जी20 भ्रष्टाचार निरोधक कार्य समूह की बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए आईसीटी की भूमिका
- भारत की जी20 की अध्यक्षता के तहत पहली जी20 भ्रष्टाचार निरोधक कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की बैठक 1 मार्च को गुरुग्राम, हरियाणा में शुरू हुई।
- बैठक के तहत, ‘सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए आईसीटी का लाभ उठाने’ विषय पर एक संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया।
- हाल के वर्षों में, भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए आईसीटी की भूमिका को विश्व स्तर पर मान्यता दी गई है।
- अनेक देश दक्षता बढ़ाने, पारदर्शिता के माध्यम से भ्रष्टाचार को कम करने, सार्वजनिक समीक्षा/विश्लेषण के लिए सरकारी डेटा को उजागर करने, सरकारी प्रक्रियाओं को स्वचालित करने, अधिकारियों के निर्णय को रोकने और प्रमुख सेवाओं तक पहुँचने के लिए द्वारपालों/अधिकारियों के साथ बातचीत प्रतिबंधित करने के लिए आईसीटी का तेजी से उपयोग कर रहे हैं।
- आईसीटी न केवल सूचना तक पहुंच के माध्यम से नागरिकों के सशक्तिकरण को सक्षम बनाता है बल्कि सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणालियों में पदक्रम को भी बराबर करता है।
- प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी समाज में सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पारदर्शिता, सूचना के प्रवाह और संचार को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण की शक्ति और डिजिटल विभाजन को पाटने पर जोर दे रहे हैं।
भारत में डिजिटल इकोसिस्टम की उपलब्धियां:
- भारत में डिजिटल इकोसिस्टम ने कई प्रक्रियाओं को कम कर दिया है और सरकारी अधिकारियों के साथ सीधे बातचीत की है तथा प्रामाणिक जानकारी को सुलभ और कागज–रहित बना दिया है।
- उदाहरण के लिए, डिजिलॉकर के 144.6 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और उमंग ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से 3.36 अरब से अधिक का लेनदेन किया है।
- प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत भारत ने अपने यहां के निवासियों के लिए 1.35 अरब से अधिक डिजिटल पहचान बनाई है और नागरिकों के सीधे सभी सामाजिक कल्याण योजनाओं तक पहुंचने के लिए 470 मिलियन से अधिक मूल खाते खोले गए हैं।
- लगभग 2.8 मिलियन सूचीबद्ध उत्पादों के साथ 11,000 से अधिक उत्पाद श्रेणियां, 260 से अधिक सेवा श्रेणियां और सरकारी ई मार्केटप्लेस पर 2.5 लाख से अधिक सेवा पेशकश उपलब्ध हैं।
- आईसीटी के माध्यम से पारदर्शिता और दक्षता के माध्यम से समावेशिता “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” मंत्र को बढ़ावा दे रही है और संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान विचार-विमर्श ने इस मंत्र को मजबूत किया।