पेसा अधिनियम

चर्चा में क्यों?

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने 7 अगस्त को गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में आदिवासियों के लिए छह सूत्री “गारंटी” की घोषणा की, जिसमें पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (पेसा अधिनियम) का “सख्त कार्यान्वयन” शामिल है।

  • पेसा अधिनियम 1996 के बारे में :
    • पृष्ठभूमि : ग्रामीण भारत में स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा देने के लिये 1992 में 73वाँ संविधान संशोधन पारित किया गया था।
      • इस संशोधन द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्था के लिये कानून बनाया गया।
      • हालाँकि अनुच्छेद 243 (M) के तहत अनुसूचित और आदिवासी क्षेत्रों में यह प्रतिबंधित था।
      • वर्ष 1995 में भूरिया समिति की सिफारिशों के बाद भारत के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों हेतु आदिवासी स्वशासन सुनिश्चित करने के लिये पेसा अधिनियम 1996 अस्तित्व में आया।
    • राज्य सरकार की भूमिका : पेसा, अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिये ग्राम सभाओं (ग्राम विधानसभाओं) के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करने हेतु केंद्र द्वारा अधिनियमित किया गया था।
    • राज्य सरकारों को अपने संबंधित पंचायत राज अधिनियमों में संशोधन करने की आवश्यकता थी जो कि पेसा के जनादेश के साथ असंगत होगा।
    • उद्देश्य : यह कानूनी रूप से आदिवासी समुदायों, अनुसूचित क्षेत्रों के निवासियों के अधिकार को स्वशासन की अपनी प्रणालियों के माध्यम से स्वयं को शासित करने के अधिकार को मान्यता देता है।
      • यह प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को स्वीकार करता है।
  • पेसा अधिनियम में ग्राम सभा का महत्व :
    • लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण : पेसा ग्राम सभाओं को विकास योजनाओं की मंज़ूरी देने और सभी सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने का अधिकार देता है। इस प्रबंधन में निम्नलिखित शामिल है :
      • जल, जंगल, ज़मीन पर संसाधन।
      • लघु वनोत्पाद
      • मानव संसाधन : प्रक्रियाएँ और कार्मिक जो नीतियों को लागू करते हैं।
      • स्थानीय बाज़ारों का प्रबंधन।
      • भूमि अलगाव को रोकना।
      • नशीले पदार्थों को नियंत्रित करना।
    • पहचान का संरक्षण : ग्राम सभाओं की शक्तियों में सांस्कृतिक पहचान और परंपरा का रखरखाव, आदिवासियों को प्रभावित करने वाली योजनाओं पर नियंत्रण और एक गाँव के क्षेत्र के भीतर प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण शामिल है।
    • संघर्षों का समाधान : इस प्रकार पेसा अधिनियम ग्राम सभाओं को बाहरी या आंतरिक संघर्षों के खिलाफ अपने अधिकारों और परिवेश के सुरक्षा तंत्र को बनाए रखने में सक्षम बनाता है।
    • पब्लिक वॉचडॉग : ग्राम सभा को अपने गाँव की सीमा के भीतर नशीले पदार्थों के निर्माण, परिवहन, बिक्री और खपत की निगरानी और निषेध करने की शक्तियाँ प्राप्त होंगी।

SOURCE-INDIAN EXPRESS

PAPER-G.S.3

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