भारत में कुछ वर्षों में आम आदमी के जीवन स्तर में बहुत तेज सुधार दिखेगा: वित्त मंत्री
परिचय:
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि देश में प्रति व्यक्ति आय अगले पांच साल में दोगुनी हो जाएगी। इसके साथ ही सरकार द्वारा किए गए संरचनात्मक सुधारों के कारण लोगों के जीवन स्तर में सबसे तेज वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक असमानता में भी कमी आएगी।
- नई दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के दशक में भारत का महत्वपूर्ण आर्थिक प्रदर्शन पांच वर्षों में उसके 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक पहुंचने में साफ नजर आता है।
- साथ ही विकसित भारत विचारों, प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति के जीवंत आदान-प्रदान का केंद्र बनकर न केवल भारतीयों के लिए बल्कि शेष विश्व के लिए भी समृद्धि लाएगा।
वित्त मंत्री ने ऐसा अनुमान क्यों व्यक्त किया?
- प्रति व्यक्ति आय में तीव्र वृद्धि:
- वित्त मंत्री के अनुसार जबकि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2,730 डॉलर तक पहुँचने में 75 साल लग गए, IMF के अनुमानों के अनुसार, 2,000 डॉलर और जोड़ने में केवल पाँच साल लगेंगे।
- साथ ही आने वाले दशकों में आम आदमी के जीवन स्तर में सबसे तेज वृद्धि देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि 2047 तक जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे कर लेगा, तब नए भारतीय युग की मूल विशेषताएं विकसित देशों के समान होंगी।
- वित्त मंत्री ने आगे कहा कि ये सुधार जारी रहेंगे क्योंकि पिछले 10 वर्षों के आर्थिक तथा संरचनात्मक सुधारों के प्रभाव आने वाले वर्षों में आंकड़ों में अधिक स्पष्ट रूप से प्रकट होंगे क्योंकि अर्थव्यवस्था से कोविड-19 महामारी का झटका कम हो जाएगा।
- भारत का विकास असमानता में कमी के साथ: यह विकास असमानता में कमी के साथ हासिल किया जा रहा है, क्योंकि ग्रामीण भारत के लिए गिनी गुणांक 0.283 से घटकर 0.266 हो गया है, और शहरी क्षेत्रों के लिए यह 0.363 से घटकर 0.314 हो गया है।
- गिनी गुणांक: गिनी गुणांक आर्थिक असमानता के सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले उपायों में से एक है। गुणांक 0 से 1 (0% से 100%) के बीच कोई भी मान ले सकता है। शून्य का गुणांक जनसंख्या के भीतर आय या धन के बिल्कुल समान वितरण को इंगित करता है। एक का गुणांक एक पूर्ण असमानता का प्रतिनिधित्व करता है। हालाँकि, वास्तविक दुनिया में उपर्युक्त परिदृश्य अत्यंत दुर्लभ हैं।
भारत की विकास यात्रा के वाहक:
- वित्त मंत्री के अनुसार युवा आबादी, खपत में मजबूत वृद्धि, इनोवेशन में उछाल और एक मजबूत वित्तीय प्रणाली भारत को तेजी से बढ़ने में मदद करेगी।
- आने वाले अगले दो दशकों तक भारत में युवाओं की संख्या बढ़ेगी, जबकि इस दौरान कई विकासशील देशों की जनसंख्या में बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी। इससे भारत में खपत भी बढ़ेगा, उत्पादकता भी बढ़ेगी व निवेश भी बढ़ेगा। मध्यम वर्ग की तेजी से बढ़ती संख्या उपभोग को बढ़ाएगा।
- अन्वेषण में भारत की क्षमता काफी तेजी से बढ़ रही है। सर्विस सेक्टर में भारत की उपलब्धि इसका नतीजा है।
- भारत का वित्तीय क्षेत्र बहुत भी मजबूत स्थिति में है जो नई जरूरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने को तैयार है।
- इसके साथ ही वैश्विक हालात से भी भारत को मदद मिलेगा। क्योंकि रणनीतिक क्षेत्रों के लिए एक मजबूत व उन्नत सप्लाई चेन श्रृंखला के तौर पर भारत स्थापित होने लगा है।
भारत की विकास यात्रा की बाधाएं:
- वित्त मंत्री ने भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि एक खंडित दुनिया में भू-राजनीतिक जोखिम शामिल हैं, जहां कई लगातार संघर्ष बदतर हो सकते हैं।
- इसके अतिरिक्त टेक्नोलॉजी के आने से सभी स्तरों पर श्रमिकों पर अधिक स्थाई प्रभाव पड़ सकता है। इसके गंभीर आर्थिक और सामाजिक प्रभाव हो सकते हैं। पूरी दुनिया इससे जूझ रही है लेकिन भारत के लिए यह अधिक गंभीर है। इसकी वजह यह है कि भारत को अपनी विशाल युवा आबादी और लाखों लोगों के लिए आजीविका बनाने की आवश्यकता है।
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