महंगाई कम करने में केंद्र के साथ राज्यों को भी निभानी होगी भूमिका: सीतारमण
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि महंगाई कम करने की जिम्मेदारी सिर्फ केंद्र के भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती है और राज्यों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी।
- उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महंगाई कम करने के उद्देश्य से दो बार वर्ष 2021 के नवंबर में और वर्ष 2022 के मई महीने में पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती की, ताकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमत का कम से कम भार उपभोक्ताओं पर पड़े।
- हालांकि कई राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर अपने टैक्स में कोई कटौती नहीं की।
- खास बात यह है कि जिन राज्यों ने अपने टैक्स में कटौती नहीं की, उन राज्यों की महंगाई दर राष्ट्रीय दर से अधिक है।
- सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू होने, टोल टैक्स को खत्म करने और एक राज्य से दूसरे राज्य में बिना किसी रोकटोक के वस्तुओं की आवाजाही की इजाजत के बावजूद राज्यों की महंगाई दर अलग–अलग होती है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि गत जुलाई माह की खुदरा महंगाई दर71 प्रतिशत दर्ज की गई थी जबकि इस अवधि में कई राज्यों की महंगाई दर आठ प्रतिशत से ऊपर रही। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में महंगाई कम करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं, वहां के लोगों को महंगाई ज्यादा सता रही है।
- सीतारमण ने कहा कि महंगाई प्रबंधन के तहत रूस से छूट के साथ तेल की खरीदारी की गई और तेल के कुल आयात में मात्र दो–तीन महीने में रूस की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से 13 प्रतिशत पर पहुंच गई।
Note: यह सूचना मेंस के GS -3, के “भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाने, संवृद्धि, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।