
भारत के संविधान में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों का क्या अर्थ है, और वे प्रस्तावना का हिस्सा कैसे बने?
भारत के संविधान में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों का क्या अर्थ है, और वे प्रस्तावना का हिस्सा कैसे बने? संदर्भ: आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य