11 उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को EVM बर्न मेमोरी सत्यापित करने के लिए आवेदन दिया:
चर्चा में क्यों है?
- चुनाव आयोग ने 20 जून को कहा कि उसे हाल के चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम की बर्न मेमोरी/माइक्रोचिप के सत्यापन के लिए 11 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें लोकसभा चुनावों के लिए आठ और विधानसभा चुनावों के लिए तीन आवेदन शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि सत्यापन का यह उपाय अप्रैल माह में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हारने वाले उम्मीदवारों (दूसरे और तीसरे स्थान) के लिए उपलब्ध कराया गया था। उम्मीदवारों को सत्यापन प्रक्रिया का खर्च वहन करना होगा, लेकिन अगर कोई छेड़छाड़ पाई जाती है तो उन्हें पैसे वापस कर दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या निर्देश दिया थे?
- न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने अपने फैसले (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम भारत निर्वाचन आयोग, 26 अप्रैल, 2024) में ईवीएम-वीवीपीएटी प्रणाली को बरकरार रखते हुए दायर याचिका को खारिज करते हुए, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को निर्देश दिया कि वह दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों को इस्तेमाल ईवीएम की बर्न मेमोरी/माइक्रोचिप के सत्यापन की अनुमति दे।
- साथ ही किसी विधानसभा क्षेत्र या लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा खंड में ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों की अधिकतम 5% तक की जांच की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि उक्त सत्यापन के लिए वास्तविक लागत या व्यय ईसीआई द्वारा अधिसूचित किया जाएगा, और उक्त अनुरोध करने वाला उम्मीदवार ऐसे खर्चों का भुगतान करना होगा। यदि ईवीएम में छेड़छाड़ पाई जाती है, तो खर्च वापस कर दिया जाएगा।
चुनाव आयोग द्वारा सत्यापन के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी?
- चुनाव आयोग ने अभी तक तकनीकी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अंतिम रूप नहीं दिया है। हालांकि 1 जून को चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट की जली हुई मेमोरी की जांच और सत्यापन के लिए प्रशासनिक एसओपी जारी किया।
- इसमें निम्नलिखित बिंदु निर्धारित किए गए थे:
- एसओपी में कहा गया है कि जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) इस प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होंगे।
- दूसरे और तीसरे दोनों उम्मीदवारों को यह अनुरोध करने का अवसर मिलेगा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र/लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधानसभा खंड में 5% तक ईवीएम और वीवीपैट की जाँच की जाए। हालांकि, अगर ये दोनों उम्मीदवार अनुरोध करते हैं, तो उनमें से प्रत्येक को 2.5% ईवीएम सत्यापित करने की अनुमति होगी।
- उम्मीदवारों को संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखित रूप में अनुरोध करना होगा तथा संबंधित निर्माता को ईवीएम के प्रत्येक सेट के लिए 40,000 रुपये (18% जीएसटी सहित) जमा कराना होगा।
- जाँच चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद 45 दिन की अवधि के अंत में शुरू होगी, जिसके दौरान किसी भी उम्मीदवार या मतदाता द्वारा परिणाम के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की जा सकती है।
- जांच तभी शुरू होगी जब कोई चुनाव याचिका दायर नहीं की गई हो। अगर कोई याचिका दायर की गई है, तो जांच तभी शुरू होगी जब अदालत विशेष रूप से जांच शुरू करने की अनुमति देने वाला आदेश जारी करेगी।
- जांच निर्माताओं के प्रतिष्ठानों के भीतर निर्दिष्ट हॉल में की जाएगी, जहां आवश्यक स्ट्रांग रूम और सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। हॉल के अंदर सेल फोन और कैमरे सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की अनुमति नहीं होगी। हॉल में एक ही प्रवेश और निकास द्वार होगा, जहाँ सशस्त्र पुलिस बल की कम से कम एक टुकड़ी तैनात होगी।
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