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आव्रजन और विदेशी विधेयक – 2025, लोकसभा में ध्वनिमत से पारित:

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आव्रजन और विदेशी विधेयक – 2025, लोकसभा में ध्वनिमत से पारित:

‘भारत कोई धर्मशाला नहीं’:

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 मार्च को लोकसभा में कहा कि जो लोग व्यापार, शिक्षा और निवेश के लिए भारत आते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि देश कोई धर्मशाला नहीं है।
  • उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री शाह ने यह टिप्पणी लोकसभा में आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 पर बहस का जवाब देते हुए कही। बाद में विधेयक को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

आव्रजन और विदेशी विधेयक की आवश्यकता क्यों है?

  • केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, विनिर्माण और व्यापार को बढ़ावा देने, शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मान्यता दिलाने और विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाने में मदद करने के लिए आवश्यक है।
  • यह विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि भारत आने वाले प्रत्येक विदेशी के बारे में नवीनतम जानकारी मिले।
  • केंद्रीय गृह मंत्री ने म्यांमार और बांग्लादेश से रोहिंग्याओं द्वारा भारत में अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर बात करते हुए, रेखांकित किया कि निजी लाभ के लिए भारत में शरण लेने वाले ऐसे लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे देश असुरक्षित हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर घुसपैठिए भारत में अशांति फैलाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आव्रजन एवं विदेशी विधेयक, 2025 के प्रमुख प्रावधान:

  • आव्रजन एवं विदेशी विधेयक, 2025 के अनुसार, भारत में प्रवेश करने या देश में रहने या देश से बाहर जाने के लिए जाली पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करते हुए पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को सात वर्ष तक की जेल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • प्रस्तावित कानून में होटल, विश्वविद्यालय, अन्य शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल और नर्सिंग होम द्वारा विदेशियों के बारे में जानकारी अनिवार्य रूप से देने का प्रावधान है, ताकि निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों पर नजर रखी जा सके।
  • यह विधेयक केंद्र सरकार को उन स्थानों पर नियंत्रण करने का अधिकार देता है जहां “विदेशियों का अक्सर आना-जाना लगा रहता है” तथा इसके तहत मालिक को परिसर को बंद करने, निर्दिष्ट शर्तों के तहत इसके उपयोग की अनुमति देने, या सभी या “निर्दिष्ट वर्ग” के विदेशियों को प्रवेश देने से मना करने का अधिकार दिया गया है।
  • कोई भी विदेशी व्यक्ति जो कानून के प्रावधानों के किसी नियम या आदेश का उल्लंघन करते हुए वैध पासपोर्ट या वीजा सहित अन्य यात्रा दस्तावेज के बिना भारत के किसी भी क्षेत्र में प्रवेश करता है, उसे पांच वर्ष तक की कैद या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

आव्रजन से संबंधित वर्तमान कानूनों का निरस्तीकरण:

  • इसके विधेयक के तहत वर्तमान में विदेशियों और आव्रजन से संबंधित मामलों को जिन चार कानूनों – पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920; विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939; विदेशी अधिनियम, 1946; और आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम, 2000 –  के माध्‍यम से प्रशासित किया जाता है, उन सभी कानूनों को अब निरस्त करने का प्रस्ताव है।
  • यद्यपि इस विधेयक में सरलीकरण और सामंजस्य के बाद निरस्त किए जाने वाले चार अधिनियमों के कई विद्यमान प्रावधान शामिल हैं, लेकिन इसमें वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ नए प्रावधान भी हैं।

 

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