श्रीलंका को ऋण संकट से उबारने के लिए पेरिस क्लब ने एक फॉर्मूला सुझाया है
- कर्ज में डूबने की वजह से श्रीलंका पूरी तर बर्बाद हो चुका है। इसी बीच श्रीलंका को कर्ज चुकाने के लिए पेरिस क्लब ने एक फॉर्मूल सुझाया है।
- इसके मुताबिक दुनिया के उत्तरी और दक्षिणी देशों की समृद्धि के लिए पेरिस क्लब ने श्रीलंका को मौजूदा कर्ज चुकाने के लिए 10 साल की मोहलत और द्वीप राष्ट्र में मौजूदा वित्तीय संकट को हल करने के लिए एक फार्मूले के रूप में 15 साल के ऋण पुनर्गठन का प्रस्ताव दिया है।
- हालांकि, पेरिस क्लब को अभी भी औपचारिक रूप से भारत और चीन तक पहुंचना बाकी है। क्योंकि श्रीलंका ने इन दोनों देशों से कर्ज लिया है।
- इनमें चीन से श्रीलंका ने सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत ऋण लिया है। इसे देखते हुए श्रीलंका जिनपिंग शासन से अपनी ओर से बातचीत शुरू कर रहा है।
- इधर, श्रीलंका की तरफ से भारत से लिए गए कर्ज की बात करें तो उसके ऊपर लगभग 800 मिलियन अमरीकी डालर का ऋण है। मोदी सरकार ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए द्वीप राष्ट्र को चार बिलियन अमरीकी डालर की आपातकालीन सहायता प्रदान की है।
- जबकि श्रीलंका ने चीन, चीनी एक्ज़िम और चीन विकास बैंक ने श्रीलंका के साथ अरबों अमेरिकी डॉलर का ऋण लिया है, जिसमें श्रीलंका का कुल बाह्य ऋण लगभग 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- श्रीलंका सरकार का सार्वजनिक ऋण 2021 के अंत में सकल घरेलू उत्पाद के 115.3 प्रतिशत से बढ़कर जून 2022 के अंत में सकल घरेलू उत्पाद का 143.7 प्रतिशत हो गया है। जबकि 2022 के दौरान विदेशी मुद्रा मूल्यह्रास, मंदी और राजकोषीय घाटे के कारण ऋण में और वृद्धि हुई है। फिलहाल श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अभी सुधार के हालात नहीं दिखाई दे रहे हैं।
पेरिस क्लब:
- पेरिस क्लब प्रमुख देनदार देशों के अधिकारियों का एक समूह है जिसकी भूमिका लेनदार देशों द्वारा अनुभव की गई भुगतान कठिनाइयों का समन्वित और स्थायी समाधान खोजने की है। जैसा कि ऋणी देश अपने वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिति को स्थिर करने और बहाल करने के लिए सुधार कार्य करते हैं, पेरिस क्लब के देनदार एक उपयुक्त ऋण उपचार प्रदान करते हैं।
- इसके 22 स्थायी सदस्य है। भारत इसका पर्यवेक्षक देश है।