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नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 43वीं बैठक आयोजित

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नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 43वीं बैठक आयोजित

  • पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान की संस्थागत संरचना के तहत गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने तीन महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं की जांच एवं अनुशंसा की है।

  • डीपीआईआईटी के विशेष सचिव की अध्यक्षता में, एनपीजी में नीति आयोग एवं पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, के विशेष प्रतिनिधि के साथ रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, बिजली, मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, एमआईआरई, दूरसंचार विभाग, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय सहित अवसंरचना मंत्रालयों के योजना प्रभागों के प्रमुख हैं।

औरंगाबाद एवं अंकाई स्टेशनों के बीच दोहरीकरण:

  • एनपीजी ने महाराष्ट्र राज्य में औरंगाबाद एवं अंकाई स्टेशनों के बीच रेल लाइनों के दोहरीकरण से संबंधित परियोजनाओं की जांच की
  • यह बेंगलुरु, हैदराबाद, निजामाबाद आदि से मुंबई, नई दिल्ली, अमृतसर जैसे लंबे गंतव्यों तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा।
  • प्रस्तावित परियोजना वृद्धि से खंड क्षमता 114 प्रतिशत से बढ़कर 143 प्रतिशत हो जाएगी और इस एकल लाइन पर माल एवं यात्री यातायात में सुधार होगा।

भद्रकविजयनगरम के बीच संतुलन खंड में तीसरी लाइन:

  • भारत के पश्चिमी तट एवं दक्षिणी तट के बीच कार्गो आवाजाही मे सुधार लाने के लिए, एनपीजी ने ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश राज्यों मे भद्रक और विजयनगरम के बीच संतुलन खंड में तीसरी लाइन जोड़ने की परियोजना की जांच की।
  • यह परियोजना खुर्दा, जगन्नाथपुर और श्रीकाकुलम में माल शेडों के लिए सीधी आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी जो मल्टी मॉडल लॉजिस्ट्क्स के बिन्दु हैं तथा प्रमुख सड़क कार्गों आवाजाही को भी रेल में स्थानांतरित कर देगी।

सोननगरअंदाल तीसरी एवं चौथी रेल लाइन:

  • बेहतर वैगन टर्नअराउंड समय तथा यात्री रेलगाड़ियों की बेहतर समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए, एनपीजी ने राज्यों, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल राज्यों में पड़ने वाले सोननगरअंदाल रास्ते में तीसरी एवं चौथी रेल लाइनों को जोड़ने के लिए परियोजना का मूल्यांकन किया।
  • यह परियोजना भारतीय रेल की मिशन 3000 एमटी प्लान का हिस्सा है और एक उभरता टेक्स्टाइल हब गया, एक सीफूड क्लस्टर हजारीबाग, एक कोयल भंडार जिला धनबाद तथा इस्पात के लिए विशाल संभावनाओं वाला जिला पश्चिम बर्धमान जैसे महत्वपूर्ण जिलों को कनेक्ट करती है।
  • परियोजना को पूरा करने के बाद, इस खंड में 33 किमी प्रति घंटे से 55 किमी प्रति घंटे तक रेलगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि होगी

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