यूआईडीएआई ने आधार प्रमाणीकरण के लिए मजबूत फिंगरप्रिंट आधारित नया सुरक्षा तंत्र शुरू किया
- इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और धोखाधड़ी के प्रयासों का तेजी से पता लगाने के लिए एक नया सुरक्षा तंत्र सफलतापूर्वक शुरू किया है।
- इन–हाउस विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) आधारित सुरक्षा तंत्र अब कैप्चर किए गए फिंगरप्रिंट की जांच करने के लिए फिंगर मिन्यूशिया और फिंगर इमेज दोनों के संयोजन का उपयोग कर रहा है। यह आधार प्रमाणीकरण लेनदेन को और भी मजबूत और सुरक्षित बना रहा है।
- इसमें नया टू फैक्टर/लेयर ऑथेंटिकेशन ऐड–ऑन चेक जोड़ रहा है ताकि फिंगरप्रिंट की प्रामाणिकता (लाइवनेस) को सत्यापित किया जा सके ताकि धोखाधड़ी के प्रयासों की संभावना को और कम किया जा सके।
- यह कदम बैंकिंग और वित्तीय, दूरसंचार और सरकारी क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी होगा।
- यह समाज के अंतिम तबके को भी लाभान्वित करेगा क्योंकि यह आधार सक्षम भुगतान प्रणाली को और मजबूत करेगा और असामाजिक तत्वों द्वारा दुर्भावनापूर्ण प्रयासों पर अंकुश लगाएगा।
- नई प्रणाली से उंगली की छवि या केवल उंगली के सूक्ष्म भाग आधारित आधार प्रमाणीकरण से दो तरह से प्रमाणीकरण होगा और इससे सभी हितधारकों को लाभ होगा।
- आधार आधारित प्रमाणीकरण लेन–देन को अपनाने में वृद्धि देखी जा रही है। दिसंबर 2022 के अंत तक, आधार प्रमाणीकरण लेनदेन की कुल संख्या 88.29 बिलियन को पार कर गई थी और औसतन प्रतिदिन 70 मिलियन का लेनदेन हो रहा था।
- आधार धारकों ने जनवरी 2023 में 199.62 करोड़ सहित अब तक 9029.28 करोड़ से अधिक प्रमाणीकरण लेनदेन किए हैं, जो देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास का संकेत है। यह समाज में कई कल्याणकारी लाभों और सेवाओं का लाभ उठाने में मददगार साबित हुआ है।