Register For UPSC IAS New Batch

इजरायल द्वारा ईरान पर किया गया जवाबी हमला:

For Latest Updates, Current Affairs & Knowledgeable Content.

इजरायल द्वारा ईरान पर किया गया जवाबी हमला:

चर्चा में क्यों है?

  • इजराइल द्वारा 26 अक्टूबर को सुबह-सुबह ईरान के कुल 14 “सैन्य ठिकानों” पर हवाई हमले किए है। इजराइल रक्षा बलों ने कहा कि यह हमला 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा उसके क्षेत्र में किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में किया गया।
  • इजरायल का यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब मध्य पूर्व, आतंकवादी हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर किए गए पहले हमले के बाद एक पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध के कगार पर खड़ा है।
  • उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष हमास के हमले के बाद, इजरायल ने गाजा पट्टी में प्रत्यक्ष जमीनी हमला किया तथा पड़ोसी देश लेबनान पर आक्रमण किया, जिसमें ईरान द्वारा सहायता प्राप्त तथा लम्बे समय से सशस्त्र आतंकवादियों को निशाना बनाया गया।

इजरायल ने ईरान पर हमला क्यों किया?

  • इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य ठिकानों पर किया गया हमला इस महीने की शुरुआत में इजरायली क्षेत्र पर ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमलों का बदला लेने के लिए किया गया है।
  • ईरान के हवाई हमलों के तुरंत बाद, इजरायल ने ईरान से बदला लेने की कसम खाई, जिसने हमास-इजरायल युद्ध में सीधे प्रवेश किया था।
  • यह हमला कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि इजरायल लगातार ईरान को जवाबी हमले की चेतावनी देता रहा है।
  • 1979 में ईरान क्रांति के बाद से ही दोनों देशों के बीच मतभेद रहे हैं, जिसके कारण वहां एक सख्त इस्लामी सरकार बनी, जो अमेरिकी हितों से अलग थी।

ईरान पर हवाई हमले की पुष्टि:

  • इजरायल के ईरान पर हवाई हमले के दौरान ईरान की राजधानी तेहरान में धमाकों की आवाज़ें सुनी जा सकती थी। सरकारी मीडिया ने धमाकों की बात स्वीकार की है।
  • तेहरान में एक स्थानीय निवासी ने को बताया कि इजरायली रॉकेट हमलों के बाद कम से कम सात विस्फोटों की आवाज सुनी गई।
  • फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि हाल ही में हुए हमलों की खबर फैलते ही पश्चिमी ईरान के आसपास की अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का मार्ग बदल दिया गया।

इजराइल ने ईरान में सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किया:

  • इज़राइल ने पुष्टि की है कि उसने शनिवार को स्थानीय समयानुसार सुबह-सुबह “ईरान में सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले” किए हैं।
  • इज़राइल का कहना है कि उसके विमानों ने मिसाइल निर्माण सुविधाओं के साथ-साथ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को भी निशाना बनाया। वहीं अन्य लोगों का भी मानना है कि प्रारंभिक हमले सैन्य स्थलों तक ही सीमित प्रतीत हो रहे हैं, ईरानी परमाणु सुविधाओं या तेल क्षेत्रों तक नहीं।

इजराइल के हमले पर अमेरिकी प्रतिक्रिया:

  • राष्ट्रपति जो बिडेन के प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईरान पर इजरायल का लक्षित, जवाबी हमला दोनों देशों के बीच आगे-पीछे की प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई का अंतिम हमला होने की उम्मीद है। इससे इजरायल और ईरान के बीच प्रत्यक्ष सैन्य आदान-प्रदान का अंत हो जाना चाहिए।
  • अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति बिडेन और उनकी सुरक्षा टीम ने “हाल के हफ्तों में इजरायल के साथ काम किया, ताकि इजरायल को लक्षित और आनुपातिक प्रतिक्रिया करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, जिसमें नागरिकों को कम नुकसान होने का जोखिम हो और ठीक यही हुआ भी है”।
  • पिछले सप्ताह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत में राष्ट्रपति बिडेन ने कहा था कि किसी भी हमले का उद्देश्य इजरायल के खिलाफ आगे होने वाले हमलों को रोकना तथा तनाव बढ़ने के जोखिम को कम करना होना चाहिए।

ईरान द्वारा हमले को लेकर प्रतिक्रिया:

  • ईरान के राष्ट्रीय रक्षा एजेंसियों ने कहा कि ईरान में इससे कुछ क्षेत्रों में “सीमित क्षति” हुई है। यह भी स्वीकार किया कि इजरायल ने राजधानी तेहरान के साथ-साथ खुज़ेस्तान और इलम प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया तथा इसे “उत्तेजक हमला” बताया।
  • साथ ही ईरानी अधिकारियों ने कहा कि वे इजरायली सेना द्वारा ईरान पर हवाई हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि ईरान ने पहले भी इजरायल को चेतावनी दी थी कि उनके देश के खिलाफ की गई कोई भी कार्रवाई जवाबी कार्रवाई की मांग करेगी।

इजरायल की ईरान पर हमला को लेकर सैन्य क्षमताएं क्या हैं?

  • इजराइल ने अपने इस हमले था अन्य हमलों में यह दिखाया कि वह लंबी दूरी तक हवाई हमले करने में सक्षम है।
  • सितंबर के अंत में यमन में हूतियों के खिलाफ मामलों में, इजरायली सेना ने बिजली संयंत्रों और शिपिंग बुनियादी ढांचे पर हमला करने के लिए 1600 किलोमीटर से ज़्यादा दूरी की उड़ान भरी, जिसमें टोही विमानों और दर्जनों लड़ाकू जेट विमानों का इस्तेमाल किया गया, जिन्हें उड़ान के दौरान ही ईंधन भरना पड़ा था।
  • हालांकि ईरान की हवाई सुरक्षा प्रणाली लेबनान और यमन की तुलना में कहीं अधिक मजबूत है, लेकिन इजरायल ने दिखा दिया है कि वह बढ़त हासिल कर सकता है।

  • इसके अतिरिक्त अप्रैल माह में, ईरान के पहले मिसाइल हमले के प्रतिशोध में, एक इजरायली हवाई हमले ने नातांज़, जो ईरान के मध्य में स्थित एक शहर है जो देश के परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण है, के पास एक S-300 एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम को क्षतिग्रस्त कर दिया था। उस हमले से यह पता चला कि इजरायल ईरान की रक्षात्मक प्रणालियों को दरकिनार कर उन्हें पंगु बना सकता है।
  • वाशिंगटन स्थित शोध संस्थान, सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के अनुसार, इजरायल के पास अतिरिक्त विकल्प भी हैं: जेरिको-2 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल, जो लगभग 3000 किलोमीटर दूर के लक्ष्य तक पहुंच सकती हैं, और जेरिको-3 इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM), जो 5000 किलोमीटर से अधिक दूरी के लक्ष्य तक पहुंच सकती हैं।

 

नोट : आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए Vajirao & Reddy Institute के साथ जुडें.

नोट : हम रविवार को छोड़कर दैनिक आधार पर करेंट अफेयर्स अपलोड करते हैं

Read Current Affairs in English

Request Callback

Fill out the form, and we will be in touch shortly.

Call Now Button