आरबीआई ने रेपो दर को बढ़ाकर 6.5% तथा वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान किया
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 8 फरवरी को तरलता समायोजन सुविधा (LAF) के तहत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया। इसी तरह, स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर को 6.25 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर और बैंक दर को 6.75 प्रतिशत पर समायोजित किया गया।
- भारतीय रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने 6 फरवरी को शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद द्विमासिक नीति समीक्षा की घोषणा की। मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान और विकसित व्यापक आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करने का निर्णय लिया।
- गवर्नर ने कहा कि पिछले तीन वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने दुनिया भर में मौद्रिक नीति की परीक्षा ली है। उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं को नीतिगत विश्वसनीयता बनाए रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के बीच तीव्र संतुलन का सामना करना पड़ रहा है।
- शक्तिकांत दास ने कहा कि 2023 के दौरान वैश्विक वृद्धिदर में गिरावट आने की उम्मीद है। मुद्रास्फीति में नरमी के कारण केंद्रीय बैंकों ने दर और उसको बढ़ाने की गति को कम किया है लेकिन वे मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्यों के करीब लाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहरा रहे हैं।
- पिछले दो महीनों में मुद्रास्फीति में कमी सब्जियों में मजबूत अपस्फीति से प्रेरित थी, जो गर्मी के मौसम में तेजी के साथ समाप्त हो सकती है।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार 2022-23 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है और अगले वित्त वर्ष के लिए यह 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत अनुमानित है, चौथी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत अनुमानित है, 2023-24 के लिए CPI मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत अनुमानित है।
- मौद्रिक नीति समिति ने यह सुनिश्चित करने के लिए समायोजन की वापसी पर ध्यान केंद्रित करने का भी निर्णय लिया कि विकास का समर्थन करते हुए मुद्रास्फीति लक्ष्य के भीतर बनी रहे।
आरबीआई गवर्नर द्वारा की गयी महत्वपूर्ण घोषणाएं:
- आरबीआई गवर्नर ने कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा, पारदर्शिता, तर्कशीलता और उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ाने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाने पर मसौदा दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे और बैंक हितधारकों से टिप्पणियां प्राप्त करेगा।
- उन्होंने कहा कि भारत आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहने के दौरान मर्चेंट पेमेंट्स (पी2एम) के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी। शुरुआत में यह सुविधा चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर पहुंचने वाले जी-20 देशों के यात्रियों को दी जाएगी।
- RBI 12 शहरों में QR कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन पर एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेगा। ये वेंडिंग मशीनें यूपीआई का उपयोग करके ग्राहक के खाते में डेबिट के बदले सिक्के वितरित करेंगी।