इसरो ने किया अंतरिक्ष यान की लैंडिंग की खास तकनीक का परीक्षण
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष यान की सुरक्षित लैंडिंग की तकनीक का सफल परीक्षण किया है।
- इनफ्लैटेबल एयरोडायनामिक डीसेलेरेटर (IAD) नाम की इस तकनीक की मदद से भविष्य में मंगल व अन्य ग्रहों पर यान की सुरक्षित लैंडिंग कराना संभव हो सकेगा।
- तकनीक को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर ने विकसित किया है।
- थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन से रोहिणी साउंडिंग राकेट के जरिये इसका परीक्षण किया गया।
- आइएडी में लैंडिंग के लिए भेजे गए पेलोड की गति को आवश्यकता के अनुसार कम करने की क्षमता है।
- इस तकनीक में पहले से तय रास्ते पर चलते हुए ही यान वहां की परिस्थिति एवं घर्षण के अनुरूप अपनी गति को कम करता है।
- इसरो ने कहा कि पहली बार ऐसी तकनीक विकसित की गई है, जिसमें स्पेंट स्टेज रिकवरी को ध्यान में रखा जाता है।
- इतना ही नहीं, भविष्य में अंतरिक्ष में मनुष्य को भेजने के अभियान में भी इस तकनीक से सहायता मिलेगी।
अंतरिक्ष यान को किसी ग्रह पर लैंड करने की प्रक्रिया:
- अंतरिक्ष यान को किसी ग्रह पर लैंड कराना एक जटिल प्रक्रिया है।
- संबंधित ग्रह के वातावरण से लेकर अन्य सभी परिस्थितियों के अनुरूप यान को अपनी गति एवं ऊंचाई को नियंत्रित करते हुए लैंड करना होता है।
- चंद्रयान-2 का लैंडर आखिरी क्षणों में क्रैश हो गया था।
- अब इसरो ने इस दिशा में उन्नत तकनीक का परीक्षण किया है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS-3, के “विज्ञान और प्रौद्योगिकी– अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।