ऊर्जा मंत्री ने उद्योगों से ‘ग्रीन ओपन एक्सेस नियमों‘ के तहत लक्ष्य निर्धारित करने को कहा:
- केन्द्रीय उर्जा मंत्री ने “ग्रीन ओपन एक्सेस नियमों” पर नयी दिल्ली में उद्योगों और अन्य संबंध पक्षों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। भागीदारों ने बैठक में ‘ग्रीन ओपन एक्सेस नियमों’ को लेकर उनके समक्ष आने वाली कई समस्याओं को उठाया।
- केंद्र सरकार ने बिजली (ग्रीन ओपन एक्सेस के जरिये नवीकरणीय उर्जा का संवर्धन) नियम 2022 को पिछले साल 06 जून 2022 को अधिसूचित किया है।
- ये नियम सभी के लिये सस्ती, विश्वसनीय, टिकाउ और हरित उर्जा उद्देश्य के साथ भारत के महत्वकांक्षी नवीकरणीय उर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिये बनाये गये हैं।
- उर्जा मंत्री ने कहा ‘ग्रीन ओपन एक्सेस नियमों’ 2022 भारत को हरित उर्जा की ओर ले जाने और भारत के 2030 के लिये एनडीसी के अद्यतन लक्ष्य, कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत कटौती को हासिल करने की दिशा में एक प्रमुख कदम है। इससे बिजली की लागत में भी उल्लेखनीय कमी आयेगी।
- उर्जा मंत्री ने उद्योग हितधारकों से यह भी कहा कि वह सरकार के समक्ष ऐसे मामलों को लायें जहां हरित उर्जा खुली पहुंच नियमों का सहीं ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है, ताकि सरकार ऐसे मुद्दों को संबंधित एजेंसियों के समक्ष उठा सके और जरूरत पड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सके।
‘ग्रीन ओपन एक्सेस नियमों’ की मुख्य बातें:
- इन नियमों को हरित ऊर्जा,अपशिष्ट–से–ऊर्जा संयंत्रों से ऊर्जा सहित, के उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचित किया गया है।
- किसी भी उपभोक्ता को ग्रीन ओपन एक्सेस की अनुमति है और ग्रीन एनर्जी के लिए ओपन एक्सेस ट्रांजैक्शन की सीमा को 1 मेगावाट से घटाकर 100 kW कर दिया गया है, ताकि छोटे उपभोक्ता भी ओपन एक्सेस के जरिए अक्षय ऊर्जा खरीद सकें।
- उपभोक्ता डिस्कॉम से हरित ऊर्जा की आपूर्ति की मांग करने के हकदार हैं। डिस्कॉम पात्र उपभोक्ताओं को हरित ऊर्जा की खरीद और आपूर्ति करने के लिए बाध्य होंगे।
- वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को स्वेच्छा से हरित ऊर्जा खरीदने की अनुमति है।
- उपभोक्ताओं को ग्रीन पावर का उपभोग करने पर ग्रीन सर्टिफिकेट दिया जाएगा और सुविधा भी दी जाएगी।