कोयला मंत्रालय कार्य योजना 2023 -24:

कोयला मंत्रालय कार्य योजना 2023 -24:

  • कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र में उत्पादन, दक्षता, स्थिरता और नई प्रौद्योगिकियों को विकसित आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक कार्य योजना की संकल्पना की है। इस महत्वाकांक्षी योजना में एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

कोयला विश्लेषिकी:

  • कोयला उत्पादन: मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1012 मीट्रिक टन के कुल कोयला उत्पादन लक्ष्य को अंतिम रूप दे दिया है।
  • खदानों की आउटसोर्सिंग: मंत्रालय ने कोयला उत्पादन और दक्षता बढ़ाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड खदानों/ब्लॉकों के संचालन के लिए खनन डेवलपर्स सह ऑपरेटरों (एमडीओ) और राजस्व साझेदारी के आधार पर बंद/परित्यक्त खदानों में उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

  • कोकिंग कोल रणनीति: आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा पर पूर्णत: ध्‍यान केंद्रित करने के लिए कोयला मंत्रालय ने आयात को कम करने के लिए देश में कोकिंग कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक कोकिंग कोल रणनीति तैयार की है।
  • कोयले की गुणवत्ता: कोयला मंत्रालय और कोयला कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण कोयले की आपूर्ति के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कई उपाय किए हैं।

निजी निवेश:

  • पूंजीगत व्यय और संपत्ति मुद्रीकरण: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कोयला मंत्रालय का कुल पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 21030 करोड़ रुपये है। इसमें कोल इंडिया लिमिटेड: 16,500 करोड़ रुपये है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए संपत्ति मुद्रीकरण योजना का समग्र अनुमानित लक्ष्य 50,118.61 करोड़ रूपये हैं।
  • वाणिज्यिक खनन: वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान मंत्रालय ने 33.224 मिलियन टन प्रतिवर्ष के संचयी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) वाली कुल 23 कोयला खदानों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन खदानों से पीआरसी पर गणना करके 4,700.80 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्ति की उम्मीद है। इन खदानों से 44,906 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की आशा है।

अवसंरचना परियोजनाएं:

  • प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान: रेल मंत्रालय के परामर्श से, कोयला मंत्रालय नई रेलवे लाइन परियोजनाओं की बारीकी से निगरानी कर रहा है। ये कोयला निकासी के लिए महत्वपूर्ण हैं और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर कोयला क्षेत्र की मैपिंग और एनएमपी पर डैशबोर्ड का उपयोग कर रहा है।
  • कोयला निकासी: कोयले के प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के लिए कोयला मंत्रालय ने कोयला रसद नीति/योजना अपनाई है, क्योंकि रसद कोयला आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण घटक है।

कोयला क्षेत्र में सततता:

  • कोयला मंत्रालय सतत विकास मॉडल को बढ़ावा देने की संकल्पना करता है जिसमें कोयला उत्पादन पर्यावरण संरक्षण, संसाधन संरक्षण, समाज की देखभाल और हमारे वनों और जैव विविधता की रक्षा के उपायों के साथ आगे बढ़ता है। कोयला मंत्रालय ने इस दिशा में हरित पहल, इको-पार्कों/खान पर्यटन का विकास, खदान जल का लाभकारी उपयोग (ओबी) और ऊर्जा कुशल उपायों सहित कुछ प्रमुख स्थायी गतिविधियां चलाई गई हैं।
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