पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान की व्यवस्था:
चर्चा में क्यों है?
- हर घंटे अपडेट होने वाले पांच दिवसीय मौसम पूर्वानुमान अब ग्राम पंचायतों के स्तर पर उपलब्ध हैं – यह देश भर में स्थानीय पूर्वानुमान की दिशा में पहला बड़ा कदम है।
- इस पहल का औपचारिक शुभारंभ पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने 24 अक्टूबर शाम को किया।
ग्राम पंचायत-स्तरीय मौसम पूर्वानुमान पहल क्या है?
- ग्राम पंचायत-स्तरीय मौसम पूर्वानुमान नामक यह पहल पंचायती राज मंत्रालय, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का एक संयुक्त कार्यक्रम है।
- पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य “ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना और जमीनी स्तर पर आपदा की तैयारियों को बढ़ाना है, और इससे देश भर के किसानों और ग्रामीणों को लाभ होगा”।
- यह जमीनी स्तर पर शासन को मजबूत करेगा और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देगा, जिससे ग्रामीण आबादी अधिक जलवायु-लचीली बनेगी और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होगी।
पूर्वानुमान क्या होगा, और पूर्वानुमान कहाँ उपलब्ध होंगे?
- ई-ग्रामस्वराज और ग्राममंचित्र पोर्टल तथा मेरी पंचायत ऐप पर प्रति घंटे पूर्वानुमान उपलब्ध होंगे। ई-ग्रामस्वराज पहले से ही चालू है।
- उपयोगकर्ता ग्राम पंचायतों के स्तर पर वर्तमान तापमान, हवा की गति, बादल छाए रहने (प्रतिशत में), वर्षा और सापेक्ष आर्द्रता; न्यूनतम और अधिकतम तापमान, वर्षा, बादल कवर, हवा की दिशा और हवा की गति, और समग्र मौसम पूर्वानुमान का पांच दिवसीय पूर्वानुमान से जुड़े डेटा देख सकते हैं।
मौसम के ग्राम स्तरीय पूर्वानुमानों से क्या लाभ होगा?
- सबसे सीधे तरीके से कहे तो यह जानकारी किसानों को बुवाई, सिंचाई, कटाई आदि से जुड़े गतिविधियों की बेहतर योजना बनाने में मदद करेगी।
- पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार चूंकि मौसम का मिजाज तेजी से अप्रत्याशित होता जा रहा है, इसलिए ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान की शुरुआत कृषि आजीविका की सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ ग्रामीण तैयारियों को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करेगी।
- ग्राम पंचायतों को तापमान, वर्षा, हवा की गति और बादल कवर के बारे में दैनिक अपडेट प्राप्त होंगे, जिससे उन्हें कृषि में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद मिलेगी, जैसे कि बुवाई, सिंचाई और कटाई की गतिविधियों की योजना बनाना आदि।
स्थानीय स्तर पर मौसम पूर्वानुमान क्यों महत्वपूर्ण है?
- मौसम पूर्वानुमान में की गई महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, मौसम पूर्वानुमान के विज्ञान में अनिश्चितता अंतर्निहित रहती हैं।
- किसी मौसमी घटना के स्थानिक प्रसार या समय-खिड़की के संदर्भ में पूर्वानुमान जितना अधिक सटीक होगा, मौसम की अनिश्चितता उतनी ही अधिक होगी। साथ ही, पूर्वानुमान जितना पहले होगा, उतना ही उसके कम सटीक होने की संभावना है।
- आमतौर पर बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में फैली बड़ी प्रणालियों की भविष्यवाणी करना आसान होता है, जैसे कि भारतीय मानसून, या बंगाल की खाड़ी में विकसित होने वाला चक्रवात, या कई राज्यों को कवर करने वाली गर्मी की लहर। लेकिन बादल फटने जैसी अचानक, स्थानीय घटनाओं की भविष्यवाणी करना अधिक कठिन है।
- ऐसे इस तरह के स्थानीय मौसम पूर्वानुमान किसानों के छोटे समुदायों को भी अधिक आत्मविश्वास के साथ अपनी आर्थिक गतिविधियों की योजना बनाने में मदद कर सकते हैं।
भारत की स्थानीय मौसम पूर्वानुमान क्षमता कितनी सटीक हैं?
- अभी तक, मौसम पूर्वानुमान जिला और ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध है।
- पिछले कुछ वर्षों में, IMD ने अपने पूर्वानुमानों को अधिक से अधिक सटीक रूप से केंद्रित करने पर काम किया है। वर्तमान में यह 12 किमी x 12 किमी क्षेत्र में मौसम की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने की क्षमता रखता है, और 3 किमी x 3 किमी ग्रिड के लिए प्रायोगिक पूर्वानुमानों की कोशिश कर रहा है, जिसका अंतिम उद्देश्य 1 किमी x 1 किमी क्षेत्रों के लिए हाइपर-लोकल पूर्वानुमान बनाना है।
- उल्लेखनीय है कि मौसम प्रणालियों में जलवायु परिवर्तन से प्रेरित अप्रत्याशितता से निपटने के लिए स्थानीय पूर्वानुमान महत्वपूर्ण हैं।
साभार: द इंडियन एक्सप्रेस
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