Register For UPSC IAS New Batch

पर्यावरण को बचाने के साथ रोजगार भी दे सकते हैं समुद्री शैवाल

For Latest Updates, Current Affairs & Knowledgeable Content.

पर्यावरण को बचाने के साथ रोजगार भी दे सकते हैं समुद्री शैवाल

  • देश के तटीय इलाकों में लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार नीली क्रांति पर जोर दे रही है, लेकिन इसमें मुख्य फोकस मछली पालन पर है। सीवीड यानी समुद्री शैवाल ऐसा क्षेत्र है जो लोगों की आय बढ़ाने के साथ पर्यावरण को बचाने में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है।

समुद्री शैवाल या सीवीड क्या होते हैं?

  • सीवीड को समुद्री शैवाल भी कह सकते हैं। इनका उपयोग खाने के अलावा कॉस्मेटिक्स, टूथपेस्ट, आइसक्रीम, कपड़ा प्रिंटिंग, पैकेजिंग, दवा और बायो फर्टिलाइजर बनाने में होता है। ये समुद्र में कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने का काम भी करते हैं।

  • इनमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में और फैट बहुत कम होता है। ये फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भरपूर होते हैं। विटामिन सी की अधिकता के कारण सुशी के रूप में इन्हें खाया जाता हैसीवीड में ऐसा एमिनो एसिड होता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। नई खोज में इनके एंटीडायबेटिक गुणों का भी पता चला है। इसलिए इन्हें सुपरफूड कहा जाता है।
  • सीवीड में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होता है, उससे बायोएथेनॉल बना सकते हैं। इसी तरह, माइक्रो एल्गी का प्रयोग बायोडीजल बनाने में किया जा सकता है।
  • दुनिया में सीवीड के करीब 20 हजार प्रजातियां हैं। समुद्र में उनका पूरा जंगल हैभारत में इनकी 770 प्रजातियां हैं, लेकिन हर प्रजाति का कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

जलवायु परिवर्तन से बचाने में इनकी भूमिका:

  • इंडस्ट्री और गाड़ियों से कार्बन गैसें वातावरण में पहुंचती हैं। 2006-07 में हमने 13 देशों के साथ मिलकर एक कार्यक्रम बनाया था। उसका मकसद एल्गी का इस्तेमाल कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने में करना था। जमीन पर उगने वाले पेड़ जितनी कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं, समुद्री शैवाल उसका चार गुना सोख सकते हैं।

सीवीड से रोजगार और इकोनॉमी को कितना फायदा मिल सकता है?

  • जापान, कोरिया, चीन, फिलीपींस, इंडोनेशिया जैसे द्वीप देशों में 10% खाने का सामान सीवीड और सीफूड के रूप में होता है।
  • भारत में करीब 7500 किलोमीटर का समुद्र तट है, जहां बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकता है।
  • सरकार ने पहली बार सीवीड के बारे में कोई योजना घोषित की है, उसके लिए बजट आवंटन किया गया है। अभी भारत में सीवीड की खेती बहुत कम होती है
  • समुद्र में प्राकृतिक रूप से जो सीवीड उगते हैं वही निकालकर इंडस्ट्री को सप्लाई की जाती हैं। भारत में इंडस्ट्रियल डिमांड काफी अधिक है और उतनी सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसलिए हमें चीन, इंडोनेशिया जैसे देशों से सीवीड का आयात करना पड़ता है।

साभार: दैनिक जागरण

Any Doubts ? Connect With Us.

Join Our Channels

For Latest Updates & Daily Current Affairs

Related Links

Connect With US Socially

Request Callback

Fill out the form, and we will be in touch shortly.

Call Now Button