Register For UPSC IAS New Batch

IMF के नवीनतम ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ में भारत और विश्व को लेकर अनुमान:

For Latest Updates, Current Affairs & Knowledgeable Content.

IMF के नवीनतम ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ में भारत और विश्व को लेकर अनुमान:

विश्व आर्थिक परिदृश्य (WEO) के बारे में:

  • विश्व आर्थिक परिदृश्य (WEO) IMF कर्मचारियों द्वारा किया जाने वाला एक सर्वेक्षण है, जिसे आमतौर पर वर्ष में दो बार प्रकाशित किया जाता है।
  • यह निकट और मध्यम अवधि में विश्व अर्थव्यवस्था के विश्लेषण और अनुमान प्रस्तुत करता है, जो IMF द्वारा अपने सदस्य देशों और वैश्विक आर्थिक प्रणाली में आर्थिक विकास और नीतियों की निगरानी के अभिन्न अंग हैं।
  • इसमें उन्नत, उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार किया जाता है, और वर्तमान रुचि के विषयों को संबोधित किया जाता है।

भारत को लेकर अनुमान:

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 22 अक्टूबर को जारी अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के लिए विकास अनुमान को 7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हालांकि, यह पूर्वानुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्वानुमान से 20 आधार अंक (bps) कम है। अगले वित्त वर्ष के लिए भी, IMF ने भारत के विकास के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
  • IMF के अनुसार “भारत में, जीडीपी वृद्धि के लिए परिदृश्य वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत से वित्त वर्ष 2024-25 में 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत तक कम होने का है, क्योंकि महामारी के दौरान जमा हुई दबी हुई मांग समाप्त हो गई है, और अर्थव्यवस्था अपनी क्षमता से फिर से जुड़ रही है”।

विश्व को लेकर अनुमान: 

  • IMF ने अपने नवीनतम पूर्वानुमान में बताया है कि वैश्विक विकास का परिदृश्य बेहतर हुआ है, लेकिन अभी भी मध्यम अवधि की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • वैश्विक स्तर पर, IMF ने चालू वर्ष और अगले वर्ष के लिए दुनिया की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को 3.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जो की उसके जुलाई में किये गए अगले वर्ष के अनुमान में 10 BPS की कटौती है।
  • IMF ने इस वर्ष के लिए अमेरिका के विकास अनुमान को 20 BPS बढ़ाकर 2.8 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन चीन के पूर्वानुमान को 20 BPS घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। 2023 में, अमेरिका और चीन दोनों की अर्थव्यवस्था क्रमशः 2.8 प्रतिशत और 4.8 प्रतिशत बढ़ी थीं।

वैश्विक परिदृश्य के लिए जोखिम की परिस्थितियां:

  • IMF का मानना है कि वैश्विक स्तर पर नीति अनिश्चितता बढ़ने के कारण वैश्विक परिदृश्य के लिए जोखिम का खतरा बढ़ा हुआ है।
  • वैश्विक वित्तीय बाजार में अचानक होने वाली अस्थिरता – जैसा कि अगस्त की शुरुआत में अनुभव किया गया था – कड़े वित्तीय नीतियों ला सकती है जो बदले में निवेश तथा विकास को प्रभावित कर सकती है, खासकर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में, जहां निकट अवधि में बाहरी वित्तपोषण की बड़ी जरूरतें है और यह परिस्थिति पूंजी बहिर्वाह और ऋण संकट को बढ़ावा दे सकती हैं।
  • साथ ही निरंतर भू-राजनीतिक तनावों के बीच कमोडिटी की कीमतों में नए उछाल से संभावित रूप से अवस्फीति प्रक्रिया में और व्यवधान केंद्रीय बैंकों को मौद्रिक नीति को आसान बनाने से रोक सकता है, जो राजकोषीय नीति और वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश करेगा।
  • इसके अतिरिक्त, चीन के संपत्ति क्षेत्र में गहरा या अपेक्षा से अधिक लंबा संकुचन की स्थिति, खासकर अगर यह वित्तीय अस्थिरता की ओर ले जाता है, तो उपभोक्ता भावना को कमजोर कर सकता है और वैश्विक व्यापार में चीन के बड़े पदचिह्न को देखते हुए नकारात्मक वैश्विक स्पिलओवर उत्पन्न कर सकता है।

 

नोट : आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए Vajirao & Reddy Institute के साथ जुडें.

नोट : हम रविवार को छोड़कर दैनिक आधार पर करेंट अफेयर्स अपलोड करते हैं

Read Current Affairs in English

Request Callback

Fill out the form, and we will be in touch shortly.

Call Now Button