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जापान में 6.9 तीव्रता वाले भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी:

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जापान में 6.9 तीव्रता वाले भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी:

चर्चा में क्यों है?

  • जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, सोमवार 13 जनवरी को दक्षिण-पश्चिमी जापान में स्थानीय समयानुसार रात 9:19 बजे क्यूशू क्षेत्र में 6.9 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया। भूकंप का केंद्र 30 किलोमीटर की गहराई पर था।
  • क्यूशू के मियाज़ाकी प्रान्त और पास के कोच्चि प्रान्त में एक मीटर ऊँची लहरों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि “रिंग ऑफ़ फायर” के साथ जापान की स्थिति इसे लगातार भूकंपों एवं सुनामी के प्रति संवेदनशील बनाती है।

सुनामी क्या होती है?

  • सुनामी, समुद्र के नीचे भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट के कारण उत्पन्न होने वाली विशाल समुद्री लहरों की एक श्रृंखला है। उल्लेखनीय है कि जब समुद्र के नीचे भूकंप आता है, तो समुद्र तल का एक बड़ा हिस्सा अचानक ऊपर या नीचे की ओर बढ़ सकता है, जिससे बड़ी मात्रा में पानी अचानक विस्थापित हो जाता है, जिससे सुनामी लहरें पैदा होती हैं।
  • नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार, “बड़ी सुनामी आमतौर पर गहरे समुद्र में शुरू होती है, जहां बड़ी मात्रा में पानी विस्थापित हो सकता है। जैसे-जैसे लहर किनारे के करीब आती है, समुद्र उथला होने के साथ-साथ ऊंची होती जाती है”।

भूकंप कैसे उत्पन्न होता है?

  • भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के हिलने के कारण होने वाले झटकों के कारण होता है। ये प्लेटें पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत जिसे क्रस्ट कहा जाता है, के अंदर गहराई में होती हैं। जब पृथ्वी की सतह के दो प्लेटें एक दूसरे के विपरीत जाते हैं या रगड़ खाते हैं, तो उसकी वजह से भूकंप आता है।
  • भूकंप केंद्र से उत्पन्न होता है, जो पृथ्वी की पपड़ी या क्रस्ट के अंदर एक जगह है। केंद्र के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर बिंदु उपरिकेंद्र है।

जापान में भूकंप और सुनामी का खतरा क्यों बना रहता है?

  • उल्लेखनीय है कि जापान ‘पैसिफिक रिंग ऑफ फायर’ के किनारे स्थित है, जो दुनिया में सबसे सक्रिय भूकंप टेक्टॉनिक बेल्ट है। यह वो इलाका है जहां दुनिया भर में आने वाले 90 प्रतिशत भूकंप रिकॉर्ड किए जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के 75 प्रतिशत ज्वालामुखी, रिंग ऑफ फायर इलाके में ही स्थित हैं।
  • जापान में चार टेक्टोनिक प्लेटों – प्रशांत प्लेट, फिलीपीन सागर प्लेट, ओखोटस्क प्लेट और यूरेशियन प्लेट – की परस्पर क्रिया के कारण भूकंप आते हैं।

रिंग ऑफ फायर क्या है?

  • रिंग ऑफ फायर मूल रूप से सैकड़ों ज्वालामुखियों और भूकंप-स्थलों की एक श्रृंखला है जो प्रशांत महासागर के साथ चलती है। यह आकार में अर्धवृत्ताकार या घोड़े की नाल जैसा है और लगभग 40,250 किलोमीटर तक फैला हुआ है।
  • यह संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया, मैक्सिको, जापान, कनाडा, ग्वाटेमाला, रूस, चिली, पेरू और फिलीपींस सहित 15 और देशों से होकर गुजरती है।

रिंग ऑफ फायर भूकंप के प्रति संवेदनशील:

  • रिंग ऑफ फायर में टेक्टोनिक प्लेटों के लगातार खिसकने, टकराने या एक दूसरे के ऊपर या नीचे जाने के कारण बहुत सारे भूकंप आते हैं। भूकंप तब आता है जब प्लेट काफी दूर चली जाती है और किनारे किसी एक दोष पर अलग हो जाते हैं।

रिंग ऑफ फायर में ज्वालामुखियों की उपस्थिति:

  • वहीं रिंग ऑफ फायर में ज्वालामुखियों का अस्तित्व टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण भी है। कई ज्वालामुखी सबडक्शन नामक प्रक्रिया के माध्यम से बने हैं। यह तब होता है जब दो प्लेटें आपस में टकराती हैं और भारी प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे दब जाती है, जिससे एक गहरी खाई बन जाती है। मूल रूप से, जब एक ‘नीचे जाने वाली’ समुद्री प्लेट [जैसे प्रशांत प्लेट] को एक गर्म मेंटल प्लेट में धकेला जाता है, तो यह गर्म हो जाती है, अस्थिर तत्व मिल जाते हैं और इससे मैग्मा बनता है। फिर मैग्मा ऊपर की प्लेट से ऊपर उठता है और सतह पर बाहर निकलता है, जिससे ज्वालामुखी बनते हैं।
  • पृथ्वी पर अधिकांश सबडक्शन ज़ोन रिंग ऑफ फायर में स्थित हैं और यही कारण है कि यहाँ बड़ी संख्या में ज्वालामुखी हैं।

 

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