गांवों में संपत्ति कार्ड जारी करने की स्वामित्व (SVAMITVA) योजना:
चर्चा में क्यों है?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जनवरी को कहा कि केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत एक बार देश के सभी गांवों में संपत्ति कार्ड वितरित हो जाने के बाद, इससे 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधि शुरू हो सकती है।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 50,000 से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित करने के लिए एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक गांवों में 2.25 करोड़ लोगों को उनके घरों के लिए कानूनी दस्तावेज मिले हैं।
स्वामित्व (SVAMITVA) योजना क्या है?
- स्वामित्व (SVAMITVA: Survey of villages and mapping with improvised technology in village areas) योजना पंचायती राज मंत्रालय की एक नई पहल है।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों का दस्तावेजीकरण करना है ताकि वे अपनी संपत्ति का उपयोग आर्थिक उद्देश्यों के लिए कर सकें। इस योजना के तहत ड्रोन का उपयोग करके सभी ग्रामीण संपत्तियों का सर्वेक्षण किया जाता है और GIS-आधारित मानचित्र तैयार किया जाता है।
- इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर की थी। यह सर्वेक्षण 2020-2025 की अवधि में चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में किया जाएगा। संपत्ति कार्ड का वितरण 11 अक्टूबर, 2020 को शुरू हुआ।
स्वामित्व योजना का लक्ष्य क्या है?
- ग्रामीण भारत में नागरिकों को ऋण लेने और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए अपनी संपत्ति को वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में उपयोग करने में सक्षम बनाकर वित्तीय स्थिरता लाना।
- ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण।
- संपत्ति कर का निर्धारण, जो सीधे उन राज्यों में ग्राम पंचायतों को मिलेगा जहां इसे हस्तांतरित किया गया है या फिर राज्य के खजाने में जोड़ा जाएगा।
- सर्वेक्षण अवसंरचना और GIS मानचित्रों का निर्माण जिसका उपयोग किसी भी विभाग द्वारा अपने उपयोग के लिए किया जा सकता है।
- GIS मानचित्रों का उपयोग करके बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) तैयार करने में सहायता करना।
- संपत्ति संबंधी विवादों और कानूनी मामलों को कम करना।
स्वामित्व संपत्ति कार्ड का क्या लाभ है?
- पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार, इस योजना से ग्रामीण निवासियों को कई तरह से लाभ मिलता है। सबसे पहले, यह ग्रामीण परिवारों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए अपनी संपत्ति को वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में उपयोग करने में सक्षम बनाता है। 18 जनवरी को पीएम मोदी ने भी इसका जिक्र किया।
- यह संपत्ति कर के निर्धारण में मदद करता है, जो उन राज्यों में सीधे ग्राम पंचायतों को मिलता है जहां उन्हें ऐसे कर एकत्र करने का अधिकार है।
- यह योजना ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि रिकॉर्ड बनाने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। ग्राम पंचायत स्तर पर सभी संपत्ति रिकॉर्ड और नक्शे उपलब्ध हैं, जिससे गांवों के कराधान, निर्माण परमिट, अतिक्रमण हटाने आदि में मदद मिलती है।
इस योजना के कार्यान्वयन के लिए हितधारक:
- इस योजना के कार्यान्वयन में निम्नलिखित हितधारक शामिल हैं:
- नोडल मंत्रालय (पंचायती राज मंत्रालय), भारत सरकार
- भारतीय सर्वेक्षण विभाग (प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन एजेंसी)
- राज्यों का राजस्व विभाग
- राज्यों का पंचायती राज विभाग
- स्थानीय जिला प्राधिकरण
- संपत्ति का स्वामी
- ग्राम पंचायत (GP)
- राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) – GIS प्रभाग
- व्यापक डेटाबेस तैयार करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति रखने वाले अन्य विभाग (यदि कोई हो)।
स्वामित्व योजना में कितनी प्रगति हुई है?
- उल्लेखनीय है कि 2020 में, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना को 9 राज्यों- हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के लगभग 1 लाख गांवों में लागू किया गया था।
- इस योजना का उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक देश के सभी 6.62 लाख गांवों को कवर करना था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार 3.17 लाख से अधिक गाँवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। 1.53 लाख गांवों में लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं।
- यह योजना पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में पूरी तरह से संतृप्त हो चुकी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।
- पंचायत राज मंत्रालय के अनुसार, कुल 67,000 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण आबादी भूमि का सर्वेक्षण किया गया है, जिसकी कीमत 132 लाख करोड़ रुपये है, जो पहल के आर्थिक महत्व पर जोर देता है।
स्वामित्व योजना को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने की योजना:
- अब सरकार वैश्विक स्तर पर स्वामित्व योजना की सफलता को प्रदर्शित करने की योजना बना रही है।
- मार्च 2025 में, विदेश मंत्रालय के सहयोग से, MoPR ने अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया के लगभग 40 प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ भारत में भूमि प्रशासन पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई है। इस कार्यशाला का उद्देश्य दुनिया भर में इसी तरह की पहल के लिए सहयोग को बढ़ावा देते हुए सर्वोत्तम प्रथाओं और उन्नत ड्रोन और GIS प्रौद्योगिकियों को साझा करना है।
- मई 2025 में, मंत्रालय भारत की उपलब्धियों को उजागर करने और मॉडल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए वाशिंगटन में विश्व बैंक भूमि प्रशासन सम्मेलन में भाग लेने की भी योजना बना रहा है।
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