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26/11 मुंबई आतंकवादी हमले का दोषी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण और भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि:

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26/11 मुंबई आतंकवादी हमले का दोषी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण और भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि:

क्या मामला है?

  • अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च को 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की भारत को प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका खारिज कर दी। तहव्वुर राणा को 1997 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के आधार पर प्रत्यर्पित किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि तहव्वुर राणा ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दिए जाने के बाद “आपातकालीन रोक आवेदन” दायर किया था।

26/11 मुंबई आतंकवादी हमला क्या था?

  • पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के 10 आतंकवादी, भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार लेकर 26 नवंबर, 2008 को समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे और मुंबई में 9 जगहों पर कत्लेआम मचाया।
  • आतंकियों द्वारा निशाना बनाये गए जगहों में – छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, ताज होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा और टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग प्रमुख थी। इन आतंकी हमलों में 6 अमेरिकी नागरिकों सहित कुल 166 लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

कौन है मुंबई हमले का दोषी तहव्वुर राणा?

  • मुंबई पुलिस ने अपनी चार्जशीट में तहव्वुर राणा का नाम शामिल किया था। उस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक एक्टिव मेंबर के रूप में काम करने के आरोप हैं।
  • चार्जशीट में तहव्वुर राणा पर आरोप लगाया गया कि उसने 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी।
  • उल्लेखनीय है कि तहव्वुर राणा, डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद सईद गिलानी के बचपन का दोस्त है। डेविड हेडली, एक अमेरिकी नागरिक है। हेडली को अमेरिकी कोर्ट ने 24 जनवरी, 2013 को मुंबई हमलों में शामिल होने का दोषी मानते हुए 35 साल जेल की सजा सुनाई थी।
  • पाकिस्तानी सेना में एक डॉक्टर के रूप में काम करने के बाद, तहव्वुर राणा कनाडा शिफ्ट हो गया और कुछ साल बाद उसे कनाडाई नागरिकता भी मिल गई। उसने शिकागो में ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ नाम से एक कंसल्टेंसी फर्म की शुरुआत की। तहव्वुर राणा की कंपनी का एक ब्रांच मुंबई में भी था, जिसने हेडली कोलमैन हेडली को मुंबई में उन जगहों की रेकी करने में मदद की, जिसे पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 नवंबर, 2008 को निशाना बनाया था।

मुंबई हमले में शामिल आतंकियों में से किसे सजा मिलना बाकी?

  • मुंबई हमले में शामिल आतंकियों मे से अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा गया था, जिसे बाद में फांसी की सजा दी गई। इसमें डेविड हेडली, तहव्वुर राणा के अलावा एक और मास्टरमाइंड अबू जुंदाल भी इस हमले में शामिल था।
  • अबू जुंदाल आतंकी संगठन लश्कर के लिए काम करने वाला भारतीय ऑपरेटिव था। उसे 2012 में गिरफ्तार किया गया था। कसाब ने उसकी पहचान की थी। इसके बाद से वो जेल में सजा काट रहा है। वहीं तहव्वुर राणा को अभी सजा मिलना बाकी है।

भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार और भारत गणराज्य की सरकार ने 25 जून, 1997 को एक प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच सहयोग बढ़ाना और अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देना था।

संधि के मुख्य प्रावधान:

  • इस संधि के अनुसार, कोई अपराध प्रत्यर्पण योग्य है यदि वह दोनों अनुबंध पक्षों के कानूनों के तहत एक वर्ष से अधिक कारावास या अधिक कठोर दंड द्वारा दंडनीय है।
  • इस संधि के तहत प्रत्यर्पण किसी भी प्रत्यर्पण योग्य अपराध के लिए दिया जाएगा, भले ही अपराध का गठन करने वाला कार्य या कार्य कहीं भी किया गया हो।
  • राजनीतिक अपराध के लिए प्रत्यर्पण नहीं दिया जाएगा, हालांकि संधि कहती है कि सरकार के प्रति जानबूझकर किए गए अपराध, विमान अपहरण, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित व्यक्तियों के खिलाफ अपराध, बंधक बनाना और बहुत कुछ राजनीतिक अपराधों के दायरे से बाहर रहना चाहिए।
  • यह संधि उस स्थिति में प्रत्यर्पण पर रोक लगाती है जब वांछित व्यक्ति को अनुरोध प्राप्तकर्ता राज्य में उसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो या दोषमुक्त कर दिया गया हो, किन्तु यदि अनुरोध प्राप्तकर्ता राज्य में सक्षम प्राधिकारियों ने वांछित व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा चलाने से मना कर दिया हो या आपराधिक कार्यवाही बंद करने का निर्णय ले लिया हो तो यह प्रत्यर्पण पर रोक नहीं लगाती है।

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने लड़ी लंबी लड़ाई:

  • उल्लेखनीय है कि भारत सरकार लंबे समय से अमेरिका से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है, इसके लिए कई तरीके से काम भी किया जाता रहा है। इसके पीछे की वजह मुंबई हमलों में मारे गए लोगों को इंसाफ दिलाना था।
  • मई 2023 में, कैलिफोर्निया में एक अमेरिकी जिला अदालत ने राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी, लेकिन उसकी कानूनी टीम ने फैसले के खिलाफ अपील करना जारी रखा।
  • उल्लेखनीय है कि उसके खिलाफ मुंबई हमलों को लेकर पहले ही अमेरिका में मुकदमा चलाया जा चुका है, जिसमें उसे बरी किया जा चुका है, फिर भी अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि अमेरिका में मुंबई हमले के आरोपों पर तहव्वुर राणा का बरी होना भारत में उसके खिलाफ मुकदमा चलाने पर रोक नहीं लगाता है।

 

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