केंद्र सरकार का नया तोहफा, 81 करोड़ लोगों को एक साल तक मिलेगा मुफ्त अनाज
- केंद्र सरकार ने 23 दिसंबर को कहा कि राजकोषीय विवेक और सुरक्षा जाल की अनिवार्यता को देखते हुए वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत जनवरी 2023 से शुरू होने वाले एक वर्ष के लिए लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराएगी।
- अप्रैल 2020 में कोविड-19 के बीच प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की गई, जिसके तहत सब्सिडी दरों पर 5 किलोग्राम खाद्यान्न की एनएफएसए पात्रता के शीर्ष पर प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया गया।
- केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल के फैसलों पर संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि “एनएफएसए के तहत केंद्र सरकार लोगों को -3 रुपये प्रति किलोग्राम चावल, 2 रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं और 1 रुपये प्रति किलोग्राम मोटा अनाज– खाद्यान्न प्रदान करती है। अब, प्रधानमंत्री ने देश भर में गरीबों को मुफ्त में खाद्य सुरक्षा प्रदान करने का एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है”।
- यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को बंद करने का फैसला किया है, उन्होंने कहा, “इसका एनएफएसए के साथ विलय कर दिया गया है। उस योजना का मुफ्त हिस्सा एनएफएसए में जोड़ा गया है। अब एनएफएसए के तहत 5 किलो प्रति व्यक्ति और 35 किलो प्रति परिवार (AAY) की पूरी मात्रा मुफ्त उपलब्ध होगी। अतिरिक्त खाद्यान्न की कोई आवश्यकता नहीं है”।
- पहली बार, भारत में एक केंद्रीय खाद्य सुरक्षा कानून होगा जो गरीबों को मुफ्त में 5 किलो खाद्यान्न प्राप्त करने का ‘अधिकार‘ देता है। इससे पहले, लगभग 81.34 करोड़ लोग, जिनमें 75 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में और 50 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में रहते थे, चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम और गेहूं के लिए 2 रुपये प्रति किलोग्राम की मामूली कीमत चुकाते थे।
- दिसंबर के नवीनतम आवंटन आदेश के अनुसार, एनएफएसए के तहत 13.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 31.72 लाख मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता है। PMGKAY की मासिक आवश्यकता लगभग 40 लाख मीट्रिक टन (गेहूं: 7 लाख मीट्रिक टन और चावल: 33 लाख मीट्रिक टन) थी।
- एनएफएसए के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न की बिक्री से सरकार को एक साल में 13,900 करोड़ रुपये मिलते थे। इस अतिरिक्त व्यय के साथ, कुल खाद्य सुरक्षा बिल बढ़कर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। हालांकि पीएमजीकेएवाई को बंद करने से सरकार को हर महीने 15,000 करोड़ रुपये या साल में करीब8 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013:
- एनएफएसए में 50 प्रतिशत शहरी आबादी और 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी शामिल है। एनएफएसए के तहत लाभार्थी परिवारों की दो श्रेणियां हैं – अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता वाले परिवार।
- अंत्योदय अन्न योजना वाले परिवार, प्रति माह 35 किलो खाद्यान्न के हकदार होते हैं चाहे परिवार के सदस्यों की संख्या कुछ भी हो, वहीं प्राथमिकता वाले परिवारों को परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर प्रत्येक सदस्य 5 किलो प्रति माह खाद्यान्न मिलता है।
- एनएफएसए में लगभग 81.35 करोड़ लोग शामिल हैं और केंद्र उन्हें खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की पूरी लागत वहन करेगा।