षक की कीमत 1 बिलियन डॉलर से ज़्यादा है और यह एक “मैसिव ऑर्डिनेंस पेनिट्रेटर” ले जाने में सक्षम है, जो 30,000 पाउंड का बम है जिसे ईरान के परमाणु स्थलों जैसे गहरे दबे हुए लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

ईरान और यमन पर ध्यान:

  • हालांकि अमेरिका ने किसी विशिष्ट देश का नाम नहीं लिया है, लेकिन सैन्य विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह तैनाती मुख्य रूप से ईरान और यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को लक्षित करके की गई है।
  • एक सेवानिवृत्त अमेरिकी वायु सेना के कर्नल ने बताया कि “इन B-2 की तैनाती स्पष्ट रूप से ईरान को एक संदेश – शायद कई संदेश – भेजने के लिए की गई है। यह ईरान को परमाणु वार्ता पर लौटने या सैन्य कार्रवाई का सामना करने के लिए प्रेरित भी कर सकता है”।
  • B-2 का इस्तेमाल पहले भी हुतियों के खिलाफ हमलों में किया गया था, और डिएगो गार्सिया यमन और ईरान दोनों की मारक क्षमता में है।
  • उल्लेखनीय है कि B-2 स्टील्थ बॉम्बर के साथ-साथ अमेरिका इस क्षेत्र में और भी विमानवाहक पोत भेज रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, USS हैरी एस. ट्रूमैन और USS कार्ल विंसन मध्य पूर्व में काम करेंगे, जबकि USS निमित्ज़ दक्षिण चीन सागर की ओर बढ़ रहा है।

B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर की क्या विशेषताएं है?

  • B-2 स्पिरिट बॉम्बर 18000 किलोग्राम तक के पेलोड के साथ पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है।
  • B-2 में उच्च सबसोनिक गति और लगभग 9,600 किलोमीटर की अंतरमहाद्वीपीय परिचालन सीमा है। यह 15,240 मीटर ऊंचाई कर कार्य कर सकता है।
  • B-2 की विशेषताओं में से एक इसका “स्टील्थ” डिजाइन है, जो इसके इंफ्रारेड, सोनिक, विद्युत चुम्बकीय, दृश्य और रडार सिग्नेचर को कम करता है।
  • B-2 के पंखों का आकार, मिश्रित सामग्री और विशेष कोटिंग्स इसकी गुप्त क्षमताओं में योगदान करते हैं, जिससे यह दुश्मन के हवाई क्षेत्र में बिना पकड़ में आये घुस सकता है और भूमिगत हथियार बंकरों जैसी भारी किलेबंद और कठोर संरचनाओं को निशाना बना सकता है।

B-2 बॉम्बर एक महत्वपूर्ण अमेरिकी परिसंपत्ति क्यों है?

  • B-2 स्पिरिट की उन्नत क्षमताएं इसे भारी सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले मिशनों के लिए सबसे उपयुक्त विमान बनाती हैं। कठोर और भूमिगत लक्ष्यों के विरुद्ध सटीक हमले करने की इसकी क्षमता इसे अन्य बॉम्बर्स से अलग बनाती है।
  • B-2 बॉम्बर GBU-57 बम को गिराने में अद्वितीय रूप से सक्षम है, जिसे “मैसिव ऑर्डिनेंस पेनिट्रेटर” के रूप में जाना जाता है, यह बम विशेष रूप से ईरान द्वारा उपयोग किए जाने वाले गहरे बंकरों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

‘सभी बमों की माँ (MOAB)’:

  • GBU-43/B मैसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बम। MOAB को वैज्ञानिकों और समुदाय द्वारा “सभी बमों की माँ (MOAB)” भी कहा जाता है।
  • यह एक बहुत बड़ा हथियार है- 9 मीटर लम्बा, 9,800 किलोग्राम वजनी, जीपीएस-निर्देशित। इसका मुख्य प्रभाव 8000 किलोग्राम टीएनटी द्वारा बनाई गई एक विशाल विस्फोट तरंग है – जो हर दिशा में एक मील तक फैलती है। यह बम भूमिगत सुविधाओं और सुरंगों को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
  • रूस ने अपना खुद का विशाल पारंपरिक बम विकसित किया है, जिसे ‘सभी बमों का जनक (FOAB)’ उपनाम दिया गया है। एक तरह का थर्मोबैरिक हथियार के रूप में जाना जाता है।

 

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