विकसित भारत की लक्ष्य प्राप्ति के दूसरे विकास इंजन के रूप में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र:
विकसित भारत की लक्ष्य प्राप्ति यात्रा:
- वित्त मंत्री में 2025-26 के अपने बजट भाषण में अर्थव्यवस्था के विकास यात्रा के गंतव्य के रूप में ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को स्वीकारा है।
- साथ ही वित्त मंत्री द्वारा ‘विकसित भारत’ को स्पष्ट करते हुए बताया की इसमें निम्नलिखित पहलू शामिल हैं: गरीबी से मुक्ति; शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षा; बेहतरीन, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच; शत-प्रतिशत कुशल कामगार के साथ सार्थक रोजगार; आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं; और देश को ‘फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्ड’ बनाने वाले किसान।
- वित्त मंत्री के अनुसार भारत की विकास की इस यात्रा के लिए: हमारे चार शक्तिशाली इंजन है: कृषि, MSME, निवेश और निर्यात; ईंधन हैं: हमारे सुधार; हमारी मार्गदर्शक प्रेरणा है: समावेशिता; और लक्ष्य है: विकसित भारत।
- ऐसे में वित्त मंत्री द्वारा भारत की विकास की इस यात्रा के लिए दूसरे शक्तिशाली इंजन के रूप में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) पर अपने बजट में महत्वपूर्ण रूप से ध्यान दिया गया है।
MSME के लिए वर्गीकरण मानदंड में संशोधन:
- वर्तमान में 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाले और हमारे विनिर्माण में 36 प्रतिशत का योगदान करने वाले 1 करोड़ से अधिक पंजीकृत MSME मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के प्रयास कर रहे हैं। ये MSME अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ हमारे निर्यात में 45 प्रतिशत योगदान कर रहे हैं।
- MSME को अधिक व्यापक पैमाने पर दक्षता, प्रौद्योगिकी उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच की सुविधा पाने में उनकी सहायता करने के उद्देश्य से सभी MSME के लिए वर्गीकरण से संबंधित निवेश और कारोबार की सीमाओं को क्रमशः 2.5 और 2 गुणा तक बढ़ाया जाएगा। इससे उन्हें बड़े उद्यम बनने और हमारे युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने का आत्मविश्वास प्राप्त होगा।
MSME के लिए गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता में वृद्धि:
- MSME को ऋण तक पहुंच में सुधार करने के लिए, ऋण गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा। इसके तहत:
- सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए, 5 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तक, जिससे अगले 5 वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण मिलेगा;
- स्टार्टअप्स के लिए, 10 करोड़ रुपये से 20 करोड़ रुपये तक, आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण 27 फोकस क्षेत्रों में ऋण के लिए गारंटी शुल्क को 1 प्रतिशत तक कम किया जाएगा; और
- अच्छी तरह से संचालित निर्यातक MSME के लिए, 20 करोड़ रुपये तक के सावधि ऋण के लिए।
स्टार्टअप के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स’:
- स्टार्टअप के लिए वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) को 91,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुए हैं।
- इन्हें 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी योगदान से स्थापित ‘फंड ऑफ फंड्स’ द्वारा समर्थित किया जाता है। अब, विस्तारित दायरे और 10,000 करोड़ रुपये के नए योगदान के साथ एक नया फंड ऑफ फंड्स स्थापित किया जाएगा।
पहली बार उद्यम करने वालों के लिए योजना:
- पहली बार उद्यम करने वाले 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
- इस योजना में सफल स्टैंड-अप इंडिया योजना से सीख ली जाएगी। उद्यमिता और प्रबंधकीय कौशल के लिए ऑनलाइन क्षमता निर्माण का भी आयोजन किया जाएगा।
फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र के लिए ‘फोकस उत्पाद योजना’:
- भारत के फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए, एक फोकस उत्पाद योजना लागू की जाएगी।
- यह योजना चमड़े के फुटवियर और उत्पादों के समर्थन के अलावा गैर-चमड़े की गुणवत्ता वाले फुटवियर के उत्पादन के लिए आवश्यक डिजाइन क्षमता, घटक विनिर्माण और मशीनरी का समर्थन करेगी।
- इस योजना से 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने, 4 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने और 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात होने की उम्मीद है।
खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय:
- खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के आधार पर, भारत सरकार भारत को ‘खिलौनों के लिए वैश्विक केंद्र’ बनाने के लिए एक योजना लागू करेगी।
- यह योजना क्लस्टर, कौशल और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी जो उच्च गुणवत्ता वाले, अद्वितीय, अभिनव और टिकाऊ खिलौने बनाएगी जो ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे।
‘राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान’ की स्थापना:
- पिछले वर्ष के बजट में घोषित ‘पूर्वोदय’ योजना के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप, भारत सरकार बिहार में ‘राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान’ की स्थापना करेगी।
- यह संस्थान पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को मजबूती प्रदान करेगा। इससे:
- किसानों की उपज में मूल्य संवर्धन के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि होगी, और
- युवाओं के लिए कौशल, उद्यमिता और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
‘राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन’:
- बजट 2025-26 में वित्तमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए ‘राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन’ की स्थापना की घोषणा की है। भारत सरकार केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के लिए नीति समर्थन, कार्यान्वयन रोडमैप, शासन और निगरानी ढांचा प्रदान करेगी।
- इस मिशन में 5 फोकस क्षेत्र शामिल होंगे:
- व्यवसाय करने की सुगमता और लागत;
- मांग वाली नौकरियों के लिए भावी तैयार कार्यबल;
- जीवंत और गतिशील MSME क्षेत्र;
- प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और
- गुणवत्ता युक्त उत्पाद
- ‘स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण’ पर बल: ‘राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन’ स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण को भी सहायता प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य घरेलू मूल्यवर्धन में पर्याप्त सुधार करना और सोलर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटरों और कंट्रोलरों, इलेक्ट्रोलाइजरों, विंड टर्बाइनों, अत्यधिक वोल्टेज वाले ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड स्केल बैटरियों का इकोसिस्टम तैयार करना होगा।
नोट : आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए Vajirao & Reddy Institute के साथ जुडें.
नोट : हम रविवार को छोड़कर दैनिक आधार पर करेंट अफेयर्स अपलोड करते हैं
Read Current Affairs in English ⇒