सब्सिडी बढ़ने से पड़े अतिरिक्त बोझ के कारण वित्त मंत्रालय ने संसद में पेश की अनुपूरक मांगे
- वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में 3.25 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त खर्चे के लिए संसद से मंजूरी मांगी है। 9 दिसंबर को इस संदर्भ में लोकसभा में अनुपूरक मांगों वाली विधेयक पेश की गई।
- उल्लेखनीय है कि बजटीय अनुमान से ज्यादा खर्च होने के पीछे मुख्य कारण उर्वरक और खाद्य सब्सिडी में भारी वृद्धि का होना है।
- वित्त मंत्रालय की तरफ से पेश संबंधित विधेयक के मुताबिक इस वित्त वर्ष बजटीय अनुमान से 1.09 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी देनी होगी जबकि गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए 80,348 करोड़ रुपये का इंतजाम करना पड़ रहा है।
- मालूम हो कि सरकार ने हाल ही में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दी जाने वाली मुफ्त राशन की अवधि तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2022 तक कर दिया गया है।
- आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 में सरकार का कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था जबकि वर्ष 2021-22 में व्यय की कुल राशि 37.70 लाख करोड़ रुपये के करीब थी।
वित्त मंत्री ने रखा है 6.4 फीसद का राजकोषीय घाटे का लक्ष्य:
- चालू वित्त वर्ष के प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर संग्रह सरकार के अनुमान से बेहतर होने की वजह से बढ़ी हुई सब्सिडी का सरकार के राजस्व संतुलन पर कोई बड़ा असर नहीं डालेगा।
- वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में सरकार का राजस्व घाटा पूरे वर्ष के अनुमान का 45.6 फीसद रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए वित्त मंत्री ने 6.4 फीसद का राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है, इसके पिछले वर्ष यह 6.7 फीसद था।
अनुपूरक मांग (Supplementary Grant):
- अनुपूरक मांग संसद से एक ऐसा अनुदान की मांग है जब संसद द्वारा वर्तमान वित्त वर्ष के लिये किसी विशेष मद हेतु बजट के माध्यम से स्वीकृत राशि अपर्याप्त पाई जाती है।
- अनुदान मांग वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले संसद द्वारा प्रस्तुत और पारित किया जाता है।