एससीओ सदस्य देशों के सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों के प्रमुखों की बैठक लखनऊ में शुरू

एससीओ सदस्य देशों के सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों के प्रमुखों की बैठक लखनऊ में शुरू

  • भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, गिरीश चंद्र मुर्मू ने ऑडिटिंग के लिए साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों को निजी क्षेत्र के भागीदारों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है। श्री मुर्मू 7 फरवरी को लखनऊ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य राज्यों के सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों (SAI) के प्रमुखों की छठी बैठक के उद्घाटन दिवस पर प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।

  • उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाने से साइबर सुरक्षा से संबंधित चिंताएं सामने आ गई हैं। इसलिए, सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों (SAI) के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि वे साइबर सुरक्षा मुद्दों की लेखापरीक्षा करने के लिए पर्याप्त क्षमता विकसित करें।
  • श्री मुर्मू ने बताया कि SAI इंडिया, यानी भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ऑडिट प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
  • आठ एससीओ सदस्य देशों में से, चार देशोंकजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों (SAI) के प्रमुख और प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय बहुपक्षीय आयोजन में भाग ले रहे हैं।

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक

  • संविधान के अनुच्छेद-148 के अनुसार भारत का एक नियंत्रक और महालेखा परीक्षक होगा जिसे राष्ट्रपति द्वारा उसके हस्ताक्षर और मोहर के तहत वारंट द्वारा नियुक्त किया जाएगा और केवल सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान एवं आधार पर पद से हटाया जाएगा।
  • नियंत्रक महालेखा परीक्षक का वेतन और सेवा की अन्य शर्ते ऐसी होगी जो संसद द्वारा कानून द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं और उसके अधिकारों में उसकी नियुक्ति के बाद अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
  • नियंत्रक महालेखा परीक्षक अपने पद पर रहने के बाद तो भारत सरकार के अधीन और ही किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी और पद के लिए पात्र होगा।
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