केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के 37वें स्थापना दिवस को संबोधित किया
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने 26 फरवरी को कहा कि सरकार धन–संपत्ति और रोजगार सृजित करने के लिए उद्योग संचालित स्टार्ट–अप को बढ़ावा देगी। मंत्री ने कहा, यदि उद्योग शुरू से ही उत्पाद की पहचान करें और सरकार के साथ मेल खाने वाली इक्विटी का निवेश करे तो स्टार्ट–अप टिकाऊ हो जाएगा।
- मंत्री ने आश्वासन दिया कि देश में इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत धन की कमी नहीं होगी।
- मंत्री जी नई दिल्ली में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के 37वें स्थापना दिवस को संबोधित कर रहे थे।
- डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत वैश्विक जैव–विनिर्माण हब बनने की ओर अग्रसर है और 2025 तक शीर्ष पांच देशों में शामिल हो जाएगा।
- मंत्री ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी कल की तकनीक है क्योंकि सूचना प्रौद्योगिकी पहले ही अपने संतृप्ति बिंदु पर पहुंच चुकी है।
- मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जैव प्रौद्योगिकी अमृत काल अर्थव्यवस्था की कुंजी होगी और भारत को दुनिया में अग्रणी राष्ट्र बनाने में भी मदद करेगी।
भारत में जैव–अर्थव्यवस्था की स्थिति:
- भारत की जैव–अर्थव्यवस्था पिछले 8 वर्षों में आठ गुना बढ़ी है जो 2014 में 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2022 में 80 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गई है।
- इसी प्रकार बायोटेक स्टार्टअप्स जो 2014 में 52 थे 2022 में 100 गुना बढ़कर 5300 से अधिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 2021 में प्रतिदिन 3 बायोटेक स्टार्टअप्स शामिल हो रहे हैं।