राजस्थान में ‘इंटरनेट शटडाउन’ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
- राजस्थान डायरेक्ट स्कूल टीचर भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए जयपुर और अन्य स्थानों पर हाल ही में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को देखते हुए इंटरनेट शटडाउन के व्यावहारिक कार्यान्वयन पर दिशानिर्देशों की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
- याचिकाकर्ता ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के नियमों के तहत राजस्थान डायरेक्ट स्कूल टीचर भर्ती परीक्षा (REET 2023) आयोजित करने के लिए संभागीय आयुक्त, भरतपुर मंडल के कार्यालय से 24 फरवरी के आदेश के माध्यम से जयपुर, भरतपुर और कई अन्य जिलों में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के बारे में सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया।
अनुराधा भसीन बनाम भारत संघ मामले का दिया हवाला:
- याचिका में कहा गया है कि इस तरह का प्रतिबंध लगाना अधिकारियों की परीक्षा आयोजित करने की अक्षमता को दर्शाता है।
- इसलिए याचिकाकर्ता ने मौलिक अधिकारों, विशेष रूप से जीवन, स्वतंत्रता और सम्मान के अधिकार को लागू करने की मांग की, जो अनुराधा भसीन बनाम भारत संघ मामले में निर्धारित आदेश का पालन करने के लिए अनुच्छेद 21 के तहत निहित है।
- उल्लेखनीय है कि अवैध इंटरनेट शटडाउन बड़े पैमाने पर जनता को प्रभावित कर रहा है, न्यायिक कार्य में बाधा डाल रहा है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन कर रहा है।
- इससे पहले 2020 में अनुराधा भसीन बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि राज्य को इस तरह का प्रतिबंध तभी लगाना चाहिए जब स्थिति ‘आवश्यक’ और ‘अपरिहार्य’ हो।