मंगलयान 8 साल बाद अंतरिक्ष में विलीन! बैटरी और ईंधन खत्म होने से टूटा संपर्क
- मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान) का ईंधन (प्रणोदक) खत्म हो गया है। बैटरी भी काम नहीं कर रही। आशंका जताई जा रही है कि ‘मंगलयान‘ ने अपनी लंबी पारी पूरी कर ली है और अंतरिक्ष में विलीन हो रहा है।
मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान):
- मार्स आर्बिटर मिशन को पांच नवंबर 2013 को पीएसएलवी–सी25 से लांच किया गया था। भारत ने मंगलयान को अपने पहले ही प्रयास में केवल 450 करोड़ रुपये में लांच कर इतिहास रचा था।
- 24 सितंबर 2014 को यह सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में पहुंचा। इस मिशन की अवधि केवल छह महीने थी, लेकिन यह आठ वर्षों तक सक्रिय रहकर मंगल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
- मंगलयान को एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उद्यम, सतह भूविज्ञान, आकृति विज्ञान, वायुमंडलीय प्रक्रियाओं, सतह के तापमान और वायुमंडलीय प्रक्रिया पर डेटा एकत्र करने वाले पांच वैज्ञानिक पेलोड (कुल 15 किग्रा) उपकरणों के साथ बनाया गया था।
- इसमें मार्स कलर कैमरा (एमसीसी), थर्मल इन्फ्रारेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (टीआईएस), मंगल के लिए मीथेन सेंसर (एमएसएम), मार्स एक्सोस्फेरिक न्यूट्रल कंपोजिशन एनालाइजर (एमईएनसीए) और लाइमैन अल्फा फोटोमीटर (एलएपी) शामिल थे।
Note: यह सूचना प्री वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।