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भारत का विदेशी कर्ज 8.2 प्रतिशत बढ़कर हुआ 620.7 अरब डॉलर

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भारत का विदेशी कर्ज 8.2 प्रतिशत बढ़कर हुआ 620.7 अरब डॉलर

  • भारत का विदेशी कर्ज मार्च, 2022 के अंत में एक साल पहले की तुलना में2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डॉलर हो गया
  • वित्त मंत्रालय की ओर से 2 सितंबर 2022 को जारी आंकड़ों के अनुसार:

  • देश के इस बाहरी कर्ज का2 प्रतिशत हिस्सा डॉलर के तौर पर है ।
  • भारतीय रुपये के रूप में देय कर्ज2 प्रतिशत है।
  • एक साल पहले की तुलना में सावरेन कर्ज1 प्रतिशत बढ़कर 130.7 अरब डालर हो गया
  • जबकि गैसावरेन ऋण1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 490.0 अरब डॉलर रहा
  • वाणिज्यिक उधारी7 प्रतिशत बढ़कर 209.71 अरब डॉलर
  • अल्पावधि का व्यापार ऋण5 प्रतिशत बढ़कर 117.4 अरब डॉलर रहा।
  • देश का दीर्घावधि कर्ज1 अरब डॉलर है जो कु बाहरी कर्ज का 80.4 प्रतिशत है ।
  • जबकि7 अरब डॉलर के साथ अल्पावधि ऋण की हिस्सेदारी 19.6 प्रतिशत है।

विदेशी ऋण बेहतर प्रबंधित है:

  • उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय का मानना है कि भारत का बाहरी कर्ज सतत और बेहतर तरीके से प्रबंधित है
  • मार्च, 2022 के अंत में इसका आकार7 अरब डॉलर था जो एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत अधिक है।
  • जीडीपी के अनुपात में विदेशी कर्ज9 प्रतिशत था। विदेशी मुद्रा भंडार और बाहरी कर्ज का अनुपात 97.8 प्रतिशत था।
  • हालांकि बाहरी कर्ज के अनुपात के तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार का8 प्रतिशत पर होना एक साल पहले के 100.6 प्रतिशत की तुलना में गिरावट को दर्शाता है।

Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के भारतीय अर्थव्यवस्था और  संसाधन जुटाने, संवृद्धि, विकास से संबंधित मुद्देवाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।

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