विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार दुनिया भर में तापमान में हो सकती है बढ़ोतरी
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने वैश्विक तापमान में संभावित वृद्धि की चेतावनी जारी की है। WMO के महासचिव पेटेरी तालस ने कहा, ‘अगर हम अब अल नीनो चरण में प्रवेश करते हैं, तो इससे वैश्विक तापमान में वृद्धि होने की संभावना है’।
- तालस ने कहा कि 21वीं सदी का पहला ट्रिपल डिप ला नीना खत्म होने वाला है। उन्होंने कहा कि ला नीना के प्रभाव ने बढ़ते वैश्विक तापमान पर एक अस्थायी ब्रेक लगा दिया था।
आईएमडी ने तापमान में वृद्धि के दिए संकेत:
- बता दें कि डब्ल्यूएमओ की चेतावनी जारी होने से पहले, आईएमडी ने 28 फरवरी को कहा था कि मार्च से मई तक भारत के अधिकांश हिस्सों में स्थिति गंभीर होने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि फरवरी से अप्रैल तक ला नीना से ईएनएसओ (तटस्थ) होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ईएनएसओ-तटस्थ इस साल गर्मियों की शुरुआत में उत्तरी गोलार्ध में बना रहेगा। आईएमडी ने जून से अगस्त तक अल नीनो की स्थिति के करीब 50 प्रतिशत संभावना और जुलाई से सितंबर तक 60 प्रतिशत संभावना का संकेत दिया।
मार्च से मई तक अल नीनो की वापसी की संभावना:
- बता दें कि ईएनएसओ स्थितियों में अल नीनो की वापसी मार्च से मई तक होने की 90 प्रतिशत संभावना है, जो तय अवधि से पहले होगी।
एल नीनो क्या है?
- एल नीनो प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र की उस समुद्री घटना का नाम है, जो दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित इक्वाडोर और पेरु देशों के तटीय समुद्री जल में कुछ सालों के अंतराल पर घटित होती है।
- यह समुद्र में होने वाली उथल–पुथल है और इससे समुद्र के सतही जल का ताप सामान्य से अधिक हो जाता है। ये तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है।
ला नीना क्या है?
- अल-नीनो जैसी एक अन्य प्राकृतिक घटना ला-नीना भी है। ला–नीना की स्थितियां पैदा होने पर भूमध्य रेखा के आस–पास प्रशान्त महासागर के पूर्वी तथा मध्य भाग में समुद्री सतह का तापमान असामान्य रूप से ठंडा हो जाता है।
- ला–नीना यानी समुद्र तल की ठंडी तापीय स्थिति आमतौर पर अल–नीनो के बाद आती है किन्तु यह जरूरी नहीं कि दोनों बारी–बारी से आएँ ही।