रूस और उत्तर कोरिया द्वारा ‘सुरक्षा समझौते’ पर हस्ताक्षर:
चर्चा में क्यों है?
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने 19 जून को एक नई साझेदारी पर हस्ताक्षर किए, जिसमें किसी भी देश के “आक्रामकता” का सामना करने पर पारस्परिक सहायता की शपथ भी शामिल है।
- यह समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब दोनों देश पश्चिम के साथ बढ़ते गतिरोध का सामना कर रहे हैं।
- इस समझौते को शीत युद्ध के सहयोगियों द्वारा 1961 में अपनाई गई संधि के तहत आपसी रक्षा समझौते के पुनरुद्धार के रूप में देखा जा रहा है, जिसे 1990 में तब रद्द कर दिया गया था जब सोवियत संघ ने दक्षिण कोरिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
रूस और उत्तर कोरिया के ‘सुरक्षा समझौते’ का विवरण:
- इस सौदे का विवरण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से रूस और उत्तर कोरिया के बीच सबसे मजबूत संबंध साबित हो सकता है। दोनों नेताओं ने इसे सुरक्षा, व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक तथा मानवीय संबंधों को शामिल करते हुए अपने संबंधों में एक बड़ा सुधार बताया।
- इस समझौते के अनुच्छेद 4 में कहा गया है, “यदि कोई भी पक्ष सशस्त्र आक्रमण का सामना करता है और युद्ध की स्थिति में होता है, तो दूसरा पक्ष संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 और प्रत्येक देश के कानूनों के अनुसार सैन्य और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए तुरंत सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा।”
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 में सदस्य देश को व्यक्तिगत या सामूहिक आत्मरक्षा कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।
समझौते की पृष्ठभूमि:
- यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ जब अमेरिका और उसके सहयोगी संभावित हथियार समझौते पर बढ़ती चिंता व्यक्त कर रहे हैं, जिसमें देश आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बदले में रूस को यूक्रेन में अपने युद्ध के लिए बेहद जरूरी हथियार मुहैया कराता है, जिससे उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों और मिसाइल कार्यक्रम से उत्पन्न ख़तरे को बढ़ाया जा सकता है।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया और भूतपूर्व सोवियत संघ ने 1961 में एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर उत्तर कोरिया पर हमला होता है तो मॉस्को को सैन्य हस्तक्षेप करना जरूरी हो जाता है।
- सोवियत संघ के पतन के बाद इस समझौते को रद्द कर दिया गया और 2000 में एक समझौते द्वारा प्रतिस्थापित किया गया जिसमें कमज़ोर सुरक्षा आश्वासन दिए गए थे।
रूस और उत्तर कोरिया के समझौते को लेकर वैश्विक प्रतिक्रिया:
- दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने समझौते की कथित विषय-वस्तु पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।
- अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि श्री पुतिन की उत्तर कोरिया यात्रा यह दर्शाती है कि कैसे रूस “हताशा में, उन देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है जो उसे यूक्रेन के खिलाफ शुरू किए गए आक्रामक युद्ध को जारी रखने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान कर सकते हैं”।
- जापान ने राष्ट्रपति पुतिन की सैन्य प्रौद्योगिकी पर उत्तर कोरिया के साथ सहयोग से इनकार न करने की प्रतिज्ञा के बारे में “गंभीर चिंता” व्यक्त की।
- उत्तर कोरिया के मुख्य हितैषी चीन की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
- यूक्रेनी राष्ट्रपति के सहायक मिखाइलो पोडोल्यक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रूस ने उत्तर कोरिया के हथियारों के विकास को रोकने के लिए उस पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों को “सबसे निर्लज्जतापूर्वक निरस्त” करने की अनुमति दी है।
- नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि यह समझौता दिखाता है कि सत्तावादी शक्तियां एकजुट हो रही हैं।
नोट : आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए Vajirao & Reddy Institute के साथ जुडें.
नोट : हम रविवार को छोड़कर दैनिक आधार पर करेंट अफेयर्स अपलोड करते हैं
Read Current Affairs in English ⇒