फाइलेरिया से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू किया राष्ट्रव्यापी अभियान
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लसीका फाइलेरिया को खत्म करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान शुरू किया है।
- मंत्रालय ने विशेष रूप से 10 प्रभावित राज्यों में फाइलेरिया रोधी दवाओं को प्रशासन के माध्यम से घर–घर पहुंचा कर फाइलेरिया रोग के संचरण को समाप्त करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी जन औषधि प्रशासन (एमडीए) अभियान शुरू किया है।
- मंत्रालय द्वारा 10 फरवरी को जारी एक बयान के अनुसार, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश ने संयुक्त रूप से अभियान शुरू किया है।
देश में 2027 तक फाइलेरिया को खत्म करने का रखा लक्ष्य:
- स्वास्थ्य मंत्रालय का यह लांच वैश्विक लक्ष्य से 3 साल पहले 2027 तक फाइलेरिया को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से शानदार समर्थन प्राप्त करने के 1 महीने बाद आया है। भारत ने लसीका फाइलेरिया (एलएफ) को खत्म करने के प्रयासों को तेज कर दिया है।
फाइलेरिया क्या है?
- इस बीमारी को अंग्रेजी में फाइलेरिया और हिंदी में हाथी पाँव कहते हैं।
- यह क्यूलेक्स मच्छरों के कारण होने वाली एक वेक्टर–जनित बीमारी है जो लोगों को विकलांगता की ओर ले जाती है।
- फाइलेरिया बीमारी का संक्रमण आमतौर से बचपन में होता है। मगर इस बीमारी के लक्षण 7 से 8 वर्ष के उपरान्त ही दिखाई देते हैं।
साभार: दैनिक जागरण