FATF के पारस्परिक मूल्यांकन 2023-24 में भारत का ‘उत्कृष्ट प्रदर्शन’:
चर्चा में क्यों है?
- वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने 28 जून को एक बयान में कहा कि भारत ने वैश्विक धन शोधन निरोधक निगरानी संस्था FATF की आवश्यकताओं के साथ “उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन” हासिल कर लिया है। भारत की धन शोधन निरोधक और आतंकवाद निरोधक (AML/CFT) व्यवस्था “अच्छे परिणाम” प्राप्त कर रही है।
- साथ ही FATF ने भारत के लिए कुछ गैर-वित्तीय क्षेत्रों में निवारक उपायों के पर्यवेक्षण और कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए आवश्यक कई उपायों को सूचीबद्ध किया।
- उल्लेखनीय है कि भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट, जिसे 26 जून और 28 जून को सिंगापुर में आयोजित FATF प्लेनरी में अपनाया गया, भारत को “नियमित अनुवर्ती” श्रेणी में रखती है, यह वह स्थान है जिसे केवल चार अन्य जी-20 देशों ने साझा किया है।
भारत का FATF मानदंडों के साथ उच्च स्तर का अनुपालन:
- वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) के अनुसार भारत अपनी आवश्यकताओं के साथ तकनीकी अनुपालन के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। देश की धन शोधन विरोधी, आतंकवाद के वित्तपोषण रोधी और नकली मुद्रा रोधी व्यवस्था, अच्छे परिणाम प्राप्त कर रही है। इस व्यवस्था में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, बुनियादी और लाभकारी स्वामित्व की जानकारी तक पहुंच, वित्तीय खुफिया जानकारी का उपयोग और अपराधियों को उनकी संपत्ति से वंचित करना आदि भी शामिल हैं।
- अन्य बातों के अलावा, FATF ने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और संगठित अपराध से प्राप्त आय के शोधन सहित धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को कम करने के मुद्दे पर भारत द्वारा किए गए प्रयासों और धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण जोखिमों को कम करने के लिए नकदी से डिजिटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिए भारत द्वारा लागू किए गए प्रभावी उपायों को मान्यता दी है।
भारत में कुछ गैर-वित्तीय क्षेत्रों क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता:
- हालांकि, FATF ने पाया कि कुछ गैर-वित्तीय क्षेत्रों में निवारक उपायों के पर्यवेक्षण और कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए सुधार की आवश्यकता है।
- भारत को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े अभियोगों से संबंधित देरी को भी संबोधित करने की आवश्यकता है, और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि गैर-लाभकारी क्षेत्र को आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए दुरुपयोग से रोकने के उद्देश्य से आतंकवाद के वित्तपोषण रोधी उपायों को जोखिम-आधारित दृष्टिकोण के अनुरूप लागू किया जाए, जिसमें गैर लाभकारी संगठनों को उनके आतंकवाद के वित्तपोषण से जोखिमों के बारे में बताना शामिल है।
गैर सरकारी संगठनों (NGO) पर हालिया कार्रवाई:
- उल्लेखनीय है FATF की उपरोक्त टिप्पणी प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 2022 में एमनेस्टी इंटरनेशनल के 1.54 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क करने के बाद आई है। यह संपत्ति मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में जब्त की गई है। प्रवर्तन निदेशालय का यह मामला FCRA के कथित उल्लंघन के लिए एमनेस्टी के खिलाफ CBI की FIR पर आधारित है।
- 2015 में, भारत सरकार ने ग्रीनपीस इंडिया के लाइसेंस को छह महीने के लिए निलंबित करके उसे मिलने वाले विदेशी फंडिंग को रोक दिया था। गृह मंत्रालय ने यह निर्णय तब लिया जब पाया गया कि इस NGO ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम का उल्लंघन करके देश के सार्वजनिक हितों और आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाया है।
- इस साल की शुरुआत में, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत अपना लाइसेंस रद्द करने का अंतिम आदेश मिला।
भारत के प्रभावी कार्यान्वयन को मान्यता और इसका सकारात्मक प्रभाव:
- भारत सरकार का कहना है कि FATF म्यूचुअल इवैल्यूएशन पर भारत के प्रदर्शन ने देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण लाभ पहुँचाया है, क्योंकि इससे वित्तीय प्रणाली की समग्र स्थिरता और अखंडता को प्रदर्शित किया है।
- अच्छी रेटिंग से वैश्विक वित्तीय बाज़ारों और संस्थानों तक बेहतर पहुँच होगी और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। यह भारत की तेज भुगतान प्रणाली, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के वैश्विक विस्तार में भी मदद करेगा।
- सरकार ने कहा की FATF से यह मान्यता पिछले 10 वर्षों में भारत द्वारा अपनी वित्तीय प्रणाली को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण खतरों से सुरक्षित रखने के लिए लागू किए गए कठोर और प्रभावी उपायों का प्रमाण है। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रति देश की प्रतिबद्धता और वित्तीय अपराधों के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में इसके सक्रिय रुख को रेखांकित करता है।
- उल्लेखनीय है कि 2014 से, सरकार ने धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण और काले धन से निपटने के लिए कई विधायी परिवर्तन किए हैं और प्रवर्तन प्रयासों को मजबूत किया है। इस बहुआयामी रणनीति ने इन उपायों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया है और यह स्पष्ट रूप से प्रभावी साबित हुआ है, जिससे सकारात्मक परिणाम मिले हैं।
- भारतीय अधिकारियों को कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी का उपयोग करके आतंकी फंडिंग नेटवर्क को खत्म करने में सफलता मिली है। इन अभियानों ने आतंकी फंडिंग, काले धन और नशीले पदार्थों के प्रवाह को रोक दिया है।
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) और भारत:
- भारत, जो 2010 से FATF का सदस्य है, इसके संचालन समूह का भी सदस्य है। भारत अपने धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण विरोधी ढांचे को और मजबूत करने तथा वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए FATF में अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
- उल्लेखनीय है कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1989 में धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की शुचिता के लिए अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था के रूप में की गई थी।
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